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पावर प्लांट में खत्म की जमीन की ताकत

संवाद सहयोगी, कोसली : सीमावर्ती गांव झाड़ली स्थित इंदिरा गांधी थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाल

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 May 2018 05:27 PM (IST)Updated: Fri, 04 May 2018 05:27 PM (IST)
पावर प्लांट में खत्म की जमीन की ताकत
पावर प्लांट में खत्म की जमीन की ताकत

संवाद सहयोगी, कोसली : सीमावर्ती गांव झाड़ली स्थित इंदिरा गांधी थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाले रासायनिक पानी से कोसली के गांव लिलोढ़ के किसानों की जमीन खराब हो रही है। रासायनिक पानी से प्लांट के साथ ही मौजूद गांव लिलोढ़ व गोरिया की करीब 300 एकड़ जमीन खराब हो चुकी है। जमीन खराब होने के कारण उसमें पैदावार तक नहीं हो रही है। मुआवजा देने की मांग को लेकर लिलोढ़ के ग्रामीण शुक्रवार को प्लांट की ओर जाने वाले रेलवे ट्रैक पर बैठ गए और प्लांट के लिए आई कोयले से भरी मालगाड़ी को रोक दिया। प्रशासनिक अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद प्लांट के अधिकारियों ने एक माह में मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। चार साल से परेशान किसान, नहीं हो रही सुनवाई

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रेलवे ट्रैक पर बैठे किसानों का कहना था कि थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाले रासायनिक पानी के कारण उनकी करीब 100 एकड़ जमीन खराब हो चुकी है तथा फसलों की पैदावार नहीं हो रही है। जमीन पर रासायनिक पानी जमा रहता है। गांव गोरिया की भी करीब 200 एकड़ जमीन इस पानी से प्रभावित है। वर्ष 2014 से किसान इस समस्या के समाधान की मांग कर रहे है। किसान कोसली एसडीएम से लेकर उपायुक्त व सीएम ¨वडो पर भी शिकायत दे चुके हैं। पावर प्लांट की ओर से खराब हो रही फसलों का मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा स्वयं मौका मुआयना किया जा चुका है और सभी संबंधित कागजात भी किसानों द्वारा जमा कराए जा चुके हैं। मिट्टी की जांच रिपोर्ट भी दी जा चुकी है। 27 अप्रैल को भी किसानों ने पावर प्लांट के अधिकारियों को शिकायत दी थी, परंतु इसके बाद भी कोई समाधान नहीं किया गया। किसानों को मजबूर होकर रेलवे ट्रैक पर बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनकी फसलों का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है और न ही रासायनिक पानी पर रोक लगाई जा रही है। एक माह का दिया आश्वासन

किसानों के रेलवे ट्रैक पर बैठ जाने की सूचना के बाद डीएसपी कोसली अनिल कुमार, तहसीलदार विजय ¨सह, कोसली थाना एसएचओ नरेंद्र ¨सह व नाहड़ चौकी इंचार्ज एएसआइ दिनेश कुमार भी मौके पर पहुंचे तथा किसानों से ट्रैक से हटने व मालगाड़ी को रवाना होने देने का आग्रह किया, परंतु किसानों ने मांग पूरी न होने तक हटने से इंकार कर दिया। अधिकारियों की मौजूदगी में थर्मल पावर प्लांट के डीजीएम अनिल कुमार व एजीएम अजय ¨सह से किसानों के बीच बातचीत हुई। डीजीएम व एजीएम ने किसानों को एक माह में मुआवजा वितरित करने का आश्वासन दिया। अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसान रेलवे ट्रैक से हट गए। किसानों के हटने के बाद कोयले से भरी मालगाड़ी को पावर प्लांट के लिए रवाना किया गया।


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