फसल अवशेष जलाने पर 15 हजार रुपये होगा जुर्माना
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : रबी फसल की कटाई के बाद उसके अवशेषों को जला दिए जाने से ह
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : रबी फसल की कटाई के बाद उसके अवशेषों को जला दिए जाने से होने वाले प्रदूषण से मनुष्य के स्वास्थ्य, संपत्ति की हानि, तनाव व जीवन को बाहरी खतरे की संभावना रहती है, जबकि इन अवशेषों से पशुओं के लिए भूसा बनाया जा सकता है। इसे जलाने से चारे की भी कमी हो जाती है।
उपायुक्त पंकज ने भारतीय दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 द्वारा पारित प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत जिला रेवाड़ी में ऐसे बचे हुए अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने अपने आदेशों में कहा है कि उपरोक्त आदेशों की अवहेलना में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो भारतीय दंड प्रक्रिया की धारा 188 संपठित वायु एवं प्रदूषण अधिनियम 1981 के तहत दंड का भागीदार होगा। ये आदेश आगामी दो माह तक लागू होंगे। उन्होंने कहा कि जिले में कोई भी व्यक्ति यदि खेतों में फसल अवशेष जलाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही के साथ-साथ उस पर ढाई से 15 हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
उपायुक्त पंकज ने कहा कि किसान रबी की फसल निकाले के बाद बचे हुए अवशेष को जला देते हैं जोकि न केवल वातावरण को दूषित करता है, बल्कि इससे चारे की कमी भी उत्पन्न होती है। इसके अलावा इससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जिसका सबसे अधिक प्रभाव बच्चों व अधिक आयु के लोगों पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने पर भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर हो जाती है, जिससे इसकी भौतिक सरंचना बिगड़ती है। इसके अलावा भूमि के कीट मित्र भी मर जाते हैं, जोकि भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने में सहायक होते हैं। उन्होंने बताया कि रोड के साथ लगते खेतों में अवशेष जलाने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे फसल के अवशेष ना जलाएं और इसका उचित प्रबंधन करते हुए इस चारे या खाद के रूप में इस्तेमाल करें। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे फसलों के अवशेषों को ना जलाएं बल्कि इनका उचित उपयोग करते हुए इसे चारे के रूप में या फिर खाद के रूप में प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि दो एकड़ तक के फसल अवशेष जलाने पर 2500 रुपये, दो से पांच एकड़ तक के फसल अवशेष जलाने पर 5 हजार रुपये तथा 5 एकड़ से अधिक एकड़ में फसल अवशेष जलाने पर 15 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।