पानीपत में हत्या, दशहरे मेला से लौट रहे युवकों ने रेलवे कर्मचारी को पीट-पीटकर मार डाला
पानीपत में हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। दशहरा मेला से लौट रहे युवकों ने रेलवे के कर्मचारी को पीट-पीटकर मार डाला है। वारदात को पानीपत के उग्राखेड़ी में अंजाम दिया गया है। मामला रात करीब दस बजे का बताया जा रहा है।
पानीपत, जागरण संवाददाता। उग्राखेड़ी के मनप्रीत की युवकों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। मनप्रीत रेलवे का कर्मचारी बताया गया है। वहीं, एक हादसे में युवक घायल हो गया है। सेक्टर 25 में दशहरे में हनुमान स्वरूप के साथ जा रहे वार्ड 10 के दीपक घायल हो गए। दीपक हनुमान स्वरूप के साथ था तभी बम फट गया। दीपक के सिर में 12 टांके लगे हैं। घायल दीपक कोशी और साल में दाखिल कराया गया।
यमुनानगर में सड़क किनारे शव मिला
बस स्टैंड के नजदीक वर्कशॉप रोड पर सड़क किनारे एक व्यक्ति का शव मिला है। उसके चेहरे पर चोट लगी हुई है। जिससे उसकी हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया है। मृतक की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। यमुनानगर शहर थाना प्रभारी कमलजीत का कहना है कि शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवा दिया है। शिनाख्त के लिए प्रयास जारी है। प्राथमिक जांच में मुंह पर चोट लगी हुई सामने आई है।
इधर, सड़क पर गिरने से सिक्योरिटी गार्ड की मौत
रिफाइनरी में ड्यूटी कर अपने घर गांव वैसर लौट रहे बाइक सवार की सड़क पर गिरने से मौत हो गई। आशंका जताई गई है कि किसी वाहन या पशु के सामने आने पर अचानक ब्रेक लगाए जाने से यह हादसा हुआ है। घटना बुधवार की रात्रि करीब साढ़े आठ बजे, गांव के पास की है। मृतक के परिवार में पत्नी सहित एक बेटा व बेटी हैं। बेटा कक्षा आठ और बेटी कक्षा छह की छात्रा है। सूचना मिलने पर पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंच गई है।
करनाल में यमुना में नहाते युवक डूबा
घरौंडा के गांव लालपुरा के समीप यमुना में नहाते समय एक व्यक्ति की मौत हो गई। व्यक्ति की पहचान डिंगर माजरा निवासी संजीव कुमार के रूप में हुई है। नहर में डूबा व्यक्ति कोई मन्नत पूरी होने पर पुत्र सहित यमुना स्नान के लिए गया था।मृतक के स्वजनों ने बताया कि संजीव कुमार (50 वर्ष) सुबह अपने लड़के दीपांशु को लेकर यमुना में नहाने के लिए गया था। संजीव कुमार ने पहले कोई मन्नत मांगी थी कि वह अपने लड़के को लेकर यमुना किनारे पाठ पूजा करने जाएगा। मन्नत पूरी होने पर वह बुधवार सुबह अपने पुत्र दीपांशु को लेकर यमुना पर चला गया। बताया जा रहा है कि पहले उसने यमुना किनारे बैठकर पाठ पूजा की और फिर अपने लड़के दीपांशु को यमुना में स्नान करवाया उसके बाद दीपांशु को बाहर बैठा कर खुद स्नान करने के लिए जैसे ही यमुना में उतरा और बाहर नहीं निकल पाया।