Move to Jagran APP

चंदा इकट्ठा कर बेसहारा गोवंश के लिए बना दी बाल गोपाल गोशाला

शहर से 20 किलोमीटर दूर मांडी गांव के 75 युवकों ने कमेटी गठित कर गोशाला बना दी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 06:34 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 06:34 PM (IST)
चंदा इकट्ठा कर बेसहारा गोवंश के लिए बना दी बाल गोपाल गोशाला
चंदा इकट्ठा कर बेसहारा गोवंश के लिए बना दी बाल गोपाल गोशाला

विजय गाहल्याण, पानीपत :

loksabha election banner

शहर से 20 किलोमीटर दूर मांडी गांव के 75 युवकों ने कमेटी गठित की और चार लाख रुपये चंदा इकट्ठा करके बेसहारा गोवंश के लिए बाल गोपाल गोशाला बना दी। चारे से लेकर गोवंश की देखभाल की जिम्मेदारी भी युवा संभाले हुए हैं। अब यहां पर 150 गोवंश हैं। युवाओं की मेहनत देख पंचायत ने प्रस्ताव पास करके नौ एकड़ गोचरान जमीन गोशाला के लिए दे दी है। मांडी के अलावा पूठर, बांध, चमराड़ा व आसपास के गांवों के लोगों ने 200 ट्राली तूड़ा व 400 मन अनाज गोवंश के लिए दान दिया है। 2000 गोवंश की होगी क्षमता : बाल गोपाल गोशाला कमेटी के प्रधान व पूर्व सरपंच रणधीर शर्मा ने बताया कि गोशाला में नौ शेड बनाए जाएंगे। इनमें बछड़े-बछड़ियों और गायों के लिए अलग-अलग रखने की व्यवस्था होगी। इनके इलाज के लिए डॉक्टर भी रखा जाएगा। यहां पर देसी गायों की नस्ल सुधार के भी प्रबंध किए जाएंगे, ताकि देसी गाय ज्यादा दूध दे और लोग उनके पालन में दिलचस्पी ले सकें। राह आसान नहीं थी, हिम्म्मत नहीं हारी

मास्टर राजेश ने बताया कि एक साल पहले गांव में बेसहारा गोवंश को घूमते व पोलोथिन खाते देखा तो मन दुखी हो गया। फिर फौजी विनोद, पुलिसकर्मी सत्यवान, अंकित, बिजेंद्र, मोनू, कृष्ण, ऋषिपाल, दीपू सीटू और योगेंद्र सहित 75 युवाओं की कमेटी गठित कर गोशाला बनाने की ठान ली। राह आसान नहीं थी, क्योंकि इसके लिए धन के साथ-साथ जमीन की जरूरत थी। गांव में कई बार पंचायत कर सहयोग की मांग की। अपने व आसपास के गांवों से चंदा इकट्ठा किया। उन्हें हरियाणा गोरक्षा दल के प्रदेश उपाध्यक्ष आजाद आर्य ने प्रोत्साहित किया। सरकार से भी आर्थिक सहयोग दिलाने का आश्वासन दिया। गोचरान भूमि पर बांस की बल्लियों से बाड़ बनाई। शेड नहीं होने के कारण छायादार पेड़ों के नीचे गोवंश के रखने व पानी की व्यवस्था की गई। जनवरी में जहां 25 गोवंश था। अब यहां 150 है। प्रधान रघबीर शर्मा ने पांच लाख और सरपंच के ससुर धर्मबीर ने एक लाख रुपये चंदा दिया है।

जिले में 18 गोशाला, 10 हजार गोवंश अब भी बेसहारा

हरियाणा गोरक्षा दल के प्रदेश उपाध्यक्ष आजाद आर्य ने बताया कि जिले में 18 गोशाला हैं। इनमें नारा, पट्टीकल्याणा, समालखा, शाहपुर, नौल्था, जलमाणा, सनौली, सिवाह, पानीपत में चार, समालखा में दो, डिकाडला और नैन गांव की गोशाला शामिल हैं। इनमें करीब 20 हजार गोवंश रखने की क्षमता है। अभी भी दस हजार गोवंश बेसहारा है। इसके लिए पांच से छह और गोशालाओं की जरूरत है। मांगी गांव के युवाओं व ग्रामीणों ने गोशाला बनाने का सराहनीय काम किया है। गोवंश को नहीं रहेगी चारे की दिक्कत

मांडी गांव की सरपंच ज्योति का कहना है कि बेसहारा गायों को चारे की दिक्कत रहती थी। अब गोशाला में न सिर्फ गायों की सही से देखरेख होगी बल्कि चार एकड़ में उनके लिए चारे का भी प्रबंध किया जाएगा। इसके अलावा आसपास के गांवों का भी सहयोग लिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.