मुहल्ले से पेड़ निकालने के विरोध में युवक की पीट-पीटकर हत्या
इसराना थाना क्षेत्र के लोहारी गांव में मुहल्ले से आंधी में टूटा हुआ पेड़ निकालने को लेकर वीरवार रात दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया। जिसमें एक युवक की मौत हो गई और मृतक पक्ष के आधा दर्जन से अधिक महिला-पुरुष गंभीर रूप से घायल हुए। युवक की मौत पर स्वजनों ने सिविल अस्पताल में पुलिस के विरोध में नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा किया। गुस्साएं लोगों ने लघु सचिवालय के लिए कूच किया तो पुलिस ने अस्पताल के दोनों गेट बंद कर दिए। काफी प्रयास के बाद लोग शांत हुए। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : इसराना थाना क्षेत्र के लोहारी गांव में आंधी में टूटा हुआ पेड़ हटाने को लेकर वीरवार रात दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया। जिसमें एक युवक की मौत हो गई। मृतक पक्ष के आधा दर्जन से अधिक महिला-पुरुष गंभीर रूप से घायल हुए। युवक की मौत पर स्वजनों ने सिविल अस्पताल में पुलिस के विरोध में नारेबाजी की। खूब हंगामा किया। गुस्साए लोगों ने लघु सचिवालय के लिए कूच किया तो पुलिस ने अस्पताल के दोनों गेट बंद कर दिए। काफी प्रयास के बाद लोग शांत हुए। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया है।
अंकुश (21) उर्फ जोजी बीते शनिवार को आंधी में टूटे सफेदे के पेड़ को ट्रैक्टर से बांध कर घर ले जा रहा था। जैसे ही वह वाल्मीकि मुहल्ले में पहुंचा तो आरोप है कि सरपंच संदीप के स्वजनों ने पेड़ लेकर मुहल्ले से गुजरने का विरोध किया। दोनों पक्षों में बहस के बाद हाथापाई हो गई। इसी बीच अंकुश के फोन पर पिता राजेंद्र, भाई अनुज व नीरज भी मौके पर पहुंच गए। मुहल्ले के लोगों ने तीनों पिता-पुत्रों को मारपीट कर एक कमरे में बंद कर दिया। मारपीट की जानकारी पर अंकुश पक्ष के आठ-दस लोग भी मौके पर पहुंचे। दूसरे पक्ष ने छतों से पथराव के साथ लाठी-डंडों व तलवार से हमला कर दिया। आरोप है कि इसी दौरान सरपंच ने गांव की लाइट कटवा दी। जिस कारण अंकुश पक्ष के लोगों को अधिक चोटें आई। गंभीर रूप से घायल अंकुश को किसी तरह स्वजन लेकर असंध रोड स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे। जहां से उसे प्रेम अस्पताल रेफर किया गया। यहां चिकित्सकों ने अंकुश को मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार सुबह गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाकर सिविल अस्पताल में जमकर नारेबाजी की। ग्रामीण लघु सचिवालय में डीसी से शिकायत करने के लिए चले तो पुलिस ने अस्पताल के दोनों गेट बंद कर दिए। स्थिति को संभालने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
100 नंबर से एसपी तक को फोन, समय से नहीं पहुंची पुलिस
अंकुश के चचेरे भाई विजय ने बताया कि झगड़े के बाद उसने 100 नंबर पर फोन किया तो रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद उसने एसएचओ को फोन किया। उन्होंने थोड़ी देर में आने की बात कही। इससे असंतुष्ट विजय ने एसपी को फोन कर मामले की जानकारी दी। आरोप है कि रात 9:30 बजे एएसआइ राजपाल नशे की हालत में गांव पहुंचे और सरपंच से मिले। जबकि शिकायत उन्होंने की थी। स्वजनों ने बताया कि पुलिस ने आरोपितों पर कार्रवाई करने के स्थान पर अंकुश के पिता से गाली-गलौज व अभद्रता की और उनके भाइयों को धमकाया।
अंकुश की छाती-जांघ, गर्दन व कमर पर किए वार
हमलावरों ने अंकुश छाती और जांघ पर ईंट से, गर्दन पर डंडे और कमर पर तलवार से वार किए गए। आरोपितों ने अंकुश को बाइक पर बैठाते हुए कई वार किए। गंभीर रूप से घायल अंकुश ने प्रेम अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। इसके अलावा अंकुश पक्ष के संदीप, धर्मपाल व अमन तलवार लगने से और नीता, टिकू व सुरेश ईंट लगने से गंभीर रूप से घायल हुए।