बिहार के पूर्व केंद्रीय मंत्री का पीए बता रौबा झाड़ा, यूं ठग ले गया 28 लाख रुपये
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. रामबिलास पासवान का पीए बताकर सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी का मामला सामने आया। ठगों ने एफसीआइ में नौकरी लगवाने के नाम पर हड़पे साढ़े 28 लाख रुपये। पांच लोगों पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।
कैथल, जेएनएन। एफसीआइ, पुलिस, रेलवे सहित अन्य विभागों में नौकरी लगवाने का झूठा आश्वासन देकर साढ़े 28 लाख रुपये हड़पने के मामले में पुलिस ने पांच आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इन पांच आरोपितों में से एक आरोपित बिहार सिवान के गांव भंतापोकर निवासी विनोद भगत ने अपने आप को केंद्रीय मंत्री रहे स्व. रामबिलास पासवान का पीए बताया था।
सदर थाना पुलिस को दी शिकायत में बरटा गांव निवासी दिलबाग सिंह ने बताया कि वह ठेकेदार के माध्यम से पल्लेदारी का कार्य करता है। फतेहाबाद के गांव गाजूवाला निवासी ओमबीर उसका रिश्तेदार है। इन लोगों ने उसे व उसके अन्य किसी रिश्तेदारों व जानकारों को एफसीआइ व अन्य विभागों में नौकरी दिलवाने के लिए अक्टूबर 2018 फरवरी व अप्रैल 2019 में रुपये लिए थे।
नौकरी दिलवाने की एवज में जो रुपये व जिस पद के लिए रकम ली थी, उसमें दिलबाग से एफसीआइ में पल्लेदार के लिए चार लाख 25 हजार रुपये, महाबीर से पल्लेदार के लिए तीन लाख 50 हजार रुपये, संदीप सौंगरी से पल्लेदार के लिए दो लाख 50 हजार रुपये, मनोज नौच से दो लाख रुपये, पल्लेदार के लिए कल्याण सिंह बेलरखां, गुरमेल सिंह भूलन से रेलवे में एफसीआइ के लिए छह लाख 50 हजार रुपये, बड़ौदा निवासी राहुल से हरियाणा पुलिस के लिए दो लाख 75 हजार रुपये, अजय बुढ़ाखेड़ा से ग्रुप डी के लिए दो लाख रुपये, रेवर निवासी बलविंद्र से ग्रुप डी के लिए डेढ़ लाख रुपये की धोखाधड़ी की।
शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपित निर्दोष ने स्वयं को केंद्रीय मंत्री स्व.रामबिलास पासवान का पीए बताते हुए नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। सदर थाना पुलिस इंचार्ज जयभगवान ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में निर्दोष के अलावा फतेहाबाद के गांव गाजूवाला निवासी जनकराज, सामण निवासी ओमबीर, बिहार के सिवान के गांव भंतापोकर निवासी विनोद भगत के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर जांच शुरू कर दी है।
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