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नमामि गंगे की तरह यमुना को भी पूरी तरह से किया जाएगा स्वच्छ, मांगी गई रिपोर्ट

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा नमामि गंगे की तरह यमुना को भी पूरी तरह से स्वच्छ किया जाएगा। मंत्री ने हथनी कुंड बैराज से लेकर यमुनानगर तक दौरा किया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 05:49 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 05:49 PM (IST)
नमामि गंगे की तरह यमुना को भी पूरी तरह से किया जाएगा स्वच्छ, मांगी गई रिपोर्ट
नमामि गंगे की तरह यमुना को भी पूरी तरह से किया जाएगा स्वच्छ, मांगी गई रिपोर्ट

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। नमामि गंगे की तरह अब यमुना नदी को भी पूरी तरह से स्वच्छ किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री रतनलाल कटारिया ने हथनीकुंड बैराज से लेकर यमुनानगर में यमुना नदी व नहर का दौरा किया। यहां पर उन्होंने एसटीपी प्लांटों का निरीक्षण किया। साथ ही यमुना में नालों का पानी गिरने से रोकने के लिए भी अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय मंत्री कटारिया ने कहा कि उनका पूरा ध्यान यमुना की शुद्धता पर है। यमुना मैली नहीं होनी चाहिए। किन वजहों से यमुना गंदी हो रही है। इसके लिए ही यह दौरा है। इस दौरे के बाद जो भी खामियां सामने आएंगी। उनके आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी और यमुना को साफ करने के लिए प्‍लानिंग तैयार होगी। अब तक एसटीपी व अन्य संसाधनों पर पैसा खर्च किया जा रहा है, लेकिन यमुना मैली है। यह तो वही बात हुई कि पानी ज्यों का त्यो, फिर कंगन डूबा क्यों। 

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हथनीकुंड से लेकर यमुनानगर तक यमुना में गिर रहा गंदा पानी 

हथनीकुंड बैराज पर भी केंद्रीय मंत्री ने निरीक्षण किया। इसके बाद परवालो ट्रीटमेंट प्लांट, जम्मू कालोनी में लगे ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण किया। यहां की क्षमता के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। इसके अलावा उन जगहों को भी देखा, जहां पर यमुना नदी व यमुना नहर में गंदा पानी गिर रहा है। हालांकि इस दौरान पब्लिक हेल्थ के चीफ इंजीनियर एमके राणा ने कहा कि नालों का पानी साफ कर खेती में प्रयोग किया जाएगा। अभी पिछले दिनों बैठक हुई थी। जिसमें पॉलिसी बनाने पर विचार हुआ था। इसके लिए 2200 करोड़ रुपये का बजट भी तय किया गया है। वहीं केंद्रीय मंत्री कटारिया ने बताया कि यह 2030 तक की पॉलिसी है। हम अभी की बात कर रहे हैं। फिलहाल किस तरह से यमुना शुद्ध हो। इसके लिए अधिकारी रिपोर्ट तैयार कर दें।

हथनीकुंड बैराज पर 16158 क्यूसेक पानी का बहाव

हथनी कुंड बैराज पर सीजन का अधिकतम 16158 क्यूसिक पानी रिकॉर्ड किया गया। पश्चिमी यमुना नहर में 14 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पूर्वी यमुना नहर में 1804 क्यूसिक तथा यमुना में 352 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। पश्चिमी यमुना नहर अपने अधिकतम जल स्तर पर बही। जानकारी के अनुसार हथनी कुंड बैराज पर आज दोपहर एक बजे तक कुल पानी 16158 क्यूसिक दर्ज किया गया। पश्चिमी यमुना नहर में मांग के मुताबिक 14 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसी प्रकार पूर्वी यमुना नहर में 1804 क्यूसिक तथा यमुना में 352 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। पिछले महीने तक हथनी कुंड बैराज पर अधिकतम जलस्तर लगभग पांच हजार क्यूसेक दर्ज किया जाता रहा है। माह के प्रथम सप्ताह में यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई और पश्चिमी यमुना नहर में उसकी मांग के मुताबिक पानी की सप्लाई की जा रही है। इसके अलावा पानी पर आधारित चारों पन बिजली परियोजनाओं को भी उनकी मांग के मुताबिक पानी की सप्लाई हो रही है।


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