पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में बारिश, यमुनानगर का जलस्तर बढ़ा, अस्थाई रास्ता बहने से मुश्किल में किसान
पहाड़ों और मैदानी इलाकों में बारिश हो रही है। बारिश की वजह से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है। यमुनानगर में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से अस्थाई पुल बह गया है। इससे किसानों को आवागमन में परेशानी हो रही है।
जठलाना (यमुनानगर), संवाद सहयोगी। पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में लगातार हुई बारिश के बाद यमुना नदी के जलस्तर भी बढ़ गया। नदी में बहे करीब पांच हजार क्यूसिक पानी ने नगली घाट पर बना अस्थाई रास्ता भी बह गया। इससे एक ओर जहां ओवरब्रिज का कार्य प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर किसानों को यमुना नदी पार अपने खेतों में जाने के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। बता दे कि कई बार यह रास्ता यमुना नदी के पानी में बह जाता है। इसी रास्ते से क्षेत्र के सैकड़ों किसान यमुना नदी पार अपने खेतों में जाते है। किसानों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इस अस्थाई रास्ते का प्रबंध करवाने की मांग की है।
गन्ना उत्पादक किसान अधिक परेशान
किसान सुरजीत सिंह भूरा, हरनाम, अवतार, विनोद, बलविंद्र व मनोज का कहना है कि क्षेत्र के सैकडों किसानों की हजारों एकड़ भूमि यमुना नदी पार स्थित है। जहां किसानों ने गेहूं, सब्जी व गन्ने की फसल उगाई हुई हैं। अपने खेतों में जाने के लिए किसान इस रास्ते का प्रयोग करते थे। लेकिन अब रास्ता बह जाने से या तो उन्हें लंबा सफर तय कर कलानौर के रास्ते खेतों में जाना पड़ेगा या फिर अपनी जान जोखिम में डाल कर खेतों में पहुंचना होगा। लेकिन इस समय गन्ना उत्पादक किसानों के लिए समस्या गंभीर है। इस समय गन्ने की फसल की कटाई चल रही है। फसल को शुगर मिल तक पहुंचाने के लिए अब उन्हें लंबी दूरी तय करनी होगी जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान व समय की बर्बादी की परेशानी को झेलना होगा।
पुल निर्माण में भी होगी देरी
यमुना नदी पर करोड़ों रुपये की लागत से पुल का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। पुल निर्माण कार्य में दिक्कत न हो इसलिए ठेकेदार अस्थाई रास्ते का निर्माण करते है। जिस पर लाखों रुपये खर्च होते है। कई बार यह अस्थाई रास्ता बह चुका है। जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है वहीं पुल निर्माण कार्य में भी देरी हो रही है। पुल का कार्य 2021 में पूरा होना था लेकिन अगर इसी प्रकार बार बार अड़चन आती रही तो इसके निर्माण में और अधिक देरी हो सकती है।