यमुना का कहर, करनाल में खेतों में घुसा पानी, फसल बर्बाद, प्रशासन ने अलर्ट जारी किया
यमुना नदी का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है। पहाड़ों में हो रही भारी बारिश की वजह से जलस्तर बढ़ा। नदी का गांवों की तरफ बढ़ रह है। इससे नदी से लगे खेतों में पानी भर गया है। इससे फसल बर्बाद हो गई हैं।
करनाल, जागरण टीम। करीब डेढ़ माह बाद एक बार फिर यमुना नदी में जल स्तर अचानक बढ़ गया। इसी के साथ जिले में गढ़ी बीरबल और घरौंडा क्षेत्र के यमुना से सटे गांवों के लोगों के खेतों तक पहुंचे पानी ने तबाही मचा दी। इससे बड़े पैमाने पर फसल बर्बाद होने की आशंका जताई जा रही है।
वहीं, सिंचाई विभाग की ओर से किए गए अलर्ट के चलते यमुना से नजदीकी गांवों में शामिल गढ़ी बीरबल क्षेत्र के चंद्राव, चौगंवा, हंसु माजरा गढ़पुर, नबियाबाद, जप्ती छपरा, सैयद छपरा, नगली, हलवाना, डाबकोली कलां और घरौंडा क्षेत्र के लालपुरा सहित अन्य गांवों के लोगों से अधिकारियों ने फिलहाल नदी से सटे खेतों का रुख नहीं करने के लिए कहा है। इसके लिए चेतावनी भी जारी की गई है। प्रशासनिक स्तर पर इसके लिए टीमों का गठन करने के साथ ही नियमित रूप से अपडेट देने की हिदायत दी गई है।
पर्वतीय क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बरसात के नतीजे में मध्यरात्रि के बाद यमुनानगर जिले के क्षेत्रों में यमुना का जल स्तर बढ़ गया। इसे देखते हुए सिंचाई विभाग की ओर से करनाल व अन्य जिलों को भी एहतियातन अलर्ट जारी कर दिया गया। नतीजतन गढ़ी बीरबल और घरौंडा क्षेत्र में विभागीय अधिकारियों ने यमुना से सटे गांवों के निवर्तमान सरपंचों व अन्य गणमान्य लोगों से संपर्क साधकर सतर्क रहने केे लिए कहा है। इससे यमुना क्षेत्र में खेती करने वाले किसानों की चिता भी बढ़ गई और उन्हें यमुना में बाढ़ की चिता सताने लगी।
बताया जा रहा है कि यमुना में रात को करीब दो लाख 57 हजार क्यूसेक पानी दर्ज किया गया था, जिसके बाद सुबह तक इसमें और इजाफा हो गया। सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेश चोपड़ा ने बताया कि विभागीय स्तर से तमाम एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। आपस में समन्वय बनाकर हर प्रकार की चुनौती से निपटने की तैयारी है। यमुना नदी से सटे क्षेत्रों में लोगों से कहा गया है कि जब तक जल स्तर अधिक है, वे किसी भी सूरत में नदी का रुख न करें।
पहाड़ों में बरसात से बढ़ा जलस्तर
क्षेत्र के गढी़बीरबल, गढ़पुर टापू, चौगावां समेत कई गांवों के किसान यमुना किनारे स्थित अपने खेतों में जीरी, ईख व सब्जी आदि फसल लगाते हैं। हाल तक यमुनानदी में सामान्य स्तर पर पानी बह रहा था। लेकिन पहाड़ी इलाकों में लगातार भारी बरसात होने से बीती रात यमुना नदी में जल स्तर भी बढऩे लगा। जल स्तर बढऩे से अनेक किसान नदी पार खेतों में नहीं जा पाए। कई खेतों में पानी घुसने से बड़े पैमाने पर फसल बर्बाद होने की आशंका जताई जा रही है।
व्यापक हानि की आशंका
यमुनानदी क्षेत्र में खेती करने वाले किसान सद्दाम और अनिल ने बताया कि सोमवार सुबह क्षेत्र में यमुना का जल स्तर बढ़ा है। किसानों ने नदी क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की फसल लगा रखी हैं। जब नदी का जल स्तर बढ़ता है तो यमुनापार खेती करने वाले कई किसान ट्यूब व देसी जुगाड़ के सहारे जान के खतरे के बीच बेहद मुश्किल हालात में नदी पार करते हैं। फिलहाल खेतों में जाने पर रोक लगा दी गई है। पानी घटने या बढऩे की सही स्थिति का देर रात व अगली सुबह पता चल पाएगा।
नियंत्रण में यमुना का जल बहाव
सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेश चोपड़ा का कहना है कि हथनीकुंड बैराज से सुबह जानकारी मिली थी कि यमुना का जल स्तर बढ़ा है। इसे देखते हुए तमाम आवश्यक एहतियाती इंतजाम किए जा रहे हैं। आगे पानी बढ़ेगा या नहीं, कहना संभव नहीं है। लेकिन पीछे लगातार बारिश हुई तो पानी और बढ़ने की पूरी संभावना है।
प्रशासनिक टीम पूरी तरह अलर्ट
गढ़ी बीरबल क्षेत्र में चंद्राव, चौगंवा, हंसु माजरा गढ़पुर, नबियाबाद, जप्ती छपरा, सैयद छपरा, नगली, हलवाना, डाबकोली कलां आदि गांव जलभराव से प्रभावित होते हैं। ग्रामीण गुरमुख सिंह, बलिहार सिंह, बाबू राम, हैदर, गुरनाम, वीरभान, विनोद, जरनैल ने बताया कि वे यमुना पार खेती करते हैं। पानी बढ़ने से लेकर चिता होना लाजिमी है। वहीं एसडीएम आनंद कुमार शर्मा ने बताया कि प्रशासनिक टीम अलर्ट हैं। संभावित बाढ़ राहत कार्य पूरे हैं। निवर्तमान सरपंचों को सहायता नंबर दिए हैं। ग्रामीणों को खेतों में जाने से रोका गया है। पानी और बढ़ता है तो मुनादी कराकर सबको सचेत किया जाएगा।