यमुनानगर के नटवरलाल, पानीपत के पार्षद को ठग लिया, जमीन बेचने के नाम 35 लाख ठगे
यमुनानगर के ठग गिरोह ने जमीन खरीदने के नाम पर पानीपत नगर निगम पार्षद से 35 लाख की ठगी कर ली। खुद को प्रॉपर्टी डीलर कहने वाले आरोपितों ने किसी और की जमीन को खुद का बताकर ठगी की।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। जमीन खरीदने के नाम पर पानीपत नगर निगम पार्षद दुष्यंत कुमार ठगी का शिकार हो गए। जिस जमीन के उन्होंने 35 लाख रुपये बयाने के तौर पर दिए। वह जमीन पहले ही किसी और बेची जा चुकी थी। ठगी का पता लगने पर उन्होंने आरोपितों से पैसे वापस मांगे, तो उन्हें पैसे नहीं मिले। जिस पर दुष्यंत कुमार ने एसपी कमलदीप गोयल को शिकायत दी। जांच के बाद मामले में तीन आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
पानीपत के विवारस कालोनी निवासी दुष्यंत कुमार के पास अंबाला के साहा निवासी अशोक कुमार का आना जाना था। वह प्रोपर्टी डीलिंग का कार्य करता था। इस बीच अशोक ने उन्हें बताया कि पाबनी कलां गांव में सवा नौ किल्ले जमीन बिकाऊ है। इस जमीन में प्लाट काटकर बाद में अधिक दामों पर बेचकर अच्छा मुनाफा मिलेगा। जिस पर दुष्यंत उसकी बातों में आ गए और इस जमीन को खरीदने के लिए तैयार हो गया।
अशोक ने उन्हें जमीन मालिक पाबनी कलां निवासी जगदीप और उसकी बहन रजनी से मिलाया। दोनों ने खुद को जमीन का मालिक बताया। सौदा तय होने पर एग्रीमेंट के रूप में उन्हें 35 लाख रुपये दे दिए। जून 2012 में रजिस्ट्री की तारीख तय कर दी गई। दुष्यंत ने बताया कि जब तय समय पर वह रजिस्ट्री कराने के लिए तहसील जगाधरी में गए, तो आरोपित वहां पर नहीं पहुंचे। काफी देर तक इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आए। बाद में उन्होंने कॉल भी रिसिव करनी बंद कर दी। शक होने पर जमीन के बारे में तहसील में पता किया, तो जानकारी मिली कि यह जमीन पहले ही किसी और को बेची जा चुकी है। इस पर वह आरोपितों के पास गए और उन्हें पैसे वापस करने के लिए कहा, लेकिन जगदीप व रजनी ने पैसे वापस नहीं किए।
गिरोह बना रखा आरोपितों ने :
दुष्यंत का आरोप है कि आरोपित जगदीप, अशोक व रजनी ने गिरोह बनाया हुआ है। यह जमीन बेचने के नाम पर बैनामा की रकम लेते हैं। बाद में मुकर जाते हैं या फिर मामला कोर्ट में चला जाता है। जहां पर कभी स्टे ले लेते हैं, तो कभी कोई अडंगा लगवा देते हैं। इसी तरह से इन आरोपितों ने कई अन्य लोगों को भी ठगा है।