यमराज भी धरा का हाल देख चकरा गए, ट्रैफिक नियमों को अपनाओ
एसडी पीजी कॉलेज में जिला प्रशासन के सहयोग से सड़क सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम का शानदार आगाज किया गया। रंगकर्मियों ने ¨जदगी ना मिलेगी दोबारा और यमराज जीवनदान योजना डॉट कॉम नाटक की प्रस्तुति देकर युवाओं को सड़क हादसों के दर्द का मंचन कर नियमों को अपनाने का संदेश दिया। रंगकर्मियों ने दिखाया कि यहां के सड़क हादसों में होने वाली मौतों से ¨चतित यमराज जब यमलोक से धरा पर आए तो यहां पर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी को देखकर चकरा गए।
जागरण संवाददाता, पानीपत : एसडी पीजी कॉलेज में जिला प्रशासन के सहयोग से सड़क सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम का शानदार आगाज किया गया। रंगकर्मियों ने ¨जदगी ना मिलेगी दोबारा और यमराज जीवनदान योजना डॉट कॉम नाटक की प्रस्तुति देकर युवाओं को सड़क हादसों के दर्द का मंचन कर नियमों को अपनाने का संदेश दिया। रंगकर्मियों ने दिखाया कि यहां के सड़क हादसों में होने वाली मौतों से ¨चतित यमराज जब यमलोक से धरा पर आए तो यहां पर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी को देखकर चकरा गए।
सड़क सुरक्षा अभियान के उद्घाटन कार्यक्रम में नगर निगम कमिश्नर प्रदीप कुमार डागर मुख्यातिथि और एसडीएम पानीपत विवेक चौधरी विशिष्ट अतिथि रहे। कॉलेज प्रधान दिनेश गोयल और प्राचार्य डॉ. अनुपम अरोड़ा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। परिवहन विभाग के सहायक सचिव दौलत राम और ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर सुशील कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे।
युवा शक्ति आए आगे
कमिश्नर प्रदीप कुमार डागर ने कहा कि सड़क सुरक्षा चेतना अभियान राष्ट्र को बचाने और सुरक्षित रखने की एक सुंदर मुहिम है। सड़क दुर्घटनाओं में मौत होना गंभीर और ¨चतन का विषय है। युवा शक्ति को इसको लेकर आगे आना होगा। उनकी जागरूकता से ही सड़क हादसों में कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि इन हादसों का एक बड़ा कारण सड़कों का टूटना और अतिक्रमण है। वे शहर में सड़कों की स्थिति को सुधारने और अतिक्रमण हटाने को प्रयासरत हैं।
समाज के लिए बनाए नियम
एसडीएम विवेक चौधरी ने कहा कि नियम और मानक समाज के लिए ही बनाए गए हैं। लोगों को इनको अपने जीवन में अपनाना चाहिए। विदेशों में यातायात नियम तोड़ना सबसे बड़ा अपराध माना जाता है और ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाती है।
सरकार को अधिक जवाबदेह बनाना होगा
वरिष्ठ पत्रकार सतीश श्रीवास्तव ने कहा कि मूल्यविहीन ज्ञान एवं शिक्षा को ग्रहण करने का कोई औचित्य नहीं है। हमें सरकार और इसके अधिकारथ्यों को और अधिक जवाबदेह बनाना होगा। छोटे बच्चों को वाहन देकर अभिभावक खुद को बड़ा न समझें।
हर चार मिनट में एक मौत
प्राचार्य डॉ. अनुपम अरोड़ा ने कहा कि दुनियाभर में प्रति वर्ष 15 लाख लोगों की जान सड़क हादसों में जाती है जबकि देश का यह आंकड़ा 1.5 लाख है। इस हिसाब से देश में हर 4 मिनट में एक व्यक्ति की मौत सड़क पर होती है, इतनी मौतें तो युद्धों में भी नहीं हुई हैं।
कॉलेज प्रधान दिनेश गोयल ने कहा कि भाग-दौड़ भरी ¨जदगी में सेलफोन हमारी ¨जदगी का अहम हिस्सा बन गया है, परंतु गाड़ी चलाते समय इसका प्रयोग करना खतरनाक है। इस अवसर पर डॉ. संगीता गुप्ता, डॉ. एसके वर्मा, डॉ. राहुल जैन, डॉ. नागेश चतुर्वेदी, डॉ. भारती गुप्ता, डॉ. संतोष कुमारी, डॉ. प्रियंका चांदना, प्रो. यशोदा अग्रवाल, प्रो. इंदु पुनिया और दीपक मित्तल मौजूद रहे।