World Water Day 2022: अभी नहीं संभले तो भविष्य में होगी परेशानी, हरियाणा में जल संकट, देखें हालात
World Water Day 2022 हरियाणा में जल संकट गहराता जा रहा है। भूमिगत जल की ऊपरी सतह सूख चुकी है अभी नहीं संभले तो भविष्य में होगी परेशानी। अंबाला में करीब 12 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई रोजाना होती है।

अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला जिले में भूमिगत जल स्तर जहां 300 मीटर (करीब एक हजार फीट) गहराई तक पहुंच चुका है और ऊपरी सतह (लेयर) सूख चुकी है। हालात चेतावनी भरे हैं और अभी संभलना होगा नहीं तो भविष्य में जल संकट पैदा हो सकता है। अंबाला के हालात बिगड़ने तो लगे हैं, लेकिन पानी को व्यर्थ गंवाना महंगा पड़ सकता है। जिला अंबाला में रोजाना लगभग 12 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में है। आंकड़े बताते हैं कि स्थिति में हम सभी को मिलकर हालात सुधारने होंगे नहीं तो भविष्य के हालातों के जिम्मेदार हम होंगे।
यह है स्थिति
जिला अंबाला की बात करें, तो करीब 1200 ट्यूबवेल पानी उगल रहे हैं। इसके अलावा नहरी पानी की सप्लाई अलग से होती है। पानी के कनेक्शनों की बात करें तो ग्रामीण शहर में 1 लाख 18 हजार के करीब हैं, तो शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 98 हजार 300 के करीब है। ग्रामीण क्षेत्रों में 800 के आसपास ट्यूबवेल हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में इनकी संख्या 200 है। नहरी पानी सप्लाई से लेकर ट्यूबवेल से पानी आपूर्ति की बात करें, तो रोजाना 12 करोड़ लीटर पानी सप्लाई किया जाता है।
सूख चुकी है पहली परत
यह है भूमिगत जल की स्थितिजिला में भूमिगत जल की स्थिति देखें तो पानी करीब 50 मीटर पर ही उपलब्ध हो जाता था। दशकों तक पानी दोहन होते रहने के कारण अब यह शहरी क्षेत्र में 300 मीटर तो ग्रामीण क्षेत्र में 200 मीटर नीचे तक जा चुका है। यदि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, सोकपिट, रूफ टाप सिस्टम को नहीं अपनाया गया, तो भूमिगत जलस्तर और नीचे जा सकता है। कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां भूमिगत जल की पहली परत ही सूख चुकी है, जिसके चलते डीप बोरिंग करनी पड़ रही है ताकि पानी की आपूर्ति की जा सके।
प्रति व्यक्ति पानी सप्लाई
जिला में प्रति व्यक्ति पानी सप्लाई का आंकड़ा शहरी और ग्रामीण स्तर पर अलग-अलग है। जनस्वास्थ्य विभाग की मानें, तो ग्रामीण क्षेत्र में 70 लीटर प्रति व्यक्ति तथा शहरी क्षेत्र में 155 लीटर प्रति व्यक्ति पानी सप्लाई किया जाता है। विभाग का दावा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी व्यर्थ में काफी कम बहाया जाता है, जबकि शहरी क्षेत्र में यह अधिक है।
सौ करोड़ रुपये बनता है बिल
आमदनी में भी काफी कमीविभाग द्वारा रोजाना 12 करोड़ लीटर के करीब पानी सप्लाई किया जाता है। सालाना करीब सौ करोड़ रुपये का बिल बनता है, लेकिन यह दस करोड़ रुपये ही मिल पाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 42 करोड़ और शहरी क्षेत्र में 64 करोड़ के आसपास बिलिंग होती है, जिसका काफी कम ही विभाग को मिल पाता है।
इस तरह से बचाना होगा पानी
- भूमिगत जलस्तर बढ़ाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, सोकपिट आदि को अपनाना होगा- पानी का इस्तेमाल सोच समझकर करें, जबकि सफाई या सिंचाई के लिए पीने के पानी के अलावा अन्य पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं
- पानी को व्यर्थ न बहाने के लिए बच्चों को जागरूक करना होगा, ताकि वे आगे चलकर पानी बचाना अपनी आदत में डाल लें- गांवों में थ्री अथवा फाइव पौंड सिस्टम को अपनाएं, ताकि सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था हाे सके
लोग पानी का महत्व समझें
जनता को पानी सप्लाई सही और समय पर मिले, इसके लिए व्यवस्था की गई है। लोग भी पानी का महत्व समझें ताकि भविष्य में परेशानियां न झेलनी पड़ें। जमीनी पानी तीन सौ मीटर तक जा चुका है, जबकि हालात और बिगड़ सकते हैं यदि हम अभी भी नहीं जागे।
- अनिल चौहान, एक्सईएन जनस्वास्थ्य विभाग अंबाला

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