World Senior Citizen Day: कभी टूटे नहीं, न कभी हारे, बढ़ती सांसों के साथ बांटते गए खुशियां Panipat News
वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे के अवसर पर हमने जाना उन बुजुर्गों के हालात जो बढ़ती सांसों के बीच दूसरों को खुशियां बांट रहे हैं।
पानीपत, [राज सिंह]। वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे के सेलिब्रेशन में वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति से जुड़े करीब 138 बुजुर्गों का जिक्र होना लाजिमी हैं। ये वो बुजुर्ग हैं जो आज भी हर माह के दूसरे सोमवार को सेक्टर 12 में (सब्जी मंडी के पास)बने भवन में एकत्र होकर बच्चों-युवाओं की तरह हंसी-मजाक करते हैं।
समिति के उपाध्यक्ष एसके गांधी ने बताया कि समिति का गठन वर्ष-2008 में हुआ था। वरिष्ठ जनों के लिए कोई भवन नहीं होने के कारण सनौली रोड स्थित गुरुद्वारा में चौकड़ी जमती थी। उस समय करीब 12-13 सदस्य थे। इसके बाद सेक्टर-11 स्थित आर्य समाज भवन में बैठना शुरू कर दिया। वर्ष-2017 में शहर विधायक रोहिता रेवड़ी ने करीब 49 लाख की राशि से भवन का निर्माण कार्य पूरा कराया। इसमें एक बड़ा हॉल, व्यायाम कक्ष, किचन और डॉक्टर का कक्ष बना हुआ है। समिति के खाते में करीब सात लाख रुपये जमा हैं।
गांधी ने बताया कि हर माह होने वाली बैठक में सीनियर सिटीजन अपनी समस्याएं गिनाते हैं, सभी मिलकर उसका समाधान तलाशते हैं। उस माह जिन साथियों का जन्मदिन होता है, सामूहिक रूप से सेलिब्रेट करते हैं। जहां भी जगह खाली मिलती है पौधारोपण करते हैं।
चालीस साल से दो घंटे फ्री ओपीडी
डॉ. केएल अरोड़ा की कुटानी रोड पर कृषि भूमि है।करीब 40 वर्षों से वे खेत में चारपाई पर बैठकर मरीजों का फ्री चेकअप कर रहे हैं। पहले रोजाना फ्री ओपीडी करते थे अब हर दूसरे दिन। डॉ. अरोड़ा ने बताया कि मरीज का चेकअप कर पर्चे पर जेनेरिक दवा लिख देता हूं। किसी मरीज की हालत ज्यादा गंभीर है तो उसे सरकारी या प्राइवेट अस्पताल जाने की सलाह देता हूं। अधिकांश मजदूर तबके के मरीज आते रहे हैं।
सैनिकों से फीस नहीं लेते थे
गांव शाहपुर के निवासी वरिष्ठ वकील रामनाथ कुण्डू वर्ष 1960 से जिला बार एसोसिएशन, पानीपत के सदस्य हैं। करीब 90 वर्ष की आयु हो चुकी है, आज भी नियमित चैंबर में आते हैं, केसों में पैरवी करते हैं। एडवोकेट कुण्डू ने बताया कि करियर के शुरुआती दो-तीन दशक तक उन्होंने किसी सैनिक से केस में फीस नहीं ली। चीन और पाकिस्तान से हुए युद्धों में हिस्सा लेने वाले सैनिकों से आज भी फीस नहीं लेते।
75 की आयु में जीते बहुत से मेडल
सेक्टर 17 निवासी दर्शना देवी की आयु 76 वर्ष से अधिक है। गत वर्ष उन्होंने एशिया पैसिफिक मास्टर्स गेम्स में हिस्सा लिया था। वूमन वर्ग में उन्होंने जेवलिन थ्रो में विभिन्न देशों की 6 प्लेयर्स को पराजित करते हुए गोल्ड मेडल जीता था। उनके कदम यहीं नहीं रुके, 1500 और 5000 मीटर वॉक में सिल्वर, 100 मीटर दौड़ और रिले रेस में कांस्य पदक जीतकर अपने जुनून का लोहा मनवाया। अब उनकी नजर 2021 में जापान में होने वाले वल्र्ड मास्टर गेम्स पर टिकी हैं।
नेवी की नौकरी से दास्तां-ए-हाली तक
लेखक, समाजसेवी, बिजनेसमैन रमेश चंद्र पुहाल इस शहर के लिए अंजान चेहरा नहीं हैं। बहुत कम लोगों को पता होता कि वे मलखम खेल में पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल द्वारा पुरस्कृत हो चुके हैं। उन्होंने नौ साल तक भारतीय जल सेना में नौकरी की है। दास्तां-ए-हाली से लेकर हैंडलूम के पितामह उस्ताद नंदलाल तक करीब 38 पुस्तकें लिख चुके हैं। फिल्म निर्देशक एवं लेखक ख्वाजा अहमद अब्बास के करीबी रहे हैं। आज भी पूरी जिंदादिली से सक्रिय हैं। समसामयिक विषयों पर होने वाली बहसों में हिस्सा लेते रहते हैं।
- सरकार की ओर से बुजुर्गों के लिए मुख्य सुविधाएं :
- जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर से फ्री कानूनी मदद।
- समाज कल्याण विभाग की ओर से हर माह दो हजार रुपये पेंशन।
- रेल और रोडवेज बसों के किराए में पचास फीसद छूट।
- सिविल अस्पताल में अलग पंजीकरण और दवा विंडो।
- सिविल अस्पताल में फिजियोथैरेपी की सुविधा।
- इनकम टैक्स में छूट। बैंकों की सेविंग स्कीम में अधिक ब्याज।