World Milk Day 2020: चुनौतियों के बावजूद कसौटी पर खरा उतर रहा हरियाणा का दुग्ध उत्पादन, बनेगा नंबर वन
एनडीआरआइ डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा। दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ पशुपालन क्षेत्र में शोध- बढ़ेगा। केंद्र ने डेयरी के लिए 15 हजार करोड का पैकेज दिया।
पानीपत/करनाल, [पवन शर्मा]। हरियाणा में कहावत है-दूध-दही का खाना, ऐसा म्हारा हरियाणा। चुनौतियों के बावजूद राज्य इस कसौटी पर खरा उतरने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है। हालांकि दूध उत्पादन में अभी तक हरियाणा, पंजाब से आगे नहीं निकला, मगर बिहार व तमिलनाडु सरीखे राज्यों को पीछे जरूर छोड़ दिया है। मौजूदा वक्त में देश के दस शीर्ष दूध उत्पादक प्रदेशों में हरियाणा आठवें स्थान पर है।
करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ने तय किया है कि शोध-अनुसंधान में तेजी के साथ दूध उत्पादन में स्थिति सुधारने का मिशन दोगुना तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार द्वारा हाल में डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की भी अहम भूूमिका रहेगी। कोरोना काल में दूसरे क्षेत्रों के साथ पशुपालन और डेयरी उद्योग पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। देश में किसानों को उनकी कुल आय का लगभग 13 फीसदी भाग पशुपालन से प्राप्त होता है, मगर लॉकडाउन में नियमित उत्पादन होने के बावजूद दूध की खपत नहीं हुई। रेस्टोरेंट, होटल, ढाबे और व मिठाई की दुकानें बंद रहीं, वहीं ट्रांसपोर्टेशन भी रुका रहा। इससे दूध की सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई।
एनडीआरआइ के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान बताते हैं कि भारत सरकार ने डेयरी सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इनमें 15 हजार करोड़ रुपये के पशुपालन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड एएचआइडीएफ के निर्माण सहित डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज अनुदान की सुविधा उल्लेखनीय है। इससे डेयरी प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन व पशु आहार सरीखे क्षेत्रों में निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। एनडीआरआइ के विज्ञानियों की टीम इस परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए तैयार है। संस्थान में उम्दा नस्ल के करीब 2500 पशु हैं, जिनके जरिए दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए शोध अनुसंधान जारी है।
दूध की सप्लाई चेन प्रभावित
आंकड़ों की बात करें तो देश में रोजाना करीब 50 करोड़ लीटर दूध उत्पादित होता है, इसमें 20 करोड़ लीटर की घरेलू खपत शामिल है। 30 करोड़ लीटर दूध सहकारी संस्थाओं व निजी डेरी कंपनियों के जरिए बाजारों में आता है। लॉकडाउन में यह खपत सबसे अधिक प्रभावित हुई। सहकारी संस्थाओं ने क्षमता से आठ फीसदी ज्यादा दूध जुटाकर डेयरी किसानों को राहत जरूर दी, मगर इनके दायरे में देश के 25 फीसदी से कम डेरी किसान हैं।
आठवें स्थान पर हरियाणा
एनडीआरआइ के प्रधान वैज्ञानिक डा. एके डांग बताते हैं कि देश में 2018-19 में कुल दूध उत्पादन 187.7 मिलियन टन रहा, जबकि हरियाणा में इसका औसत 10.7 मिलियन टन है। फिलहाल दुग्ध उत्पादक राज्यों में हरियाणा आठवें स्थान पर है।
देश के 10 टॉप दूध उत्पादक राज्य
उत्तर प्रदेश - 30.5
राजस्थान - 23.6
मध्य प्रदेश - 15.9
आंध्र प्रदेश - 15.0
गुजरात - 14.4
पंजाब - 12.5
महाराष्ट्र - 11.6
हरियाणा - 10.7
बिहार -9.8
तमिलनाड़ू - 8.3
भारत में दुग्ध उत्पादन
2017-18 176.3 मिलियन टन
2018-19 में 187.7 मिलियन टन
भारत में प्रति व्यक्ति उपलब्धता
2017-18 - 375 ग्राम
2018-17 - 394 ग्राम
हरियाणा में दुग्ध उत्पादन
2017-18 - 9.8 मिलियन टन
2018-19 - 10.7 मिलियन टन
पंजाब में दुग्ध उत्पादन
2017-18 - 11.8 मिलियन टन
2018-19 - 12.5 मिलियन टन
हरियाणा में प्रति व्यक्ति उपलब्धता
2017-18 - 1005 ग्राम प्रतिदिन
2018-19 - 1087 ग्राम प्रतिदिन
पंजाब में प्रति व्यक्ति उपलब्धता
2017-18 - 1120 ग्राम प्रतिदिन
2018-19 - 1181 ग्राम प्रतिदिन
देश में प्रति व्यक्ति उपलब्धता
2017-18 - 375 ग्राम प्रतिदिन
2018-19 - 394 ग्राम प्रतिदिन