शिक्षक वह दीपक है जो बुझने के बाद भी रोशनी देता है: अलका गौरी
हम समाज व सरकार को कोसने के बजाय स्वयं अपनी जिम्मेदारी समझते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षक वह दीपक है जो बुझने के बाद भी रोशनी देता है। लोगों का मार्ग प्रशस्त करता है।
जागरण संवाददाता, समालखा : पट्टीकल्याणा स्थित अपोलो इंटरनेशनल स्कूल में अध्यापकों की दो दिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हो गया। विवेकानंद केंद्र की वरिष्ठ पदाधिकारी अलका गौरी ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं। उन पर बच्चों के भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी होती है, जो देश के विकास का मुख्य किरदार होता है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के अंदर प्रतिभा का खजाना होता है। शिक्षकों का काम बच्चों की प्रतिभा को पहचान कर उसे उचित दिशा देना होता है। हम समाज व सरकार को कोसने के बजाय स्वयं अपनी जिम्मेदारी समझते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षक वह दीपक है जो बुझने के बाद भी रोशनी देता है। लोगों का मार्ग प्रशस्त करता है।
कार्यशाला की समाप्ति पर योगासन व सूर्य नमस्कार का अभ्यास करवाया गया। प्रधानाचार्या रजनी शर्मा ने शिक्षकों और मेहमानों का आभार व्यक्त किया। शिक्षक होने पर गर्व महसूस करने और कर्तव्य के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया। इस अवसर पर विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी के व्यवस्था प्रमुख दशरथ चौहान, नगर संयोजक सुशील चहल, पूनम व शिवम मौजूद रहे।