किसान के फर्जी हस्ताक्षर कर विभाग को थमाई वर्कशीट, जांच में खुली पोल
उबड़ खाबड़ खेत की लेवलिग करने वाले कृषि विभाग से अनुबंधित सर्विस प्रोवाइडर (सेवा प्रदाता) की ओर से उग्राखेड़ी निवासी किसान धर्मबीर मलिक के वर्कशीट पर फर्जी हस्ताक्षर करने का मामला सामने आया है।
जागरण संवाददाता, पानीपत
उबड़ खाबड़ खेत की लेवलिग करने वाले कृषि विभाग से अनुबंधित सर्विस प्रोवाइडर (सेवा प्रदाता) की ओर से उग्राखेड़ी निवासी किसान धर्मबीर मलिक के वर्कशीट पर फर्जी हस्ताक्षर करने का मामला सामने आया है। इसकी पोल तब खुली, जब कृषि विभाग के कर्मचारियों ने सेवा प्रदाता के किए काम की जांच के लिए किसान को फोन किया। शुक्रवार को किसान ने विभाग के कार्यालय पहुंच वर्कशीट पर हुए साइन को अपने होने से इन्कार कर दिया। उसने इस मामले में केस दर्ज कराने की मांग की। विभाग कराता है साधन मुहैया
जल संरक्षण के मकसद से कृषि और किसान कल्याण विभाग उबड़ खाबड़ खेतों की लेवलिग के लिए किसानों को सस्ते दर पर सुविधा उपलब्ध कराता है। जिले में विभाग के पांच अनुबंधित सेवा प्रदाता है। इनका सिर्फ ट्रैक्टर और चालक होता है, जबकि लेवलिग यंत्र और कंप्यूटर सिस्टम विभाग का होता है। विभाग सेवा प्रदाता को 242 रुपये प्रति घंटा देता है। वहीं किसान को विभाग से 1120 रुपये का चालान कटाने के साथ ट्रैक्टर में लगने वाले डीजल का खर्च देना होता है। चालान एक बारे में दस घंटे के लिए बनता है। पिछले साल कटाया था चालान
किसान धर्मबीर मलिक ने बताया कि 27 मई 2019 को खेत में लेवलिग को लेकर कृषि विभाग से चालान कटाया था। विभाग से अनुबंधित सेवा प्रदाता का चालक ट्रैक्टर लेकर पहुंचा। उसने 60 लीटर डीजल दो बार डलवा पांच घंटे ही काम किया और फिर कम्प्यूटर में खराबी बता चला आया। जो दोबारा नहीं पहुंचा। उसने सेवा प्रदाता के साथ विभाग में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। उसका कहना है कि सेवा प्रदाता ने एक तो हजारों रुपये का तेल डलवाने के बाद उसका काम पूरा नहीं किया और अब विभाग से पैसे लेने के लिए वर्कशीट पर उसके फर्जी हस्ताक्षर कर दिए। इससे साबित होता है की उक्त काम में किस स्तर पर गड़बड़ी है। किसान ने उच्च अधिकारियों से साल भर हुए काम की जांच कराने की मांग की। जांच करा करेंगे कार्रवाई
सहायक कृषि अभियंता सुधीर का कहना है कि मेरे पास अतिरिक्त चार्ज है। मैने कुछ दिन पहले ही पद संभाला है। उक्त मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो जांच करा कार्रवाई की जाएगी।