फतेहाबाद में मजदूरों का प्रदर्शन, इन मांगों को लेकर प्रदर्शन
फतेहाबाद में अपनी मांगों को लेकर मजदूरों ने प्रदर्शन किया। पांच गांवों के खेतीहारी मजदूरों ने मजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन। भिंडी तोड़ाई की मजदूर 20 रुपये प्रति किलो करने की उठाई मांग। छह हजार रुपये प्रति एकड़ धान की करेंगे रोपाई मजदूरों ने किया एलान।
संवाद सूत्र, जाखल(फतेहाबाद) फतेहाबाद के जाखल खंड के गांव साधनवास, म्योंदकला, सिधानी व चांदपुरा आदि के खेतीहारी मजदूरों ने धरना प्रदर्शन करके रोष जताया। मजदूरों ने साधनवास से म्योंद को जाने वाली मुख्य सड़क के घग्गर नदी के पुल पर 5 घंटे तक धरना प्रदर्शन किया। जिससे वाहनों की लंबी लाइनें लग गई। मजदूरों ने कहा कि इस समय भिंडी तोड़ाई की कीमत बहुत कम है। ऐसे में भिंडी तोड़ाई की कीमत प्रति किलो 20 रुपये की जाए। इन मजदूरों का अंबेडकर अधिकार मंच ने भी उनका समर्थन किया।
धरना स्थल पर पहुंचे अंबेडकर अधिकार मंच से बिक्कर सिंह, अमरीक, रिकू, वीर सिंह आदि ने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण मजदूरी कम मिल रही है। जिसके कारण यह धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। मजदूरों ने सुबह 6 से 11 बजे तक प्रदर्शन किया। लेकिन इस दौरान किसी भी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया। मामला किसानों से जुड़ा हुआ है। मजदूरों न कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो धरना प्रदर्शन करने के साथ भिंडी तोड़ने का कार्य नहीं किया जाएगा।
ये कहना है मजदूरों का
प्रदर्शन कर रहे मजदूर रानी, महिंद्रा, चरणजीत कौर, कमला देवी व मजदूर संघ के प्रधान खुशीराम आदि ने कहा कि वह लंबे समय से पुराने रेटों पर ही भिंडी तोड़ाई कर रहे है। परंतु बढ़ रही महंगाई के कारण उनकी मजदूरी को अभी तक नहीं बढ़ाया जा रहा है। वही जहां रसोई के सामान जैसे सरसों का तेल रिफाइंड दालें अन्य समान का भाव आसमान को छू रहा है वही उनके द्वारा रखे जा रहे पशुओं के लिए भी तूड़ी आदि भी अब बहुत महंगी हो गई है। इसके अलावा वे बच्चों की फीस आदि देना भी मुश्किल हो गया है। मजदूरों ने कहा कि हमारी मांग है कि इस समय भिंडी तोड़ने की मजदूरी क 20 रुपये प्रति किलो किया जाए या फिर 500 दिहाड़ी की जाए।
छह हजार प्रति एकड़ करेंगे धान की रोपाई
मजदूरों ने बैठक कर फैसला लिया है कि महंगाई बढ़ने के कारण इस बार धान की रोपाई छह हजार रुपये प्रति एकड़ की जाएगी। पिछली साल 4 से 5 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से धान की रोपाई की जाती थी। लेकिन इस बार यह रेट छह हजार कर दिया गया। मजदूरों ने कहा कि इस रेट को लागू करने के लिए वो और बैठक करेंगे।