कामगारों का निकल रहा का हुजूम, पुलिस ने मनाकर भेजा शेल्टर होम
पानीपत से कामगारों के घर जाने की रफ्तार रुक नहीं रही है। छोटे बच्चे और महिलाओं के साथ पैदल दिल्ली की ओर रवाना हो गए। पुलिस ने जीटी रोड पर मच्छरौली और करहंस के बीच सभी को रोका।
जागरण संवाददाता, समालखा : कामगारों के घर जाने की रफ्तार रुक नहीं रही है। छोटे बच्चे और महिलाओं के साथ पैदल दिल्ली की ओर रवाना हो गए। पुलिस ने जीटी रोड पर मच्छरौली और करहंस के बीच सभी को रोका। कामगार बिहार के रहने वाले हैं। इनकी संख्या 150 के करीब थी। पुलिस ने सभी को शेल्टर होम में भेजा है।
चिलचिलाती धूप में मंगलवार दोपहर सौ से डेढ़ सौ के बीच कामगार अपने सामानों के साथ पैदल दिल्ली की ओर रवाना हो गए। इनके मच्छरौली पहुंचने के बाद पुलिस को भनक लगी। डीएसपी सतीश वत्स सहित समालखा और पानीपत की पुलिस भारी संख्या में मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने उन्हें समझाने का भरसक प्रयास किया। कामगार घर जाने की जिद पर अड़े थे। पुलिस से हाथ जोड़कर अपनी मजबूरी बता रहे थे। पुलिस ने 22 मई को ट्रेन से घर भेजने का भरोसा दिया तो कामगार माने। उन्हें ट्रकों में बैठाकर शेल्टर होम ले जाया गया।
पुलिस को देखकर सहमे
पुलिस को देखकर कामगार सहमे हुए थे। उन्हें पहले से इसका डर था। हुजूम के कुछ लोग इधर-उधर खिसकने के प्रयास में थे, लेकिन पुलिस ने सभी को घेर लिया। बच्चे, महिलाएं और युवक सभी पुलिस से एक ही निवेदन कर रहे थे कि साहब घर जाने दो यहां खाने और रोजगार का साधन नहीं है।
मजबूरी में उठाया कदम
कामगार हीरालाल, बालमुकुंद राम, राम अवतार, बंटी ने बताया कि असंगठित क्षेत्र में काम करते थे। लॉकडाउन में काम बंद हो गया। पास के पैसे खर्च हो गए। खाने और रहने की दिक्कत के बाद मजबूरी में घर जाने का कदम उठाया। दिल्ली से ट्रेन मिलने की बातों का पता चला तो पैदल चल दिया।
कामगारों की शेल्टर होम में की व्यवस्था
डीएसपी सतीश वत्स ने बताया कि कामगारों की संख्या सैकड़ों में है। इनके साथ महिला और बच्चे भी हैं। इन्हें यह कदम नहीं उठाना चाहिए था। प्रशासन हर तरह से इनकी मदद कर रहा है। इनकी शेल्टर होम में व्यवस्था की गई है। 22 मई की ट्रेन से सभी को घर भेज दिया जाएगा।