पानीपत में करंट से युवक के दोनों हाथ कटे, इलाज खर्च मांगा तो हत्या कराने की धमकी
नौल्था गांव का मनीष ठेकेदार विशाल के पास काम करता था 15 सितंबर 2019 को बैंक्वेट हाल में काम करते करंट लगा था। ठेकेदार ने इलाज खर्च व वेतन देना का वादा किया था बाद में मुकर गया
पानीपत, जेएनएन। बैंक्वेंट हाल में काम करते हुए करंट लगने से युवक के दोनों हाथ कट गए। ठेकेदार ने पहले पीड़ित का इलाज कराने व वेतन देने का वादा किया। बाद में मुकर गया। पीड़ित व उसके भाई को पुलिस में शिकायत देने पर जान से मारने की धमकी भी दी। एसपी को शिकायत देने का बाद ही पुलिस ने मामला दर्ज किया। नौल्था गांव की इंद्रा कॉलोनी के दिव्यांग सतपाल ने बताया कि उसका छोटा भाई मनीष अविवाहित है। मनीष धारीवाल चौक निवासी ठेकेदार विशाल के पास कृष्णा गार्डन में बिजली ठीक करने के लिए हेल्पर का काम करता था। 15 सितंबर 2019 को विशाल ने मनीष व एक अन्य युवक को काम करने के लिए सेक्टर-29 में रायल गार्डन में भेज दिया। गार्डन में काम करते हुए भाई व अन्य युवक को बिजली का करंट लगा।
भाई के दोनों हाथ कट गए। शरीर पर भी काफी चोट लगी। अस्पताल में विशाल ने कहा कि पुलिस को उसके पक्ष नें बयान दे देना। वह इलाज का पूरा खर्च वहन करेगा और उसे वेतन भी देगा। 15 दिन भाई का हैदराबादी अस्पताल और फिर कैथल में अस्पताल में इलाज कराया। भाई के हाथोें से खून बहना रुका नहीं। विशाल ने भाई का ऑपरेशन कराने और वेतन देने से मना कर दिया। थाना चांदनी बाग प्रभारी अंकित कुमार ने बताया कि मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने शिकायत नहीं ली, पुलिस का नाम लेकर धमकाता रहा
सतपाल ने बताया कि अप्रैल 2020 में वह थाना चांदनी बाग में गया तो पुलिसकर्मी ने शिकायत नहीं ली। पुलिसकर्मी बोला आपके भाई का एक्सीडेंट हुआ था। अब कोई कार्रवाई नहीं होगी। ठेकेदार के पास जाओ। ठेकेदार ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर उसे व भाई को धमकी दी कि रुपये मांगे तो उसे व भाई को मरवा देगा। थाने में उसके पक्ष में गवाही दे दें। दूसरा व्यक्ति भी पुलिसकर्मी बताकर उन्हें धमकाता था कि विशाल के राजनेताओं से संबंध है। पुलिस के आला अधिकारी भी उसके दोस्त हैं। 18 जून को उसने एसपी मनीषा चौधरी को शिकायत दी। इसके बाद ही पुलिस ने मामला दर्ज किया।
मकान गिरवी रखकर करवाया भाई का इलाज
सतपाल ने बताया कि मनीष का इलाज कराने के लिए रुपये नहीं थे। उसने दो लाख रुपये में मकान गिरवी रखा। इन्हीं रुपयों से भाई का इलाज कराया। भाई ही घर में इकलौता कमाने वाला था। अब घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। करंट लगने से भाई भी दिव्यांग हो गया है।