खिलौने बनाकर जीता दिल, सात टीमों को मिला इनाम
पाइट में तीन दिवसीय टायकाथोन संपन्न हो गया। विभिन्न राज्यों की 45 टीमों के 200 विद्यार्थियों ने 36 घंटे लगातार कालेज की आइडिया लैब में खिलौने बनाए। सात टीमों को 25-25 हजार रुपये का नकद पुरस्कार और किट देकर सम्मानित किया गया।
जागरण संवाददाता, समालखा: पाइट में तीन दिवसीय टायकाथोन संपन्न हो गया। विभिन्न राज्यों की 45 टीमों के 200 विद्यार्थियों ने 36 घंटे लगातार कालेज की आइडिया लैब में खिलौने बनाए। सात टीमों को 25-25 हजार रुपये का नकद पुरस्कार और किट देकर सम्मानित किया गया। एआइसीटीई से सलाहकार डा. राजीव सक्सेना मुख्य अतिथि के चेयरमैन हरिओम तायल, वाइस चेयरमैन राकेश तायल, सचिव सुरेश तायल, मेंबर बीओजी शुभम तायल, डीन डा. बीबी शर्मा, डा. प्रदयूत कोले, सदासिबा ने दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया।
डा. सक्सेना ने कहा कि हमें हमेशा सीखते रहना चाहिए। शिक्षकों को क्लास में ही बच्चों की प्रतिभा को पहचान लेना चाहिए। गुरु द्रोणाचार्य ने अपने शिष्यों की प्रतिभा को पहचाना और उसी अनुसार शिक्षा दी। इसी वजह से धनुष में अर्जुन, गदा में भीम जैसे योद्धा बने। हमारी नई शिक्षा नीति इस तरह की है कि बच्चा जो करना चाहे, उसी दिशा में जा सकता है। आइडिया लैब भी इसी लक्ष्य के तहत बनी हैं।
राकेश तायल ने कहा कि हम अपने बच्चों के खिलौने के लिए चीन पर निर्भर हैं, जबकि दुनिया को लूडो और चेस हमने ही दिए है। जयती महाजन ने मंच संचालन किया। डा. देवेंद्र प्रसाद, आइडिया लैब की कोर्डिनेटर डा. अंजू गांधी, सुनील ढुल, अमित दुबे, रोहित शर्मा, राजन सलूजा, शक्ति अरोड़ा व हरविदर कौर का विशेष सहयोग रहा। इनको मिला पुरस्कार
स्मार्ट सर्किट इनोवेशन-वेस्ट मैटेरियल से रोजमर्रा की जिदगी में उपयोग होने वाला डिवाइस कम लागत में बनाया। प्लेनेट जूलो- मैग्नेट के सहयोग से लकड़ी के छोटे-छोटे खिलौने बनाए गए हैं। इन खिलौनों को तोड़कर दोबारा घोड़ा, हाथी, बत्तख जैसे खिलौने बन सकते हैं। ट्रिग्नोमेट्री के फार्मुले सीखने वाले गेम, लकड़ी के पैनल से पेंटा, थ्रीडी बटन आदि बनाने वालों को मिला पुरस्कार। विजेता के खिलौनों को टाय लीग में शामिल किया जाएगा।