महिलाएं गर्भावस्था में खानपान का ध्यान रखें, बाल गिरें तो घबराएं नहीं, इन बातों का रखें ध्यान
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अनेकों प्रकार की दिक्कतें होने लगती है। जिसके कारण महिलाएं गबरा जाती है और इलाज के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाने लगती है। स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डा. अंजलि ने जागरण से बातचीत की और बताया।
पानीपत, जागरण संवाददाता। महिलाओं के सिर के बाल गिरना उनकी चिंता का बड़ा कारण बन जाता है। हालांकि, यह आम समस्या है। इसका सबसे बड़ा कारण शारीरिक कमजोरी और पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं मिलना है। मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान सिर के बाल गिरें तो घबराएं नहीं, खानपान का ध्यान रखें, बाल उग आएंगे।
ऐसे करें त्चचा संबंधी समस्याओं का भी इलाज
स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डा. अंजलि ने जागरण को बताया कि गर्भकाल के दौरान बालों के जड़ में रैशेज हो जाते हैं। प्रसव होने पर अधिकांश महिलाएं करीब एक-सवा माह तक एक कमरे तक सिमट जाती हैं। वहां बालों को पर्याप्त आक्सीजन भी नहीं पहुंचती। इससे भी बालों की जड़ कमजोर होने लगती है और बाल गिरने और टूटने लगते हैं। इसके अलावा मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के शरीर में खून की कमी हो जाती है।
इसे शारीरिक कमजोरी भी कह सकते हैं। इसके अलावा कैमिकल युक्त शैंपू से बाल धोने, ड्रायर से सुखाने, उलझे बालों को जबरदस्ती कंघी करने से भी बाल गिरने लगते हैं। शुगर और थायराइड भी बाल गिरने का कारण हो सकता है। कभी-कभार तो गठिया, डिप्रेशन, हार्ट की समस्या और रक्तचाप को नियंत्रित करने और बर्थ कंट्रोल के लिए दवा खाने से बाल गिरने लगते हैं।
खून की कमी को पूरा करने के लिए मांस, अंडा, मछली, किशमिश, सूखी खुबानी, हरी बीन्स, पालक और हरी पत्तेदार सब्जियों, शलजम, चुकंदर और शकरकंद सहित मौसमी फलों का भरपूर सेवन करें। गर्भावस्था-प्रसव के समय गिरे बाल माह-दो माह में दोबारा से नहीं उगें तो स्त्री रोग विशेषज्ञ, डाइटीशियन या त्वचा रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।
त्वचा संबंधी समस्याओं का भी इलाज
डा. अंजलि के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के चेहरे पर मुंहासे निकल आते हैं। ऐसी दिक्कत से बचने के लिए खूब पानी पिएं। चेहरे दिन में दो बार किसी अच्छे क्लींजर से चेहरा धोएं। गर्भावस्था की अवधि जैसे-जैसे बढ़ती है, पेट की त्वचा में खिंचाव आना शुरू हो जाता है। इससे पेट में खुजली होने लगती है। खुजली करने से कई बार नाखूनों के निशान पड़ जाते हैं। इससे राहत पाने के लिए सरसों, नारियन या बादाम के आर्गेनिक तेल के साथ त्वचा की हल्के से मालिश करें।
त्वचा में अन्य किसी एलर्जी से बचाव के लिए शरीर को साफ रखना बहुत जरूरी है। स्क्रब, डियोडरेंट जैसे अन्य कॉस्मेटिक उत्पादों का इस्तेमाल कम कर दें। बगल और गर्दन की त्वचा काली पड़ने लगती है। इसका कारण हार्मोनल बदलाव है। इससे बचने के लिए धूप में कम निकलें। घर से बाहर निकलना बहुत जरूरी है तो हर्बल सनस्क्रीन लोशन अवश्य लगाएं।