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मान्यता बिना चल रहा पांचवीं तकका स्कूल, पढ़ाए जा रहे आठवीं तक के बच्चे

काबड़ी रोड स्थित जौली ग्रांट प्राइमरी स्कूल बिना मान्यता चलाया जा रहा है। एडीसी प्रीति के आदेश पर बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ. मुकेश आर्य सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य रणवीर सिंह ने सोमवार को स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 06:32 AM (IST)
मान्यता बिना चल रहा पांचवीं तकका स्कूल, पढ़ाए जा रहे आठवीं तक के बच्चे
मान्यता बिना चल रहा पांचवीं तकका स्कूल, पढ़ाए जा रहे आठवीं तक के बच्चे

जागरण संवाददाता, पानीपत : काबड़ी रोड स्थित जौली ग्रांट प्राइमरी स्कूल बिना मान्यता चलाया जा रहा है। एडीसी प्रीति के आदेश पर बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ. मुकेश आर्य, सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य रणवीर सिंह ने सोमवार को स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। यहां रोंगटे खड़े कर देने वाले दृश्य सामने आए। यहां आठवीं तक तक के बच्चे भी पढ़ते मिले। बच्चों से ही चपरासी का काम कराया जा रहा था।

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डॉ. मुकेश आर्य ने बताया कि स्कूल का संचालक ईश्वर सिंह है। एक कमरे में 50-55 विद्यार्थी बैठाए गए थे। एक कमरे में तो कई कक्षाओं के विद्यार्थियों को शिक्षक एक साथ पढ़ा रही थी। महिला शिक्षक ने एक बच्चे को भेजकर जग-गिलास धुलवाए और जांच टीम को पानी पिलाया। छात्र-छात्राओं के लिए एक ही शौचालय। इसकी बदबू कक्षाओं तक पहुंच रही थी। सीसीटीवी कैमरे भी नहीं है। आपात द्वार नहीं है। आरओ सिस्टम भी नहीं लगा था। संचालक को कॉल की तो मौके पर नहीं पहुंचे। शिक्षकों से स्कूल का रिकॉर्ड मांगा तो दिखा नहीं सके। डॉ. आर्य के मुताबिक रिपोर्ट बनाकर एडीसी कार्यालय और शिक्षा विभाग को दे दी है। शिक्षक भी योग्यतानुसार नहीं

डॉ. मुकेश आर्य ने बताया कि स्कूल में चार शिक्षिका थीं, सभी की शैक्षणिक योग्यता बारहवीं पास बताई जा रही है। उनका मानदेय पूछा तो तीन-चार हजार रुपये मासिक बताया। संचालक बोले- माफ कर दो

टीम निरीक्षण कर लघु सचिवालय स्थित कार्यालय पहुंची, चंद मिनट बाद संचालक ईश्वर सिंह भी साथी के साथ पहुंच गए। उसने बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन एडवोकेट पदमा रानी के समक्ष गिड़गिड़ाते हुए कहा कि इस बार माफ कर दो, अगली बार शिकायत नहीं मिलेगी। वर्जन :

किसी शिकायत के बाद एडीसी ने जांच टीम गठित की थी। तमाम खामियां मिली हैं, रिपोर्ट सौंप दी गई है। स्कूल संचालक ने सुधार का लिखित भरोसा दिया है।

एडवोकेट पदमा रानी, चेयरपर्सन-बाल कल्याण समिति। वर्जन :

मेरा दूसरा स्कूल है, उसकी मान्यता है। वहां की बस खराब हो गई थी इसलिए बच्चे यहां आकर बैठ गए। इस स्कूल की मान्यता के लिए आवेदन किया हुआ है। खामियों को जल्द दूर किया जाएगा।

ईश्वर सिंह, स्कूल संचालक।


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