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उल्टी बयार, प्राइवेट छोड़ सरकारी स्कल में पहुंच रहे छात्र

उल्टी बयार, प्राइवेट छोड़ सरकारी स्कल में पहुंच रहे छात्र।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Apr 2018 10:56 AM (IST)Updated: Mon, 30 Apr 2018 10:56 AM (IST)
उल्टी बयार, प्राइवेट छोड़ सरकारी स्कल में पहुंच रहे छात्र
उल्टी बयार, प्राइवेट छोड़ सरकारी स्कल में पहुंच रहे छात्र

उमेश भार्गव, अंबाला शहर

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नीतिया अच्छी..नतीजे अच्छे..और तादाद भी अच्छी.। यदि सरकारी स्कूलों में व्यवस्था सुधर जाए और सुविधाएं बेहतर हो जाए तो न केवल परिणाम अच्छे आएंगे बल्कि दाखिलों के लिए होड़ भी मच जाएगी। यह कपोल कल्पना नहीं है। बल्कि अंबाला के कई सरकारी स्कूलों ने इसे धरातल पर साबित कर दिया है। अंबाला शहर ब्लाक के करीब 130 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनमें प्राइवेट स्कूल छोड़कर विद्यार्थियों ने दाखिले लिए हैं। एक स्कूल में 9वीं में दाखिले के लिए बच्चों को प्रवेश परीक्षा से गुजरना पड़ा। जानिए कैसे बही उल्टी हवा

अंबाला वन पूरे प्रदेश में पहला ऐसा ब्लॉक है जहा मुख्यमंत्री घोषणा में 27 स्कूलों के जीर्णोद्धार के लिए 5 करोड़ रुपये जारी हुए। विधायक असीम गोयल ने खुद पहल करते हुए पुलिस लाइन स्थित राजकीय कन्या स्कूल में पहले वर्चुअल क्लास रूम व फिर प्रेम नगर के सरकारी स्कूल में स्निक्शनरी इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स की शुरुआत कराई। देश के किसी सरकारी स्कूल में यह पहली सुविधा थी। अंबाला ब्लॉक-1 के करीब 20 स्कूल ऐसे हैं जहा पर स्मार्ट क्लास रूम के साथ-साथ प्राइवेट स्कूलों को मात देने वाली बिल्डिंग भी हैं।

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इस स्कूल में देनी पड़ी प्रवेश परीक्षा

प्रेम नगर स्थित स्कूल प्रदेश का ऐसा पहला सरकारी स्कूल है जहा 9वीं कक्षा में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा कराई गई। क्योंकि कमरे छोटे हैं। यहा नौंवी में 140 दाखिले हो चुके हैं। गत वर्ष यहा कुल 835 विद्यार्थी थे। अभी तक 885 दाखिले हुए हैं। 11वीं में अभी दाखिले होने बाकि हैं। इसी स्कूल में इंग्लिश स्पीकिंग स्निक्शनरी और वर्चुअल क्लास रूम दोनों सुविधाएं हैं। 4 साल से 10वीं व 12वीं का रिजल्ट 80 फीसद से ऊपर आ रहा है। यह तब है जब खराब परिणाम में जिला प्रदेश में टॉप पर था।

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सरपंचों ने निभाई बड़ी भूमिका

शिक्षकों के साथ ब्लॉक के सरपंचों की अहम भूमिका रही। गाव सौंटा, बकनौर, डेलुमाजरा, अहमा और मिंयामाजरा के सरपंच भूपिंदर कौर, कीमा सिंह, निर्मल सिंह, राम कुमार और सुरजीत सिंह अपने बच्चों को गाव के सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाया।

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अध्यापकों ने खुद की पहल

अध्यापकों ने अपने बच्चों का सरकारी स्कूल में दाखिला कराया। जीपीएस, सौंडा में कार्यरत शिक्षिका नीलम ने अपनी बेटी को कन्या पुलिस लाइन में और मिडल स्कूल बटरोहन में कार्यरत संस्कृत अध्यापक दिलबाग दास ने अपने बच्चों को चौड़मस्तपुर सरकारी स्कूल में दाखिल करवाया।

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इस तरह शिफ्ट हुए बच्चे

अंबाला वन- ब्लाक के 58 सरकारी स्कूलों में 5 या 5 से अधिक, शहरी क्षेत्र में अकेले प्रेमनगर स्कूल में 87, पुलिस लाइन कन्या में 31, सात नंबर स्कूल में 40, इस्माइलपुर में 21, मोहड़ा में 27, चौड़मस्तपुर में 24, बलदेव नगर में 12, नग्गल में 29, कंगवाल, धुराली, धनयोड़ी, धंयोड़ा और मिडल स्कूल बाड़ा में 15-15 बच्चों ने प्राइवेट स्कूल छोड़ सरकारी का दामन थामा।

-------------- सरकारी स्कूलों के लिए मिसाल : शिक्षा मंत्री

अंबाला ब्लॉक वन वास्तव में प्रदेश के सरकारी स्कूलों के लिए मिसाल है। उसर सर्वे एजेंसी ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है कि प्राइवेट से बच्चे सरकारी स्कूलों में शिफ्ट हो रहे हैं। जल्द ही हम पूरे प्रदेश के प्राइवेट से सरकारी में आने वाले बच्चों की सूची जारी करेंगे।

प्रो. रामबिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री

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सरकारी स्कूलों के लिए फोन आए

कमला हो गया, इस बार सरकारी स्कूल में दाखिले की सिफारिश के लिए मेरे पास कई फोन आए। सरकारी स्कूलों के बच्चों ने वर्चुअल क्लास रूम बनवाने लिए मुझे चिट्ठी लिखी। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री तक ने अंबाला के प्रयास को सराहा।

असीम गोयल, शहर विधायक।

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विधायक का बड़ा योगदान रहा

विधायक असीम गोयल का इसमें बड़ा योगदान रहा। साथ ही साथ शिक्षकों व सरपंचों ने भी अपनी जिम्मेदारी समझी। सक्षम हरियाणा कार्यक्रम को निष्ठापूर्वक लागू करने के चलते मेरे ब्लॉक में 792 विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों से सरकारी में शिफ्ट हुए हैं जोकि सभी के लिए गर्व की बात है।

सुधीर कालड़ा, बीईओ।


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