प्रेमी के साथ मिलकर महिला ने घिनौनी घटना को दिया अंजाम, सुनकर रह जाएंगे हैरान
प्रेमी के साथ मिलकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के चौकीदार की पत्नी ने हत्या कर दी। पहले पति के हाथ और पैर को बांध दिया गया, इसके बाद उसे मौत के घाट उतारा गया।
पानीपत, जेएनएन। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में डीसी रेट पर लगे चौकीदार जींद जिले के गांव मोहनगढ़ वासी दलबीर सिंह (41) की हत्या कर दी गई। रस्सी से हाथ पैर बंधा शव बुधवार की सुबह चौकी से चंद कदम दूर कृष्णा कालोनी स्थित किराये पर लिए कमरे में मिला। नाक व माथे पर चोट के निशान भी मिले। हत्या का आरोप पत्नी अमिता व प्रेमी पर लगा है। जो वारदात के बाद से फरार हैं। चौकी व थाना प्रभारी के अलावा एफएसएल टीम भी पहुंची और मौके से सुबूत जुटाए। वहीं दोपहर बाद पानीपत के सामान्य अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया।
मृतक के चचेरे भाई ईश्वर सिंह ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि मेरे चाचा जयसिंह के दो लड़के थे। बड़ा लड़का दलबीर पिछले करीब पंद्रह साल से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में डीसी रेट पर नौकरी करता था। जो समालखा में ही अकेला रहता था और छुट्टी वाले दिन घर आता था। उसने बताया कि चार साल पहले दलबीर की शादी रोहतक जिले के गांव बलम्बा वासी अमिता के साथ हुई थी। जिनकी एक दो साल की लड़की है।
दलबीर की फाइल फोटो।
पति और पत्नी में होती थी कहासुनी
अमिता गांव में ही रहती थी। उसका चरित्र शादी के बाद से ही संदिग्ध था। जिस कारण पति पत्नी के बीच कहासुनी भी हुई। समझाने पर वो उलटा महिलाओं की ज्यादा चलने बात बोल झूठा केस दर्ज कराने की धमकी देती थी। कभी वो कोचिंग तो कभी किसी बात के बहाने घर से निकल जाती थी। उसकी हरकतों व समाज में बेइज्जती के डर से पंद्रह दिन पहले परिवार वालों ने दलबीर को उसे अपने साथ समालखा ले जाने की सलाह दी। इस पर उसने सप्ताह भर पहले चुलकाना रोड स्थित कृष्णा कालोनी में कमरा किराये पर लिया और 17 दिसंबर को पत्नी व बेटी को गांव से यहां ले आया। लेकिन मंगलवार की रात ही अमिता प्रेमी संग मिल दलबीर की हत्या कर फरार हो गई। जिसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
ऐसे चला पता
मकान मालिक नरेश ने बताया कि सुबह के दस बजे के करीब उसकी पत्नी ऊषा जुराब लाने के लिए नीचे आई। जिस रस्सी पर जुराब टंगी थी वो कटी मिली। अचंभित होकर उसने जैसे ही दलबीर वाले कमरे का दरवाजा खोल अंदर देखा तो बैड पर उसका हाथ पैर बंधा शव पड़ा था और गले में एक लाल रंग की चुनरी बंधी थी। उसने तुरंत ऊपर जाकर पति को अवगत कराया और सूचना पुलिस को दी।
पत्नी रात को बेटी को ले निकली
नरेश ने बताया कि रात साढ़े दस बजे वो दुकान से घर आया था। ग्यारह बजे उसे मैन गेट के खुलने की आवाज आई तो उसने ऊपर से झांक नीचे देखा तो दलबीर की पत्नी बेटी को गोद में ले बाहर निकली। उसने पूछा तो वो बेटी के बीमार होने पर दवा दिला लाने की बोल दरवाजा बंद करने की बात कह निकल गई। जिससे कुछ आगे एक व्यक्ति चला जा रहा था। मैने उसे दलबीर समझा और दरवाजा बंद करके कमरे में आकर सो गया।
दो दिन पहले ही लाया था परिवार
मकान मालिक की पत्नी ऊषा ने बताया कि डिपो होल्डर राधेश्याम ने उनको दलबीर को कमरा देने के लिए कहां था। सोमवार को ही दलबीर पत्नी व बेटी के साथ सामान लेकर आया और रहने लगा था। लेकिन हमें क्या पता था की दूसरे दिन ही ये कहानी हो जाएगी।
माह भर से था परेशान
एएफएसओ योगेंद्र पुनिया ने बताया कि दलबीर बहुत ही सरल स्वभाव का था। वो पहले हमेशा खुश रहता था। लेकिन पिछले करीब एक माह से उदास था। जिसको लेकर उससे उदास रहने का कारण जाना तो बच्चों के बीमार रहने की बात कह उन्हें समालखा अपने पास ही लाने के लिए कहने लगा।
तरकीब से मारा
जिस तरह से रस्सी से हाथ पैर बंधा दलबीर का शव मिला है। उससे लगता है कि उसे बड़ी ही तरकीब से मारा गया। दोनों हाथ व पैरों को रस्सी से बांध पीछे मोडऩे के अलावा एक लंबी रस्सी से उनको खींचा फिर एक और रस्सी पेट पर भी बांधी गई। ताकि वो हिल न सके। इसके अलावा गले में भी एक चुनरी लिपटी थी। जिससे लगता है कि गला दबाकर हत्या की गई है।
बच्ची रोती रही
मकान मालिक की मानें तो जिस समय दलबीर की पत्नी बच्ची को लेकर घर से निकली थी। उससे काफी देर तक बच्ची की कमरे के अंदर रोने की आवाज आती रही। माना जा रहा है कि वारदात के दौरान किसी को शोर सुनाई न दे, इसलिए बच्ची को रुलाया गया।
पत्नी व प्रेमी पर केस दर्ज
थाना प्रभारी इंस्पेक्टर गुरविंदर सिंह ने बताया कि मामले में मृतक के ताऊ के लड़के ईश्वर के बयान पर पत्नी अमिता व उसके प्रेमी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल दोनों फरार है। जिनकी तलाश की जा रही है। मौत के कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चल सकेगा।