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कोरोना संक्रमित बच्ची अकेली क्यों रही, आयोग ने लिया संज्ञान

सिद्धार्थ नगर स्थित बाल देखरेख केंद्र (सीसीआइ) में साढ़े सात साल की मानसिक दिव्यांग कोरोना पॉजिटिव बच्ची को अकेला छोड़ने के मामले में आयोग ने संज्ञान ले लिया है। हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा वीरवार को सीसीआइ का विजिट करेंगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 08:14 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 08:14 AM (IST)
कोरोना संक्रमित बच्ची अकेली क्यों रही, आयोग ने लिया संज्ञान
कोरोना संक्रमित बच्ची अकेली क्यों रही, आयोग ने लिया संज्ञान

जागरण संवाददाता, पानीपत: सिद्धार्थ नगर स्थित बाल देखरेख केंद्र (सीसीआइ) में साढ़े सात साल की मानसिक दिव्यांग, कोरोना पॉजिटिव बच्ची को अकेला छोड़ने के मामले में आयोग ने संज्ञान ले लिया है। हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा वीरवार को सीसीआइ का विजिट करेंगी।

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चेयरपर्सन ने फोन पर हुई बातचीत में दैनिक जागरण को बताया कि मामले की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है। वीरवार को विजिट करनी है। सीसीआइ संचालक, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, बाल कल्याण समिति से बात की जाएगी। उधर, डीसी धर्मेंद्र सिंह ने भी पूरे मामले पर संबंधित एजेंसियों से रिपोर्ट मांग ली है। समिति की चेयरपर्सन एडवोकेट पदमा रानी ने बताया कि सीसीआइ संचालक तेजराम शर्मा के स्पष्टीकरण का इंतजार है।

बच्ची को अकेला क्यों छोड़ा, भोजन समय से क्यों नहीं दिया गया जैसे सवाल पूछे गए हैं। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने, संचालक की चूक साबित होने पर पंजीकरण और ग्रांट रोकने की संस्तुति की जाएगी। पहले भी विवादों में रहा केंद्र :

मार्च 2017 में बाल कल्याण समिति केंद्र का निरीक्षण किया था। वहां पांच बच्चे मिले थे, इन्हीं बच्चों का नाम बिल्डिग में संचालित स्कूल के रजिस्टर में भी दर्ज था। अन्य ढेरों खामियां भी मिली थी। अप्रैल 2017 में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (किशोर न्यायालय), बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) और चाइल्ड हेल्पलाइन की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया था तो बच्चे व स्टाफ नदारद था। आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा भी निरीक्षण करने पहुंचीं थी। गाज गिरने के डर से संचालक तेजराम शर्मा ने रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर दिया था। किशोरी ने भी लगाए थे आरोप

अगस्त 2019 में केंद्र में रह रही भावना चौक निवासी किशोरी मां के साथ महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के कार्यालय पहुंची थी। उसने बताया था कि वह एक युवक के साथ घर से चली गई थी। पुलिस ने बरामद किया, और सीसीआइ भेजा गया। बाल कल्याण समिति ने उसे स्वजनों के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद भी केंद्र संचालक ने उसे अपने काम से घर बुलाया था।


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