पानीपत में 10 हजार से अधिक खाते, जब Yes Bank ने बोला नो कैश तो रो पड़े उपभोक्ता
आरबीआइ की गाइडलाइन के बाद यस बैंक में उपभोक्ताओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। वहीं बैंक में कैश भी खत्म हो गया है।
पानीपत, जेएनएन। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से यस बैंक पर एक माह के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। यस बैंक में नकदी निकासी की सीमा तय होने की खबर सुनते ही उपभोक्ताओं में खलबली मच गई। इतने उपभोक्ता पहुंच गए कि दो घंटे में ही कैश खत्म हो गया। नो कैश का जवाब मिलते ही कई उपभोक्ता रो पड़े। वहीं एटीएम भी बंद हैं।
तमाम अफवाहों के बीच बैंक के जमा रुपये के लिए वे सकते में आ गए। इस वजह से दिन भर शाखा के बाहर भीड़ लगी रही। इनमें अधिकतर को मायूसी के साथ लौटना पड़ा। कई उपभोक्ताओं को एटीएम या बैंक से नकदी नहीं मिली। सूचना मिलने के बाद बैंककर्मियों के चेहरे पर भी भविष्य को लेकर ङ्क्षचता की लकीरें बनी रहीं।
सुबह से ही लगी भीड़
सुबह उठते ही लोगों को मीडिया के माध्यम से यस बैंक पर प्रतिबंध लगा दिए जाने की खबर मिली तो बैंक खुलते ही उनकी भीड़ शाखा के बाहर जमा होने लगी। हालांकि बैंक प्रबंधन ने केंद्र सरकार और आरबीआइ की ओर से जारी निर्देशों से संबंधित पत्र की प्रतियां शाखा के बाहर चस्पा दी, लेकिन खातों में जमा अपने पैसे को लेकर उपभोक्ताओं के होश उड़े रहे।
बात करने से बचते रहे अधिकारी
जैसे ही उपभोक्ताओं की भीड़ बढऩे लगी तो मीडियाकर्मी भी पहुंच गए, लेकिन बैंक अधिकारी उनसे बचते रहे। हालांकि वे उपभोक्ताओं को तसल्ली देकर समझाने का प्रयास करते रहे। उन्होंने कहा कि बैंक खातों में जमा पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। इसके बावजूद कई उपभोक्ता बेहद चिंंतित दिखाई दिए।
एटीएम भी हो गई खाली
बैंक शाखा के साथ स्थित एटीएम सुबह ही खाली हो गया, जिसमें दोपहर बाद तक भी दोबारा कैश नहीं डाला गया। दर्जनों उपभोक्ताओं को निराशा के साथ लौटना पड़ा। उपभोक्ता ङ्क्षरकी ने बताया कि उन्होंने बचत खाता खुलवाया हुआ है, जिसमें कुछ रकम है, लेकिन बैंक की हालत से उन्हें ङ्क्षचता है कि कहीं यह रकम भी न डूब जाए। उपभोक्ता संदीप ने बताया कि किसी निजी काम के चलते दो लाख रुपये की जरूरत थी, लेकिन नकदी नहीं मिली, इससे परेशानी खड़ी हो गई है।
एफडी तोड़ बचत खाते में डाल दी रकम : सेठी
बैंक शाखा पर अपनी पत्नी चंद्रप्रभा के साथ पहुंचे सेक्टर छह निवासी उपभोक्ता एससी सेठी ने बताया कि उन्हें देर रात को ही बैंक पर आरबीआइ के प्रतिबंध लगा दिए जाने की खबर मिल गई थी। इसी के चलते सुबह बैंक खुलते ही यहां पहुंच गए थे, जहां उन्हें पता चला कि उनकी एफडी तोड़कर पूरी रकम बचत खाते में डाल दी गई है। बैंक की वर्तमान स्थिति के चलते वे भी अपने पैसे को लेकर ङ्क्षचता में डूबे हैं।
50 हजार रुपये की ही निकासी
बता दें कि आरबीआई ने एक माह के लिए यस बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में कोई भी उपभोक्ता 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकता। विशेष परिस्थिति में इसके अतिरिक्त 50 हजार रुपये तक की अनुमति दी गई है। माना जा रहा है कि बैंक की वित्तीय स्थिति बिगड़ जाने के चलते ही ये हालात बने हैं।
कैश खत्म होने से रोष
सुबह से बैंक में कैश निकालने वालों की लाइन लगना शुरू हो गई। बहुत कम खाताधारकों को ही नकदी मिल पाई। बैंक प्रबंधक राज सिन्हा ने बताया कि रात रिजर्व बैंक के निर्देश आए थे। पहले से जानकारी होती तो कैश अधिक मंगवा लेते। रात तक कैश आ जाएगा। सुबह देंगे। औद्योगिक शहर के साथ-साथ ग्रामीण शाखाओं में यही हाल रहा। हर कोई कैश निकालने के बैंक में पहुंचा।
पानीपत में 10 हजार से अधिक खाते
पानीपत में यस बैंक में 10 हजार से अधिक खाते हैं। एलडीएम एमके झा ने बताया कि रिजर्व बैंक ने 50 हजार रुपये तक निकालने की अनुमति दी है। इसका इंपैक्ट है।
वेतन लेने आया था नहीं मिला : फिरदोस
पसीना कलां में एक फैक्ट्री में कार्यरत फिरदोस ने बताया कि उसकी सैलरी बैंक के खाते में आई है। उसे लेने के लिए आया था। दो घंटे से लाइन में खड़ा हूं। दो-चार व्यक्तियों को भुगतान देने के बाद बैंक के अधिकारियों ने कहा कि कैश खत्म हो गया है।
तीन घंटे तक लाइन में लगा रहा नहीं मिले पैसे : हरबीर
अलुपीर गली वासी हरबीर ने बताया की तीन घंटे से लाइन में खड़ा हूं। नकदी नहीं मिली। अधिकारी अब कह रहे हैं। नकदी खत्म हो गई।
कैश आ जाएगा
अचानक आदेश आने के कारण परेशानी रही। पहले पता होता तो कैश अधिक मंगवा लेते। खाता धारक 3 अप्रैल तक अपने खाते से 50 हजार रुपये तक निकाल सकते हैं। आज रात तक कैश आ जाएगा, सुबह दिया जाएगा।
राज सिन्हा, प्रबंधक, यस बैंक मुख्य शाखा जीटी रोड, पानीपत।
यह है मामला
रिजर्व बैंक ने 3 अप्रैल तक खाता धारक को 50 हजार रुपये ही निकलाने की अनुमति प्रदान की है। यदि एक व्यक्ति के बैंक में तीन खाते हैं तो वह भी 50 हजार रुपये की निकाल पाएगा। हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि यस बैंक के उपभोक्ताओं को कोई खतरा नहीं है।
कैथल में भी उपभोक्ता परेशान
सूचना मिलने के बाद सुबह ही कैथल ढांड रोड स्थित यस बैंक में उपभोक्ताओं की लंबी लाइनें लग गई। बैंक अधिकारियों की ओर से नई गाइडलाइन की कॉपी बैंक के बाहर चस्पा कर दी गई है। बैंक की ओर से एटीएम से भी पैसे निकाल लिए हैं। बैंक प्रबंधन की ओर से लोगों की भीड़ अधिक होने पर पुलिस को भी बुला लिया गया था। हालांकि उपभोक्ता बीमारी, शादी और पढ़ाई के लिए विदेश जाना है तो बैंक से नियमानुसार पांच लाख रुपये तक निकलवा सकते हैं। बैंक की ओर से कैश, डीडी और एनइएफटी के जरिये 50 हजार रुपये दिए जा रहे हैं।
निजी कार्य के लिए चाहिए थे दो लाख
बैंक से पैसे निकलवाने आए सुभाष गुप्ता निवासी कैथल ने बताया कि उन्हें सुबह ही नए नियमों के बारे में सूचना मिली। उसे एक जरूरी निजी कार्य के लिए दो लाख रुपये की जरूरत थी, लेकिन बैंक से मात्र 50 हजार रुपये ही निकल पाए हैं। एक बार फिर से आज नोटबंदी जैसे हालात देखने को मिले हैं।
बिजनेस हो जाएगा प्रभावित
उपभोक्ता संदीप निवासी कैथल ने बताया कि उनका ही पैसा अब उन्हें नहीं मिल पा रहा है। उनका निजी बिजनेस है और जरूरत पडऩे पर दो से तीन लाख रुपये तक वह निकलवाते और जमा करवाते थे। अब 50 हजार रुपये से ज्यादा पैसे नहीं निकल पा रहे हैं, जिससे उनका बिजनेस प्रभावित हो जाएगा।
समझ नहीं आ रहा क्या करें
महेंद्र खन्ना ने बताया कि बैंक 50 हजार की लिमिट एक महीने तक की है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें क्या ना करें। अगर 50 हजार से ज्यादा की जरूरत पड़ गई तो परेशानी उठानी पड़ेगी।
पांच लाख रुपये की जरूरत थी
रमेश कुमार निवासी कैथल ने बताया कि उसे दस दिन बाद प्लाट की रजिस्ट्री करवानी थी। इसके लिए उसे पांच लाख रुपये की जरूरत थी। अब बैंक वाले 50 हजार रुपये ही दे रहे हैं। बाकि पैसों का इंतजाम कहां से होगा कुछ समझ नहीं आ रहा है।
बच्चों की पढ़ाई के लिए चाहिए था दो लाख
दीपक निवासी कैथल ने बताया कि उसे बच्चों की पढ़ाई के लिए दो लाख रुपये की जरूरत थी। बैंक आकर पता लगा कि 50 हजार से ज्यादा पैसे नहीं दे रहे हैं। अब पैसे किसी दोस्त से ही उधार लेने पड़ेंगे।
तीन अप्रैल तक यही व्यवस्था रखने के निर्देश
बैंक मैनेजर करण चावला ने बताया कि आरबीआइ के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को 50 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा बीमारी, शादी और पढ़ाई के लिए विदेश जाना है तो उन्हें नियमानुसार पांच लाख रुपये तक दिए जा सकते हैं। तीन अप्रैल तक यही व्यवस्था रखने के निर्देश हैं।
यश बैंक का खुला शटर, बुलानी पड़ी पुलिस
मालिकाना हक को लेकर चल रही अंदरूनी लड़ाई और बैड लोन देकर यश बैंक संकट में फंसता चला गया। अब आरबीआइ की नई गाइडलाइन (एक महीने में मात्र 50 हजार रुपये निकलवाने) से बैंक के उपभोक्ताओं भी संकट में बुरी तरह फंस गए हैं। किसी को रिटायरमेंट फंड तो किसी को बेटी की शादी के लिए कराई एफडी की ङ्क्षचता खाए जा रही है। पेमेंट में यश बैंक के चेक तक लेने से इंकार किया जा रहा है। शुक्रवार सुबह नौ बजे जैसे ही बैंक का शटर ऊपर उठा तो दूसरी ओर यश बैंक का शेयर गिरना शुरू हुआ। अपनी जमापूंजी निकलवाने के लिए उपभोक्ताओं बैंक की ओर दौड़े और लाइन लग गई। हालत जब बेकाबू होने लगे तो सुरक्षा के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। बैंक का एटीएम भी बंद कर दिया गया। यश बैंक मॉडल टाउन ब्रांच में आठ हजार खाताधारक हैं। अधिकतर व्यापारी व रिटायर अधिकारी व कर्मचारियों का करोड़ों रुपया फंसा है। अब उनको बैंक से चिल्लर दिए जा रहे हैं। प्रभावित लोगों का कहना है कि नोटबंदी जैसे हालात हो गए हैं। अपना ही पैसा निकाल नहीं पा रहे हैं। वहीं, मैनेजर उत्सव का कहना है कि जो आदेश है उसकी के हिसाब से काम कर रहे हैं।
सिक्कों से कैसे चलेगा व्यापार
अंबे गैस एंजेसी की कर्मचारी रंजनी ने बताया कि बैंक में एंजेसी का खाता है। खर्च के लिए पैसे निकलवाने के लिए आई थी। यहां पर कर्मचारियों ने उनको चिल्लर के पैकेट थमा दिए। सिक्कों से कैसे व्यापार चलेगा। इस बारे में कई दफा बैंक मैनेंजर को कहा भी, लेकिन उनकी कोई बात नहीं सुनी गई। यदि ऐसा ही हाल रहा तो काम करना मुश्किल हो जाएगा। नया नियम लागू करने से पहले कुछ दिन का समय देना चाहिए था। मगर ऐसा नहीं किया गया।
चिल्लर थमा दिए कर्मचारियों ने
उपभोक्ता यश वर्मा का कहना है कि उनका बैंक में सेङ्क्षवग एकांउट है। पाई-पाई जोड़कर बैंक में जमा की। कुछ दिन पहले पैसे निकालने का मन था। कर्मचारियों ने भ्रमित कर दिया। यदि वह अपने फैसला खुद करते तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता। 50 हजार हजार रुपये निकालने के लिए सुबह बैंक में आए थे। दोपहर बाद नंबर आया। कर्मचारियों ने 10-10 के सिक्कों के पैकेट बनाकर उनको दे दिए। मजबूरी है अब जो मिल रहा वहीं लेना पड़ेगा।
मैनेजर पर विश्वास कर लिया मैंने : अग्निहोत्री
रेलवे विभाग से सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद से रिटायर एमआर अग्निहोत्री का कहना है कि मैनेजर पर विश्वास कर रिटायरमेंट का पैसा बैंक में जमा कर दिया। एफडी भी करवाई हुई है। उम्र भर की जमापूंजी खतरे में है। अपना ही पैसा निकाल नहीं पा रहे हैं। सरकार की गलत नीतियों के कारण ये हालत आए है। देश की आर्थिक व्यवस्था बुरी तरह बिगड़ी हुई है।
चेक भी नहीं हुए क्लीयर
मॉडल टाउन के कपड़ा व्यापारी अमित गुप्ता का कहना है कि कंपनी को पेमेंट के लिए यस बैंक के एटीएम से पैसे भेजे। लेकिन आगे पैसे नहीं गए। वहां से फोन आ गया। सुबह से बैंक में आया हुआ हूं। कोई बात सुनने को तैयार नहीं। पेमेंट के लिए चेक लगाए, उनके चेक भी क्लीयर नहीं हुए।
प्लाट के लिए निकाल लिए थे 14 लाख, बच गए
बैंक में आए मॉडल टाउन के देवदत्त का कहना है कि कुछ दिन पहले प्लाट के लिए 14 लाख रुपये खाते से निकाले थे। कुछ ही रुपये खाते में है। अब ये पैसे भी नहीं निकल पा रहे है। उनके पिता का खाता भी इसी बैंक में है। ये रकम फंसती हुई नजर आ रही है। उन्होंने अपने पिता को इस बैंक से पैसे निकलवाने के लिए भी कहा था, मगर समय पर पैसे नहीं निकल पाए।