अब हलवाई मिठाई पर लिखेंगे एक्सपायरी डेट
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण(एफएसएसएआइ) ने हलवाई की दुकान में मिठाई से भरे कंटेनर्स और ट्रे पर निर्माण और इस्तेमाल की तिथि लिखना अनिवार्य कर दिया है। यह नया नियम एक जून 2020 से लागू होगा। शहर के मिठाई विक्रेताओं ने इसका स्वागत किया है।गली-मुहल्लों में खुली त्योहारों पर खुलने वाली अस्थायी दुकानों पर शिकंजा कसना खाद्य सुरक्षा विभाग के लिए चुनौती है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने हलवाई की दुकान में मिठाई से भरे कंटेनर्स और ट्रे पर निर्माण और इस्तेमाल की तिथि लिखना अनिवार्य कर दिया है। यह नया नियम एक जून से लागू होगा। शहर के मिठाई विक्रेताओं ने इसका स्वागत किया है।गली-मुहल्लों में खुली, त्योहारों पर खुलने वाली अस्थायी दुकानों पर शिकंजा कसना खाद्य सुरक्षा विभाग के लिए चुनौती है।
शहर में मिठाइयों की करीब 80 दुकानें हैं। मिठ्ठन स्पीट्स की श्रृंखला, अग्रवाल स्वीट्स, भगत स्वीट्स और बीकानेर जैसे नाम शामिल हैं। शहर में मिठाई का करीब 40 करोड़ रुपये सालाना कारोबार होता है। एफएसएसएआइ ने खुली मिठाइयों को भी खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिग और लेबलिग) विनियम-2011 के दायरे में शामिल कर लिया है। उत्पादन तिथि और एक्सपायरी डेट तारीख का निर्धारण उत्पादन के प्रकार और तापमान को ध्यान में रखकर तय किया जाएगा।
एफएसएसएआइ के नए नियम का उल्लंघन करते पकड़े जाने पर दुकानदार के विरुद्ध कार्यवाई की जाएगी।इसमें दो लाख रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान है।खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने इस बाबत दुकानदारों को नोटिस भेजने, मीटिग बुलाकर जानकारी देने की तैयारी कर ली है। यह भी जान लें :
बंगाली मिठाइयों जैसे रसगुल्ला, रस-मलाई, स्पंज आदि को रेफ्रीजरेटर में नहीं रखें। इन्हें 48 घंटे के भीतर में इस्तेमाल कर लेना चाहिए। मावा से बनी मिठाई,खासकर किसी भी प्रकार की बर्फी को रेफ्रीजरेटर में बिल्कुल न रखें। बेसन और मैदा से बनी मिठाइयों को भी ठंडे-खुश्क वातावरण में रखना चाहिए। वर्जन :
डिब्बे पर अभी भी लिखा होता है कि मिठाई 24 घंटे तक इस्तेमाल होने योग्य है। डिब्बे पर मुहर और ट्रे पर स्टीकर लगाना शुरू कर देंगे। अधिक मिलावट की आशंका जहां रहती है, उन तक अधिकारी पहुंच ही नहीं पाते। ग्राहकों को अधिक जागरूक करने की जरूरत है कि उन्होंने घर में मिठाई किस तापमान में रखी हुई है।
भूषण गुप्ता, प्रधान, हलवाई एसोसिएशन, पानीपत। वर्जन :
दूध उत्पादों सहित बेसन, मैदा, सूजी आदि से तैयार मिठाइयों पर उत्पादन और उपयोग करने की तारीख अंकित नहीं की जाती है। ग्राहकों को यह पता नहीं चल पाता है कि मिठाई कितने दिन पुरानी है। एक जून के बाद अभियान चलाकर, दुकानों का निरीक्षण किया जाएगा।
श्यामलाल, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी