हरियाणा, दिल्ली एनसीआर सहित इन राज्यों में मौसम को लेकर अलर्ट, बरसात और ओलावृष्टि की संभावना
हरियाणा दिल्ली सहित कई राज्यों में अचानक मौसम बदलेगा। मौसम एक्सपर्ट ने भी अलर्ट जारी किया है। उत्तरी मैदानी इलाकों में एक बार फिर बरसात और ओलावृष्टि होने की संभावना जाहिर की है। जानें 5 जनवरी तक कैसा रहेगा मौसम।
करनाल, जागरण संवाददाता। सतर्क हो जाइए, मौसम में अचानक परिवर्तन होगा। मौसम विभाग ने भी अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने ताजा मौसमी परिस्थतियों को देखते हुए संभावना जताई है कि उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में बरसात व ओलावृष्टि का सिलसिला पांच जनवरी से शुरू हो सकता है। एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के आने और अन्य मैदानी इलाकों में एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण के गठन के साथ है।
संभावना है कि पांच जनवरी से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में एक बार फिर बरसात की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। इन क्षेत्रों में छह जनवरी को बारिश की गतिविधियां अपने चरम पर होंगी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। हवा की दिशा में बदलाव और न्यूनतम बादल छाए रहने से कड़ाके की ठंड से राहत मिलेगी। दिन के तापमान में 2-4 डिग्री की गिरावट आ सकती है। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में कोल्ड डे की स्थिति संभव है। ये गतिविधियां 7 जनवरी तक जारी रहेंगी और इसके बाद मौसम साफ हो जाएगा।
आठ जनवरी से प्रदेशभर में शीत लहर कंपकंपाएगी
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से संभावित बरसात व ओलावृष्टि के बाद आठ जनवरी से हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व एनसीआर के क्षेत्र में शीत लहर चलने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। कड़ाके की ठंड कंपकंपाएगी। जिससे तापमान में भारी गिरावट आएगी। 8 और 9 जनवरी को उत्तरी मैदानी इलाकों में भी घना कोहरा पड़ सकता है।
इस समय यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम
चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के आसपास के हिस्सों पर बना हुआ है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य क्षोभमंडल स्तरों पर श्रीलंका तट के पास बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी के ऊपर है। एक जनवरी की रात तक एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय तक पहुंचने की उम्मीद है। एक और पश्चिमी विक्षोभ, जो अपेक्षाकृत काफी मजबूत है, चार जनवरी से पश्चिमी हिमालय और पांच जनवरी से उत्तरी मैदानी इलाकों को प्रभावित करना शुरू कर देगा।