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रिटायर्ड इंस्‍पेक्‍टर पिता की वर्दी पहनकर झाड़ता रौब, 250 छात्राओं को यूं ठगा

टोल बचाने के लिए एसआइ के बेटे ने कई तरीके अपनाए। उप्र में फर्जी आइकार्ड बनवा ठग बना। गरीब छात्राओं को स्कूटी दिलाने का झांसा दे ठगने वाले एनजीओ संचालक से की रिकवरी।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 01:59 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 02:00 PM (IST)
रिटायर्ड इंस्‍पेक्‍टर पिता की वर्दी पहनकर झाड़ता रौब, 250 छात्राओं को यूं ठगा
रिटायर्ड इंस्‍पेक्‍टर पिता की वर्दी पहनकर झाड़ता रौब, 250 छात्राओं को यूं ठगा

जेएनएन, पानीपत - छात्राओं को स्कूटी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगने के आरोप में पकड़े गए नोएडा के गांव गढ़ी वासी पृथ्वी शर्मा ने रिमांड में चौका देने वाला कुबूलनामा किया है। टोल बचाने तथा अपने दोस्तों पर रौब डालने के लिए उसने उप्र में तैनात अपने सब इंस्पेक्टर पिता की वर्दी का सहारा लिया। उसी आधार पर नोएडा से नकली पहचानपत्र बनवा लिया। वर्तमान में शहर के काजीवाड़ा में किराएदार बन रहने वाले आरोपित ने विकास विहार की कोठी नंबर 73 में ओम श्री फाउंडेशन के नाम से एनजीओ चला रखा था।

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लोगों को फायदा देने की बजाय अपना गोरखधंधा चला रहा था। संस्था के तमाम नियम-कायदों को दरकिनार कर छात्राओं को गुमराह कर रहा था। सीआइए-वन ने बुधवार रिमांड पूरा होने के बाद कोर्ट में पेश किया। पैसों की रिकवरी होने के कारण पुलिस ने उसका रिमांड नहीं मांगा। अदालत के आदेश पर 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पत्‍नी से तलाक का चल रहा केस
पृथ्वी के दो बच्चे हैं। मनमुटाव होने के कारण पत्नी से तलाक का केस कोर्ट में विचाराधीन है। शहर के डीएवी कालेज में भी पढ़ा। पुलिस को बताया कि उसके पिता मोहन उप्र पुलिस ने सब इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्‍त हो चुके हैं। उसी दौरान उसके मन में ख्याल आया कि यदि वह अपना भी पुलिस का पहचानपत्र बनवा ले तो कई फायदे ले सकता है। टोल भी नहीं लगेगा और यारों-दोस्तों पर रौब भी होगा। पिता की नौकरी के दौरान घर में तीन-चार वर्दियां पड़ी रहती थी। एक दिन मौका पाते उसने वही वर्दी पहनकर अपनी फोटो खींच ली। वहीं फोटो दिखाकर उसने नोएडा की मार्केट से अपना पहचानपत्र बनवा लिया। इसी पहचानपत्र के आधार पर वह अंबाला में अपने दोस्तों के सामने शेखियां बधारता रहा कि कि पुलिस में होने के बावजूद वह एनजीओ के माध्यम से गरीबों की मदद और समाज सेवा करता है। किसी को शक भी नहीं हुआ कि वह ठग भी हो सकता है।

यूं खुला ठगी का गोरखधंधा 
शक होने पर यमुनानगर के सढ़ोरा वासी राजकुमार अपनी भतीजी के साथ आफिस पहुंचे। पता चला कि करीब 250 छात्राओं से पैसे लिए गए हैं। छात्राओं ने बताया कि स्कूटी दीपावली के पास मिलेगी। उसके बाद सीआइए को मौके पर बुलाकर कार्रवाई कराई गई।

तरीका-ए-वारदात 
सूत्रों के अनुसार दो साल से संस्था में विकास विहार में अपना दफ्तर खोल रखा था। दफ्तर में दो कर्मचारी रखे थे। कुछ लड़कियों को गुमराह कर स्कूल और कालेजों में भेजा जाता था। ये लड़कियां छात्राओं को बताती थी कि सरकारी योजना के मुताबिक गरीब लड़कियों को स्कूटी देनी है। 50 रुपये में फार्म भरकर उनके फोटो, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर व अन्य दस्तावेज ले आती थी। इन्हीं नंबरों के आधार पर उन्हें आफिस बुलाया जाता रहा। 500 रुपये और लेने के बाद उन्हें बताया जाता था कि एक दो माह में स्कूटी दी जाएगी। इससे पहले एजीओ के कर्मचारी उनके घर आकर पता लगाएंगे कि वे पात्र भी हैं या नहीं। समारोह में सभी को वाहन दिया जाएगा।


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