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वार्ड 11 में सप्लाई पानी की गंभीर समस्या, लोग परेशान

वार्ड-11 में विकास के नाम पर कम काम हुए हैं। सैनी मुहल्ला वाली गली में पानी संकट सहित वार्ड में बेसहारा पशुओं सफाई और स्ट्रीट लाइटों की समस्या है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2020 08:06 AM (IST)Updated: Sat, 12 Dec 2020 08:06 AM (IST)
वार्ड 11 में सप्लाई पानी की गंभीर समस्या, लोग परेशान
वार्ड 11 में सप्लाई पानी की गंभीर समस्या, लोग परेशान

जागरण संवाददाता, समालखा : वार्ड-11 में विकास के नाम पर कम काम हुए हैं। सैनी मुहल्ला वाली गली में पानी संकट सहित वार्ड में बेसहारा पशुओं, सफाई और स्ट्रीट लाइटों की समस्या है।

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वार्ड की आबादी साढ़े तीन हजार के करीब है। वार्ड में चार सफाई कर्मी भी हैं। चारों ओर से सड़कों से घिरे होने से यहां बेसहारा गोवंश की भरमार है। गली में पशुओं के बैठे रहने से आवाजाही में परेशानी होती है। हादसे का डर रहता है। रास्ते को उखाड़ बनाना भूली नपा डा. गुरुदत्त अनेजा और कुलदीप शर्मा कहते हैं कि चुलकाना फ्लाईओवर के साथ पुराना तहसील जाने वाला रास्ता करीब डेढ़ माह से उखड़ा पड़ा है। गंदे पानी की पाइप लाइन दबाने के लिए नपा ने इसे उखाड़ी थी। इस रास्ते पर श्रीकृष्ण गोशाला सहित हिमगिरी पब्लिक स्कूल है। यहां से लोगों और पशुओं का जाना-आना लगा रहता है। लोग हादसे के शिकार हो रहे हैं, लेकिन नपा इसे बना नहीं रही है। पानी की घोर समस्या जूली पत्नी यामीन, रामकली पत्नी कृष्ण, इंद्रेश कहते हैं कि ज्योति पब्लिक स्कूल वाली गली में सप्लाई पानी नहीं आता है। गली में सरकारी फंड से गले सभी सबमर्सिबलों को लोगों ने निजी अधिकार में ले लिया है। वे आम लोगों को पानी भरने नहीं देते हैं। उन्हें बूंद बूंद पानी के लिए मोहताज होना पड़ता है। बेसहारा पशुओं की समस्या अमरजीत कहती है कि पार्षद वाली गली में बेसहारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। पशु गंदगी फैलाते हैं। साथ ही लोगों की आवाजाही में परेशानी पैदा करते हैं। रात में रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से हादसे का डर रहता है। वार्ड की अधिकांश लाइटें बंद पड़ी है। सफाई की भी समस्या सुमित जैन कहते हैं कि गलियां भले ही बनी है, लेकिन नालों की हालत ठीक नहीं है। इनकी नियमित सफाई नहीं होती है। बदबू से लोग परेशान रहते हैं। मच्छर और मक्खी भी गर्मी में परेशान करते हैं। विकास में भेदभाव का आरोप पार्षद विजेंद्र गौतम कहते हैं कि साढ़े चार साल में केवल 15 से 20 लाख रुपये के मरम्मत के काम हुए हैं। फंड के अभाव में गली और नालियों की केवल मरम्मत संभव हो सकी है। उनके 25 लाख के टेंडर रद कर दिए गए। चार लाख रुपये की बेंच और साइन बोर्ड दूसरे वार्ड में लगा दिए गए। वार्ड के नाले अधूरे पड़े हैं। तहसील वाले रास्ते को भी नहीं बनाया जा रहा है। स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी है। नपा में कोई सुनने वाला नहीं है। -धर्म देव। 11 दिसंबर, 20.


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