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सिविल अस्पताल में बूंद-बूंद को तरसे मरीज-तीमारदार, नहीं हुई डायलिसिस

डीसीडीसी सेंटर से दो मरीजों को सोनीपत करना पड़ा रेफर 22 हॉर्सपॉवर की मोटर खराब होने से बिगड़े हालात बोतलबंद पानी खरीदकर पीते दिखे डॉक्टर ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 07:50 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 07:50 AM (IST)
सिविल अस्पताल में बूंद-बूंद को तरसे मरीज-तीमारदार, नहीं हुई डायलिसिस
सिविल अस्पताल में बूंद-बूंद को तरसे मरीज-तीमारदार, नहीं हुई डायलिसिस

जागरण संवाददाता, पानीपत: सिविल अस्पताल स्थित ट्यूबवेल की मोटर खराब हो गई। नतीजा, सुबह 10 बजे से ही पानी के लिए त्राहि-त्राहि मचने लगी। मरीजों ने बोतल बंद पानी से प्यास बुझाई। डीसीडीसी सेंटर के टैंक खाली होने के कारण तीन मरीजों की डायलिसिस नहीं हो सकी, उन्हें सोनीपत रेफर करना पड़ा।

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अस्पताल की ट्यूबवेल में 22 हॉर्सपॉवर की मोटर लगी हुई है। शुक्रवार को जैसे ही ट्यूबवेल चालू की गई, मोटर से धुंआ उठने लगा और ट्यूृबवेल बंद हो गई। अस्पताल की छत पर रखी एक दर्जन से अधिक टंकियों का पानी भी सुबह 10 बजे से पहले खत्म हो गया। वाटर कूलरों में पानी खत्म हुआ तो मरीजों-तीमारदार, डॉक्टर, स्टाफ नर्स आदि बोतलबंद पानी से प्यास बुझाते दिखे। शौचालयों में पानी नहीं होने से सबसे अधिक दिक्कत हुई। पानी की किल्लत का प्रतिकूल असर डेंटल ओपीडी और प्रसूति कक्ष में भी पड़ा।

अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. अमित पोडिया ने बताया कि शाम तक बिजली मोटर की मरम्मत हो जाएगी। दिक्कत बनी रही तो कहीं से मोटर मंगवाकर लगवा दी जाएगी। बता दें कि सिविल अस्पताल में रोजाना तकरीबन छह हजार लोगों (मरीज, तीमारदार, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) का आवागमन है। स्पेयर में नहीं मोटर

अस्पताल के ट्यूबवेल में एक ही मोटर है, स्पेयर में दूसरी नहीं है। दूसरी मोटर रखी होती तो अस्पताल में पानी की किल्लत नहीं भुगतनी पड़ती। डीसीडीसी का स्टाफ भी चूका

डायलिसिस वार्ड में रखी पानी की टंकियां फुल नहीं थी। नियमानुसार चार दिन के लिए अतिरिक्त पानी का स्टॉक होना चाहिए। केंद्र के स्टाफ ने लापरवाही बरती। इसी कारण मरीजों को सोनीपत स्थित डीसीडीसी केंद्र के लिए रेफर करना पड़ा। टोंटी हुई चोरी तो बह गया पानी :

सिविल अस्पताल के ओपीडी ब्लॉक अन्य शौचालयों में लगी तीन टोंटी चोरी हो गईं। इस कारण पानी व्यर्थ बहता रहा और खत्म हो गया। विगत दिनों भी लेबर वार्ड और जनरल वार्ड के शौचायलों से तीन टोंटी चोरी हो चुकी है। एक टोंटी की कीमत 800 रुपये से अधिक बताई गई है। अस्पताल प्रशासन ने फिलहाल प्लास्टिक की टोंटियों लगाई हैं। सिक्योरिटी सुपरवाइजर को तलब किया गया है। एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।


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