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ढांडा के नाम का पत्थर फिर से लगा, वार्ड में बैठी पंचायत

जागरण संवाददाता, पानीपत : वार्ड 1

By Edited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 03:00 AM (IST)
ढांडा के नाम का पत्थर फिर से लगा, वार्ड में बैठी पंचायत
ढांडा के नाम का पत्थर फिर से लगा, वार्ड में बैठी पंचायत

जागरण संवाददाता, पानीपत : वार्ड 18 के फौजीनगर में शिलान्यास का पत्थर तोड़ने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मंगलवार को इस संबंध में वार्ड में पंचायत बुला ली गई। पार्षद संजीव दहिया व कालोनी के लोगों के बीच सुलह होने के बाद पत्थर फिर से लगा दिया गया। पंचायत में आरोप-प्रत्यारोप के बीच कालोनी के लोगों ने समस्याओं से पार्षद को अवगत कराया है।

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जाटल रोड पर सौंधापुर चौराहे के पास फौजी नगर की गली लगती है। वर्ष 2015 में इस गली के निर्माण को लेकर शिलान्यास पत्थर लगाया गया था। पत्थर पर विधायक महीपाल ढांडा व पार्षद संजीव दहिया का नाम है। दो साल तक इंतजार करने के बाद जब विकास की आस टूट गई तो आक्रोशित लोगों ने बीते शनिवार को इस पत्थर को गिरा दिया। देर रात असंध चौकी पहुंच कर पत्थर गिराने की शिकायत भी दे दी। चौकी इंचार्ज ने कलोनीवासियों से कहा कि रात भर में इस पत्थर को दोबारा लगवा दो, नहीं तो एफआइआर दर्ज करेंगे। इसका असर ये हुआ कि रातों-रात पत्थर को फिर से लगा दिया। गेरुए रंग से पुताई भी कर दी। पत्थर किसने गिराया, क्यों गिराया इसे लेकर दोपहर एक बजे सैनी किराना स्टोर्स के पास पार्षद के साथ डेढ़ दो घंटे तक पंचायत हुई।

पंचायत में पार्षद व पब्लिक के बीच बातचीत

पार्षद : मेरी वजह से तो विकास कार्य बंद नहीं है, फिर पत्थर क्यों उखाड़ा?

पब्लिक : अब आप ही किसी तरह बनवा दो ये सड़क और गली।

पार्षद : मैंने तो जोर लगा रखा है, विधायक के पास चलना है तो अभी चलो?

पब्लिक : शिलान्यास पत्थर लगे दो साल बीत गए, कब होगा निर्माण।

पार्षद : मैं समस्या पैदा करने के लिए नहीं हूं। ये तो आसपास से पैदा होती है।

पब्लिक : हमने निगम में हाउस टैक्स भी भरा। फिर क्यों नहीं काम हो रहा।

पार्षद : मैंने तो नहीं कहा भरने के लिए।

महिला : पार्षद जी, आपकी तो थोड़ी बहुत चलती होगी?

पार्षद : चाहे आप सब को खराब लगे, मैं न झूठ बोलता न राजनीति करता हूं। बाहरी कालोनी होने से दिक्कत आ रही है। शिलान्यास पत्थर तोड़ने के मामले में थाने जाकर अपना व मेरा भी नुकसान कर दिया। शहर में अब बात फैल गई।

महिला : आप तो इसे सुलझा लो।

पार्षद : थाने नहीं जाना चाहिए। मुझे बताते ये बात।

कालोनी की गंभीर समस्याएं

-नालियों के पानी की निकासी नहीं है। सड़ांध भरे माहौल में लोगों को रहना पड़ता है।

-बिजली के तार घरों की छतों, सड़क व प्लॉट से दौड़ रही है। तार इतने नीचे हैं कि कभी भी हादसा हो सकता है।

-बताया जा रहा है कि गली में एक प्लॉट पर अवैध नींव भी डली है।

तीसरी बार टेंडर में बिगड़ी बात

फौजी नगर में सरकारी रेवेन्यू रास्ता था। 16.40 लाख व 16 लाख का टेंडर लगा। वर्ष 2014 में राहुल एंड कंपनी को 16.40 लाख का टेंडर दिया गया। जो गली खराब थी, उसका टेंडर सुभाष सहगल को दिया गया। एक पांच लाख का टेंडर अलग से हुआ। इन गलियों को दोबारा फिर से टेंडर कॉल किया गया तो एक बोली लगी। तीसरी बार में विजय सहगल ने बोली लगाई। पार्षद संजीव दहिया ने बताया कि उसका लाइसेंस फर्जी निकल जाने से नुकसान हो गया। उसी समय आरडब्ल्यूए के आदेश आ गए।

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सौंधापुर चौराहे के पास स्थित फौजीनगर में शिलान्यास पत्थर तोड़े जाने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। किसी ने सूचना नहीं दी।

एनडी वशिष्ठ, अधीक्षण अभियंता नगर निगम

शिकायत पर कार्रवाई नहीं

बहादुर सिंह का कहना है कि विकास कार्य पूरी तरह से ठप है। डाई हाउस का गंदा पानी प्लॉट में जमा होने से लोगों के घरों में सीलन आ रहा है। प्रदूषण विभाग से शिकयत करने पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कालोनी के लोग परेशान हैं।

विकास कार्य हैं ठप

सुभाष का कहना है कि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के बहाने नगर निगम से विकास कार्य रुका पड़ा है। कीचड़ भरी सड़क पर बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी होती है। पार्षद से कई बार बनवाने को कहा है। निगम के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

बजट खत्म का बहाना

सत्यनारायण का कहना है कि विकास हुआ नहीं, अब बजट खत्म होने की बात कही जा रही है। लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है। विकास कार्य नहीं के बराबर हुआ। इससे लोगों का भरोसा टूट जाएगा।

खरीदते हैं पीने का पानी

धर्मपाल का कहना है कालोनी के लोग खरीद कर पानी पीते हैं। 400 रुपये प्रति माह खर्च होता है। कब तक खरीद कर पानी पीएंगे।

ट्यूबवेल नहीं है यहां

कश्मीरी लाल का कहना है कि तीन ट्यूबवेल पहले से लगे थे। चौथा भी गांव में लगा दिया गया है। इस कालोनी में पेयजल की समस्या गंभीर है। लोग परेशानी महसूस कर रहे हैं। पानी तक खरीद कर पीना पड़ता है।

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एक ठेकेदार के पास मेंटिनेंस का जिम्मा है। उससे सड़क की मरम्मत करा दी जाएगी ।

संजीव दहिया, पार्षद वार्ड नंबर 18


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