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फेसबुक पर बना लिया गैंग, पिता की हत्‍या का बदला लेने निकल पड़े

चमराड़ा की सरपंच पति की करनी थी हत्या, दो बदमाश वारदात से पहले गिरफ्तार। पुलिस की गाड़ी लूटकर भागना चाहते थे। इनके पास से तीन पिस्‍तौल और तीन कारतूस बरामद।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 03:15 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 10:46 AM (IST)
फेसबुक पर बना लिया गैंग, पिता की हत्‍या का बदला लेने निकल पड़े
फेसबुक पर बना लिया गैंग, पिता की हत्‍या का बदला लेने निकल पड़े

पानीपत, जेएनएन। पिता की हत्‍या का बदला लेने के लिए निकले दो बदमाशों को पुलिस ने पकड़ लिया। इन बदमाशों ने फेसबुक पर दोस्‍ती की और गैंग बनाया। रोहतक बाईपास पर सिवाह के पास सोमवार सुबह पुलिस की गाड़ी लूटकर चमराड़ा के योगेश ने साथी देहरा के सागर के साथ मिलकर चमराड़ा गांव की सरपंच के पति व ब्लॉक इसराना के सरपंच एसोसिएशन के प्रधान जितेंद्र उर्फ काला की हत्या करनी थी। उनके कब्जे से तीन पिस्तौल व तीन कारतूस बरामद किए हैं।

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सीआइए-2 प्रभारी दीपक कुमार ने बताया कि सुबह करीब चार बजे एएसआइ अशोक कुमार, एएसआइ राजेश, सिपाही सन्नी और सिपाही अजय डाहर चौक के पास गश्त पर थे। तभी सूचना मिली कि दो युवक रोहतक बाईपास पर सिवाह के नजदीक राहगीरों व वाहन चालकों को लूटने की फिराक में हैं। रोहतक बाईपास पर रेलवे लाइन ओवरब्रिज पार किया तो युवकों ने आगे अड़कर गाड़ी रुकवाई। इनमें से एक युवक सिपाही अजय की कनपटी पर पिस्तौल अड़ा बोला जो है निकाल दे। नहीं तो गोली मार दूंगा। उसने अंदर की लाइट जलाई तो युवक एएसआइ को वर्दी में देखकर फरार हो गए। दोनों युवकों को भागकर काबू किया गया। इनकी पहचान चमराड़ा के योगेश और देहरा के सागर के रूप में हुई। थाना चांदनी बाग पुलिस ने मामला दर्ज किया। आरोपित योगेश व सागर को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें दो दिन के रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान आरोपितों से पता किया जाएगा कि वे हथियार कहां से लेकर आए थे। उनके और कितने साथी हैं। सागर ने देहरा गांव में मारपीट की थी। उसके खिलाफ समालखा थाने में मामला दर्ज है।

2009 में योगेश के पिता व चाचा की हत्या कर दी थी, जितेंद्र था आरोपित
कुख्यात अपराधी जगबीर ने 15 जुलाई 2009 को गांव के हितेश की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 16 जुलाई को शाम को ही योगेश के पिता सुरेंद्र और चाचा बिजेंद्र की खेत में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। मामले में अदालत ने पूर्ण, दिनेश, प्रदीप, प्रवीण, बलबीर और सतीश को उम्रकैद की सजा हुई। चमराड़ा के जितेंद्र उर्फ काला और अन्य दस आरोपितों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया था। अपने पिता व चाचा की हत्या का जितेंद्र उर्फ काला से बदला लेना था। योगेश ने हथियार जुटा लिए थे। उसने एक गाड़ी चाहिए थी। इसलिए वह गाड़ी लूटने की फिराक में था।

मिलकर करनी थी पंपू और जितेंद्र की हत्या
इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने बताया कि योगेश की डेढ़ साल पहले रोहतक के समैल गांव के नवीन उर्फ भोलू हाल पता सिवाह के साथ दोस्ती हुई थी। नवीन के भाई का जेल में गैंगस्टर सिवाह के राकेश उर्फ पंपू ने हाथ तोड़ दिया था। इसी वजह से नवीन ने योगेश के साथ मिलकर पंपू की हत्या करनी थी। इससे पहले ही नवीन सीआइए-1 पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इसके बाद योगेश ने सागर के साथ मिलकर चमराड़ा के जितेंद्र की हत्या की साजिश रची। वारदात से पहले ही वे दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए।


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