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पानीपत में ईंट-पत्थरों की नहीं ये हैं ज्ञान की दीवारें, देखिये और सीखिये, एक शिक्षक का है ये कमाल

पानीपत में एक स्‍कूल ऐसा भी है जो दूसरों के लिए नजीर बनता जा रहा है। यहां की हर ईंट और पत्‍थर ज्ञान का संदेश बांट रही हैं। यहां के जेबीटी प्रदीप कुमार की लगन सराहनीय है। स्कूल की दीवारों पर चित्रकारी शिक्षा दे रही है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 12:16 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 12:16 PM (IST)
पानीपत में ईंट-पत्थरों की नहीं ये हैं ज्ञान की दीवारें, देखिये और सीखिये, एक शिक्षक का है ये कमाल
पानीपत में ईंट-पत्थरों की नहीं ये हैं ज्ञान की दीवारें।

पानीपत, [उमेश कुमार]।  स्कूल को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। उसी स्कूल की दीवारों पर बच्चों को शिक्षा देते चित्र बना दिए जाएं तो उन्हें ज्ञान की दीवारें कहना ही ठीक होगा। कुछ ऐसा ही अनोखा प्रयास किया है राजकीय कन्या ‎प्राथमिक स्कूल बापौली के जेबीटी प्रदीप कुमार ने। सबसे अच्छी बात, उन्होंने यह चित्रकारी अवकाश के दिनों का सदुपयोग करते हुए की है।

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प्रदीप कुमार ने बताया कि कोरोना काल में बच्चों का स्कूल आना बंद था। इस पीरियड का लाभ लेते हुए करीब दो माह पहले स्कूल की बाहरी व दो कमरों की दीवारों पर चित्रकारी करना शुरू किया। इसका उद्देश्य यह कि स्कूल की छात्राएं इन चित्रों को देखकर, उनके नीचे लिखे स्लोग्न को पढ़कर कुछ सीख सकें। चित्रों के जरिए कोविड-19 वासरस, पक्षियों के नाम, पशुओं के नाम, फूलों के नाम, यातायात नियम आदि समझाएं गए हैं।

 

सामाजिक सरोकार के संदेश

कहीं उगता सूरज है तो कहीं गुब्बरों से खेलती बच्ची। एबीसीडी-वनटूथ्रीफोर है तो जनवरी से दिसंबर तक महीनों की स्पेलिंग। स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत का संदेश भी है। चित्रों के जरिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण बचाओ जैसे संदेश भी दिए गए हैं।

आसपास के गांवों में तारीफ

शिक्षक के अनोखे प्रयास की सराहना आसपास के गांवों में भी हो रही है। ग्रामीण स्कूल को देखने के लिए भी पहुंचने लगे हैं। प्रधानाचार्य ज्ञानीराम कौशिक ने कहा कि सरकारी स्कूलों में गुणात्मक सुधार के लिए उनका सौंदर्यीकरण और उपयुक्त माहौल जरूरी है।

 

चित्रकारी की शिक्षा नहीं ली

जेबीटी प्रदीप कुमार ने बताया कि मैंने चित्रकारी की शिक्षा कहीं से नहीं ली है। पढ़ाई के समय से ही कला में विशेष रूझान था। आज वही मेरे काम आ रहा है। सभी सरकारी स्कूलों  में इसी तरह का प्रयास किया जाए तो बच्चों को खेल-खेल में बहुत कुछ सीखने को मिल जाएगा।


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