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निसिंग ग्रामीण पंचायत सीट के लिए हुई वोटिंग, कम रह सकता है हार जीत का अंतर

करनाल के निसिंग ग्रामीण पंचायत सीट पर उपचुनाव में मतदाताओं ने उत्साह दिखाया। अब सभी को मतगणना का इंतजार है। इस सीट पर सरपंच पद के उम्मीदवार सर्वजीत सिंह व नवाब सिंह के बीच हार जीत का अंतर कम रहा सकता है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 06:09 PM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 06:09 PM (IST)
निसिंग ग्रामीण पंचायत सीट के लिए हुई वोटिंग, कम रह सकता है हार जीत का अंतर
निसिंग ग्रामीण पंचायत सीट पर पंचायती उपचुनाव।

पानीपत/करनाल, जेएनएन। करनाल की निसिंग ग्रामीण पंचायत सीट पर पंचायती उपचुनाव में दो उम्मीदवारों के बीच कांटे का मुकाबला चल रहा है। दोपहर तीन बजे तक 887 वोटरों ने मतदान किया। माना जा रहा है कि सरपंच पद के उम्मीदवार सर्वजीत सिंह व नवाब सिंह के बीच हार-जीत का अंतर बहुत कम वोटों का रहेगा। दो ही उम्मीदवारों में सीधा मुकाबला है, पुलिस प्रशासन की ओर से मतदान और मतगणना की पूरी प्रक्रिया को लेकर तमाम स्तरों पर पुख्ता प्रबंध हैं।

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निसिंग ग्रामीण सीट के उपचुनाव काफी प्रतिष्ठापूर्ण माने जा रहे हैं। इसे लेकर क्षेत्र में हलचल जहां चरम पर रही वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से भी चुनाव की अहमियत को देखते हुए तमाम स्तरों पर एहतियातन पुख्ता प्रबंध किए गए। मंगलवार को सुबह से ही चुनाव की नोडल अधिकारी और करनाल की सिटी मजिस्ट्रेट विजया मलिक की अगुवाई में निसिंग के नायब तहसीलदार रामकुमार और अन्य अधिकारियों ने निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया पर बेहद बारीकी से नजर रखी।

पोलिंग अधिकारियों ने उपचुनाव के लिए बनाए गए दोनों बूथ पर मतदान के दौरान मतदाताओं के लिए उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का भी नियमित रूप से जायजा लिया। निसिंग थाने के एसएचओ रामफल ने भी सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालते हुए मतदान केंद्रों के साथ साथ आसपास के क्षेत्र में भी लगातार गश्त की। इससे चुनावी प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ी। वहीं, दोपहर बाद तक करीब नौ सौ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

मतदान का समय समाप्त होने के करीब एक घंटे के अंतराल पर मतगणना आरंभ होगी, जिसके बाद यह तय हो जाएगा कि निसिंग पंचायत सीट पर हुए इस उपचुनाव में मतदाताओं ने आखिरकार किसके हक में फैसला दिया है। चुनाव में दो ही प्रत्याशियों यानि सर्वजीत सिंह व नवाब सिंह के बीच सीधा मुकाबला है, जिसे देखते हुए हार और जीत में अधिक अंतर न होने की संभावना जताई जा रही है।  

उल्लेखनीय है कि 2017 में हुए पंचायती चुनाव में विवाद उभर गया था। इसके तहत जीत दर्ज करने वाले पक्ष पर दूसरे खेमे की ओर से गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाते हुए अदालत की शरण ली गई थी। इसके चलते 2019 में पंचायत पर काबिज सरपंच को डीसी करनाल के आदेशानुसार सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद पंचाें को सरपंच मनोनीत करने का जिम्मा सौंपा गया। इसके लिए कई बार प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। आखिरकार बीते माह तमाम उतार चढ़ाव से गुजरने के बाद उपचुनाव की तिथि तय कर दी गई, जिसके चलते अब इस महत्वपूर्ण सीट पर बहुप्रतीक्षित उपचुनाव हो रहे हैं। इसे लेकर क्षेत्रवासियों के अलावा जिले के तमाम सियासी दिग्गजों के मन में भी खासी बेचैनी झलक रही है।


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