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वोट मांगने पहुंचे प्रत्याशी को सुननी पड़ी खरी-खोटी, ये थी वजह

ग्रामीणों ने सोनीपत सांसद रमेश कौशिक को खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों ने कहा कि पांच साल तक आप दिखाई नहीं दिए अब वोट की जरूरत पड़ी तो गांव आ गए।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 06:52 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:52 PM (IST)
वोट मांगने पहुंचे प्रत्याशी को सुननी पड़ी खरी-खोटी, ये थी वजह
वोट मांगने पहुंचे प्रत्याशी को सुननी पड़ी खरी-खोटी, ये थी वजह

पानीपत/जींद, जेएनएन। लोकसभा चुनाव के लिए वोट मांगने पहुंचे भाजपा सांसद रमेश कौशिक को पौली गांव में विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने कहा, सांसद जी आप अब तक कहां थे? पांच वर्ष तक आप गांव में दिखाई नहीं दिए। अब वोट की जरूरत पड़ी तो गांव में आ गए। 

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मंगलवार सुबह जुलाना में कार्यालय के उद्घाटन के बाद सांसद पौली गांव की चौपाल में पहुंचे और भाजपा के पक्ष में वोट देने की अपील की। सांसद रमेश कौशिक अपना भाषण खत्म करने ही वाले थे कि एक ग्रामीण ने कहा कि उनके दो सवालों को भी सुना जाए। नंबर एक तो उनके खेतों में हर वर्ष की तरह इस साल भी पानी खड़ा है, क्योंकि निकासी की कोई व्यवस्था ही नही है। हर वर्ष हजारों एकड़ फसल बरसात के पानी की भेंट चढ़ जाती है। सरकार का उनकी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं है। दूसरे नंबर पर गांव में जलघर होने के बावजूद पेयजल नहीं मिला है। 

समस्याओं से सरकार को कोई सरोकार नहीं

इस पर कई ग्रामीणों ने कहा कि इन समस्याओं से सरकार को कोई सरोकार नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि सांसद गांव में पहली बार आए थे, तब एक चौपाल के लिए सात लाख रुपये देने की घोषणा की थी। सांसद की घोषणा के रुपये देने तो दूर गांव के दर्शन तक नहीं दिए। 

सर्वश्रेष्ठ सांसद का मिला अवार्ड

सांसद ने कहा कि उन्होंने जुलाना क्षेत्र में कई विकास कार्य कराए गए हैं। सांसद का काम होता है केंद्र सरकार से प्रोजेक्ट लाकर अपने क्षेत्र का विकास कराना, जो उन्होंने बखूबी निभाया है। इसी के बूते पर उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद का अवार्ड मिला है। 

पोल न खुले, इसलिए मीडियाकर्मी को बाहर निकलने को कहा

सांसद रमेश कौशिक को लोग जब अपनी समस्याओं से अवगत करा रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक मीडियाकर्मी उनकी रिकॉर्डिंग कर रहा है। सांसद ने झल्लाते हुए कहा कि आपको यहां किसने बुलाया है। इस पर ग्रामीणों ने मीडियाकर्मी का समर्थन करते हुए कहा कि सांसद तेज बोलकर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसको सहन नहीं किया जाएगा। 


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