Move to Jagran APP

ग्रामीणों ने सरकारी स्कूल पर जड़ा ताला

जागरण संवाददाता, समालखा : शिक्षकों की कमी के कारण छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित होने से नाराज

By Edited By: Published: Mon, 29 Aug 2016 07:06 PM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2016 07:06 PM (IST)
ग्रामीणों ने सरकारी स्कूल पर जड़ा ताला

जागरण संवाददाता, समालखा : शिक्षकों की कमी के कारण छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित होने से नाराज नारायणा के ग्रामीणों ने गांव के राजकीय कन्या सीसे स्कूल में ताला जड़ दिया। दो घंटे तक शिक्षक और छात्राएं स्कूल के गेट पर डटे रहे। ग्रामीण विभाग के प्रति भड़ास निकाल रहे थे। उनका कहना था कि एक तो पहले से स्कूल में शिक्षक कम थे। 8 अगस्त को छह शिक्षकों के तबादला होने के बाद केवल दो शिक्षकों के आने से छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। खंड शिक्षा अधिकारी बृजमोहन गोयल और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतबीर सरोहा ने ग्रामीणों को भरोसा देकर ताला खुलवाया। पुलिस भी मौके पर पहुंची थी।

loksabha election banner

ग्रामीण विनोद, राजकुमार, प्रदीप, परमाल, रोशन, महिपाल, श्रवण, सुरेश, महेंद्र, इस्लाम, एसएमसी प्रधान भोपाल आदि ने कहा कि एक ओर तो सरकार राजकीय स्कूलों को निजी के समकक्ष खड़ा करने की बात कह रही है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने पर जो दे रही है। दूसरी ओर स्कूल में छात्राओं को पढ़ाने के लिए शिक्षकों का टोटा है। उन्होंने बताया कि उनके कन्या सीसे स्कूल में छठी से 12वीं तक की 366 छात्राएं हैं। उनके स्कूल में पहले से ही शिक्षकों की कमी थी। इसी माह 8 अगस्त को सरकार ने वृहत पैमाने पर शिक्षकों का तबादला किया। उनके स्कूल से आधा दर्जन शिक्षकों का तबादला हुआ, लेकिन उनकी जगह केवल दो नए शिक्षकों ने ज्वाइन किया। अब 14 की जगह केवल चार टीजीटी व तीन लेक्चरार हैं। सात शिक्षकों की कमी से छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। गणित के शिक्षक डेपुटेशन पर दूसरे स्कूल में पढ़ा रहे हैं, जबकि उन्हें वेतन यहीं से मिलता है। मालूम हो कि खंड के हथवाला सहित अन्य स्कूलों में भी इस तरह की समस्या है।

इन विषयों के पद हैं खाली

गणित के एक, अंग्रेजी के दो, राजनीति शास्त्र के एक, अर्थशास्त्र के एक, साइंस के एक, शारीरिक शिक्षा के एक। इसी तरह स्कूल में लिपिक, चौकीदार, माली, सफाई कर्मी का पद भी खाली है। नियमित प्राचार्य भी स्कूल में नहीं हैं।

मुस्कान और शिवानी 8वीं, सुमन 10वीं, अंजलि 7वीं और कोमल 9वीं कहती है कि राजकीय स्कूल में गरीब लोगों के बच्चे ही बढ़ते हैं। सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है। गणित और विज्ञान के शिक्षक नहीं होने से बेटी कैसे डाक्टर और इंजीनियर बनेगी। उनके उच्च शिक्षा लेने का सपना कैसे पूरा होगा। उन्होंने कहा कि स्कूल में पीने के स्वच्छ जल की व्यवस्था नहीं है। सफाई कर्मी के अभाव में उचित सफाई नहीं होती है।

ताला लगने के बाद टूटती नींद

ग्रामीणों का कहना है कि वे शिक्षकों की बाबत जिला व खंड शिक्षा अधिकारियों से कई बार मिल चुके हैं। उन्होंने आश्वासन भी दिया था, लेकिन शिक्षक नहीं भेजे। मजबूरी में उन्हें स्कूल पर ताला लगाना पड़ा। विभाग के प्रति भड़ास निकालनी पड़ी। विरोध के बाद तीन शिक्षकों के खाली पदों को भरने का काम शुरू हुआ।

भरे जाएंगे खाली पद

खंड शिक्षा अधिकारी बृजमोहन गोयल कहते हैं कि अंग्रेजी के शिक्षक आज ही स्कूल में भेज दिए गए। जिला शिक्षा अधिकारी से बात हो गई है। उन्होंने गणित के सरप्लस शिक्षक को यहां भेजने की बात कही है। सरपंच ने डेपुटेशन पर गए एक शिक्षक को दोबारा लाने की बात कही है। पंचायत का प्रस्ताव मिलते ही दूसरी जगह पदास्थापित शिक्षक को यहां बुला लिया जाएगा। शेष खाली पदों को भी जल्द भरने का प्रयास किया जाएगा।

तबादला होने वाले शिक्षक की परेशानी

कुराड़ राजकीय सीसे स्कूल में कार्यरत शिक्षक दीपक का कहना है कि गत 21 जून के बाद चार बार उनका तबादला हो चुका है। वे पहले कुराड़ से छिछराना, फिर डीओ आफिस वहां से दोबारा कुराड़ आए। अब नारायणा भेजे जा रहे हैं वह भी रेगुलर पद पर नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.