बहू-बेटे के विवाद में विजयलक्ष्मी का समधी जनार्दन द्विवेदी पर हमला
पानीपत के प्रसिद्ध निर्यातक अजय पालीवाल के बेटे और बहू के विवाद में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। पालीवाल की पत्नी विजयलक्ष्मी पालीवाल ने समधी जनार्दन द्विवेदी पर हमला किया है।
जेएनएन, पानीपत। प्रसिद्ध निर्यातक अजय पालीवाल की पत्नी विजयलक्ष्मी पालीवाल ने बेटे और बहू के विवाद में समधी वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी पर हमले किए हैं। विजयलक्ष्मी पालीवाल समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी में शेयर होल्डिंग के लिए उनके बेटे अभिजात पर द्विवेदी परिवार अनावश्यक रूप से दबाव बना रहा है। उपहार के रूप में पुत्रवधू अस्मिता को कंपनी में जब 50 फीसद शेयर गिफ्ट किया था तो उसका दुरुपयोग किया जाने लगा। यह प्रकरण पानीपत कोर्ट में विचाराधीन है।
कहा, 50 फीसद कंपनी का शेयर अस्मिता को उपहार में दिया तो किया उसका दुरुपयोग
बता दें कि विजयलक्ष्मी के बेटे अभिजात से पुलिस ने बुधवार को नौ घंटे तक चांदनी बाग थाने में पूछताछ की थी। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के रहने वाले जनार्दन द्विवेदी की बेटी अस्मिता और पानीपत के उद्यमी अजय पालीवाल के बेटे अभिजात की शादी 10 मई 2006 को हुई थी।
अभिजात की मां विजयलक्ष्मी पालीवाल का कहना है कि शादी के बाद से ही जनार्दन द्विवेदी अपने राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग करने लगे। कंपनी का शेयर बेटी अस्मिता के नाम करने का दबाव बनाने लगे। पालीवाल परिवार को तंग करने के लिए ओछे हथकंडे अपनाए गए। शेयर के लिए डराया धमकाया भी गया।
विजयलक्ष्मी पालीवाल ने कहा कि इसके बाद द्विवेदी परिवार की तरफ से 2016 में गुरुग्राम में केस दर्ज करा दिया गया। महिला थाने में दर्ज एफआइआर में सारे सुबूत उपलब्ध कराने पर जब उन्हें लगा कि केस में हार होगी तो पानीपत कोर्ट में मेरे बेटे अभिजात पर एफआइआर करा दी। चांदनी बाग पुलिस ने जांच शुरू करने के लिए बुधवार को अभिजात को लगभग आठ घंटे तक हिरासत में रखा। उन्होंने कहा कि वह जांच में पुलिस को पूरा सहयोग करेंगी।
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दोबारा नहीं करा सकते एफआइआर
विजयलक्ष्मी पालीवाल ने कहा कि केस जब कोर्ट में चल रहा है तो दोबारा एफआइआर कराने का मतलब ही नहीं बनता है। पालीवाल परिवार को बदनाम करने के लिए जनार्दन द्विवेदी ने साजिश रची। पालीवाल परिवार की मर्यादा को बनाए रखने के लिए उनका बेटा अभिजात कानून के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाना चाहता।
पिता-पुत्री बोले, निजी मामला, कुछ नहीं कहेंगे
इस बारे में बात किए जाने पर कांग्र्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने फोन पर कहा कि सार्वजनिक रूप से इस बारे में मैं कुछ भी नहीं कहना चाहता हूं। न्यायालय पर मुझे पूरा भरोसा है। वह (विजय लक्ष्मी) कुछ भी कहें उनकी नीयत और दृष्टि उनकी जगह पर है। उनकी पुत्री अस्मिता ने कहाए 'यह मेरा निजी मामला है। इस बारे में कुछ भी बात नहीं करना चाहती हूं। धन्यवाद..।'