हरियाणा में एक और रिश्वतकांड, सीएम सिटी करनाल में पंचायती राज का जेई रिश्वत लेते गिरफ्तार
हरियाणा सरकार की घूसखोर अधिकारियों और कर्मचारियों पर नजर है। 15 हजार की रिश्वत लेते पंचायती राज का जेई गिरफ्तार किया गया है। करनाल विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आज उसे अदालत में पेश किया जाएगा।
करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल विजिलेंस ने रिश्वतखोर कर्मचारियों व अधिकारियों पर लगातार आंखें तरेरी हुई हैं। विभाग की टीम ने ठेकेदार से बिल पास करने की एवज में रिश्वत मांगने वाले पंचायती राज विभाग के जेई आनंद प्रकाश को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। टीम ने उसके कब्जे से रिश्वत की 15 हजार रुपये की राशि भी बरामद की है।
ठेकेदार नरेश कुमार ने विजिलेंस को शिकायत दी थी कि खंड विकास एवं पंचायती राज कार्यालय में कार्यरत जेई आनंद प्रकाश उससे निर्माण कार्यों के बिल पास करने के एवज में 15 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस की ओर से इंस्पेक्टर प्रवीण कुमारी के नेतृत्व में टीम गठित की गई। इसके बाद ठेकेदार को रिश्वत की राशि के साथ भेजा गया। दाेपहर के समय रिश्वतखोर जेई न्यायपुरी स्थित विभागीय कार्यालय के पास चाय के खोखे पर था। उसी समय ठेकेदार वहां पहुंचा। जैसे ही जेई ने रिश्वत की राशि ली, वैसे ही टीम ने उसे दबोच लिया।
उसे गिरफ्तार करने के साथ ही टीम ने प्राथमिक स्तर पर पूछताछ शुरू कर दी। जबकि मंगलवार को आरोपित जेई को अदालत में पेश करके रिमांड पर लिया जाएगा। विजिलेंस इंस्पेक्टर सचिन कुमार का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद यह कार्रवाई अमल में लाई गई है। इस मामले में जांच की जा रही है।
कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक लपेटे में
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो रिश्वतखोर अधिकारियों व कर्मचारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है। अब तक टीम को कई कामयाबी भी हासिल हो चुकी हैं। इसी साल मार्च माह में टीम ने करनाल के तत्कालीन डीटीपी विक्रम को रिश्वत सहित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद करनाल के तत्कालीन तहसीलदार राजबख्श को गिरफ्तार किया गया। टीम ने अगस्त माह में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के जेई प्रद्युमन सिंह को कंप्लीशन सर्टिफिकेट की एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।
जेई के घर से करीब 20 लाख रुपये भी बरामद हुए थे। जांच में पता चला था कि प्राधिकरण में करनाल के संपदा अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे दीपक घणघस को रिश्वत की राशि जाती थी। इसी आधार पर घणघस को भी गिरफ्तार कर लिया गया। फिर इसी मामले में प्राधिकरण की कर्मचारी शशि बाला को भी गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा भी विजिलेंस टीम कई कर्मचारियों को अलग अलग मामलों में रिश्वत सहित गिरफ्तार कर चुकी है।