निगम का सेवानिवृत्त क्लर्क भी गिरफ्तार
टैक्स कम कराने की एवज में रिश्वत मांगने का मामला, तीन दिन में हो चुकी है दूसरी गिरफ्तारी, रिमांड में कपिल ने किए कई खुलासे।
जागरण संवाददाता, पानीपत: नगर निगम में टैक्स कम कराने की एवज में रिश्वत मांगने के मामले की परतें खुलने लगी हैं। इस कड़ी में विजिलेंस ब्यूरो ने गुरुवार को नगर निगम से सेवानिवृत्त होने के बाद कथित रूप से निगम का काम कर रहे कालखा गांव के सुमेर ¨सह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सुमेर भी गिरोह का हिस्सा रहा है।
निगम के कार्यकारी अधिकारी अरुण से भी हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इसी तरह से रिश्वत प्रकरण में निगम के इंजीनियर अजीत गर्ग, कनिष्ठ अभियंता वीरेंद्र मलिक, कर अधीक्षक मनोज के नाम भी सामने आए है। इनसे 11 फरवरी को पूछताछ की जाएगी। ये कार्रवाई विजिलेंस के दो दिन के रिमांड पर चल रहे नगर निगम के फर्जी अकाउंटेंट लोहारी के कपिल से पूछताछ के बाद की है। जांच की जद में कई कर्मचारी
विजिलेंस की जांच की जद में और भी कई अधिकारी व कर्मचारी हैं। इससे नगर निगम में हड़कंप मचा हुआ है। विजिलेंस इंस्पेक्टर संजय कुमार ने बताया कि ईओ अरुण कुमार ने एक दिन का समय मांगा है। उनसे शुक्रवार को फिर से पूछताछ की जाएगी। रिश्वत मामले में कई अधिकारियों व कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो सकती है। कांग्रेस नेता से मांगी थी रिश्वत
कांग्रेस नेता मॉडल टाउन निवासी रणबीर देसवाल ने विजिलेंस को शिकायत दी थी कि देसवाल चौक स्थित उनके पेट्रोल पंप का टैक्स कम कराने की एवज में फर्जी अकाउंटेंट कपिल ने 35 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। गत मंगलवार को विजिलेंस ने नगर निगम में छापा मारकर कपिल को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। आरोपित से फर्जी पहचान पत्र मिला था। फर्जी कर्मचारी वसूल रहे लोगों से रुपये
नगर निगम में 12 से ज्यादा ऐसे लोग हैं जो कथित रूप से निगम के कर्मचारी बताकर काम कर रहे हैं। इसमें कई सेवानिवृत्त कर्मचारी भी हैं। वे लोगों को टैक्स कम कराने व अन्य काम कराने का झांसा देकर रुपये वसूलते हैं। इन लोगों पर भी विजिलेंस की नजर है।