बच्चियों के साथ दुष्कर्म की उप राष्ट्रपति ने भी की निंदा, कहा-महिलाओं का करें सम्मान
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय 31वें दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति एम वैकेंया नायडू पहुंचे।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय 31वें दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडु पहुंचे। उन्होंने विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान किए। इस मौके पर वह छात्रों को राष्ट्रीयता का पाठ पढ़ा गए।
बतौर मुख्य अतिथि उप राष्ट्रपति ने कहा कि आगे बढ़ें लेकिन सबसे पहला धर्म राष्ट्र धर्म होना चाहिए। देश में बच्चियों के साथ हो रही घटनाओं पर भी उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह निंदनीय है।
उपराष्ट्रपति का पूरा भाषण आरक्षण के नाम पर देश भर में हुई हिंसा और महिला व बच्चियों के साथ आए दिन हो रही घटनाओं पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को शातिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने व आदोलन करने का हक है। हिंसात्मक रूप से आदोलन करने का मतलब देश को गर्त में ले जाना है और यह ठीक नहीं है। इसी तरह उन्होंने बच्चियों के साथ हो रही घटनाओं को जिक्र करते हुए कि भारत में महिलाओं का गौरवशाली इतिहास रहा है। देश को आगे ले जाने में उनका बड़ा योगदान रहा है। इसी लिए इस देश का नाम भारत माता है। यहा माताओं का सम्मान किया जाता है, देवी के रूप में पूजा होती है। जिस समाज व देश में महिलाओं का सम्मान किया जाता है वह तरक्की करता है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे कहीं भी जाएं लेकिन राष्ट्रीयता मन में होनी चाहिए। महिलाओं का सम्मान करें। अपनी मातृ भाषा से प्यार करें। देश को सुराज की ओर ले जाएं क्योंकि केवल प्रधानमंत्री या मंत्रियों का ही काम नहीं है कि देश के बारे में सोचें। देश के युवाओं को सोचना होगा और ऐसे देश का निर्माण करना करना होगा जिसमें जाति का भेदभाव नहीं हो। जाति के नाम पर एक दूसरे का विरोध नहीं करें। सभी एक दूसरे का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल भी केवल चुनाव के समय राजनीति करें, बाकी समय देश व प्रदेश के विकास में लगाएं।
समारोह में हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, राज्य के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा भी मौजूद रहे। ओडिटोरियम हाल में आयोजित दीक्षांत समारोह में दो हजार से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। बड़ी संख्या में शिक्षाविद्, मंत्रीगण व विधायक ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।