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UPSC Civil Services Final Result 2019: सीबीएसई 10वीं में ऑल इंडिया सेकेंड टॉपर रहीं निकिता की एक और छलांग, यूपीएससी में 67वां रैंक

UPSC Civil Services Final Result 2019 पानीपत की निकिता ने यूपीएससी में 67वां रैंक हासिल किया है। बिना कोचिंग के मुकाम हासिल करने वाली निकिता पहले भी सीबीएसई की सेकंड टॉपर रह चुकी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 07:02 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 01:31 PM (IST)
UPSC Civil Services Final Result 2019: सीबीएसई 10वीं में ऑल इंडिया सेकेंड टॉपर रहीं निकिता की एक और छलांग, यूपीएससी में 67वां रैंक
UPSC Civil Services Final Result 2019: सीबीएसई 10वीं में ऑल इंडिया सेकेंड टॉपर रहीं निकिता की एक और छलांग, यूपीएससी में 67वां रैंक

पानीपत, जेएनएन। UPSC Civil Services Examination 2019 result पानीपत के थर्मल कॉलोनी की निकिता यादव ने यूपीएससी की परीक्षा में 67वां रैंक हासिल किया है। इससे पहले निकिता ने वर्ष 2019 में यूपीएससी की परीक्षा में 629वां रैंक हासिल किया था। उनका नाम आइआरएस की वेटिंग लिस्ट में था और अभी तक इसके लिए उनकी ज्‍वाइनिंग नहीं हुई थी।

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निकिता यादव के पिता एलएस यादव 2017 में पानीपत थर्मल पावर स्टेशन से एक्सईएन के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मां रामकला यादव गृहिणी हैं। निकिता के भाई निखिल यादव व भाभी पूजा यादव मुंबई में कस्टम ऑफिसर हैं। वे मूल रूप से गुरुग्राम के गांव भौड़ा कलां के रहने वाले हैं।

10वीं में रही थी ऑल इंडिया सेकेंड टॉपर

डीएवी स्कूल थर्मल में पढ़ी निकिता यादव ने वर्ष 2008 में 10वीं की परीक्षा में 98.2त्न अंक लेकर सीबीएसई में ऑल इंडिया सेकेंड टॉपर रही थी। 2010 में 12वीं नॉन मेडिकल में 94.6 प्रतिशत अंक लेकर स्कूल टॉपर रही थीं। उसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए इकोनॉमिक व एमए इकोनॉमिक्स की पढाई की। निकिता ने बताया कि यूपीएससी के लिए उन्होंने कहीं पर भी कोचिंग नहीं ली। सेल्फ स्टडी से ही तैयारी की और अच्छा रैंक लेने में सफलता हासिल की।

सफलता हासिल करने को रहना पड़ा परिवार से दूर

निकिता ने बताया कि वर्ष 2010 में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद से ही वह दिल्ली में पढ़ाई कर रही थी। जब कॉलेज में गई तो पता चला समाज की सेवा करने के लिए यूपीएससी से अच्छा कोई अन्य प्लेटफार्म नहीं है। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी करने लगी। वर्ष 2017 में रिटायरमेंट के बाद माता व पिता दोनों ही मुंबई में भाई के पास रहने लगे थे। सफलता हासिल करने के लिए वह हर रोज 14 से 16 घंटे पढ़ाई करती थी। रिजल्ट का पता लगते ही खुशी सांझा करने के लिए सबसे पहले अपने पिता को फोन किया। उसके बाद मां, भाई भाभी से बात की।


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