रेलवे का अनोखा नियम, ट्रेन लेट तो कोई बात नहीं, 30 मिनट तक वाहन नहीं निकला तो एक हजार रुपये जुर्माना
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पिकअप एंड ड्राप लेन के लिए लागू नई पालिसी यात्रियों के लिए आफत बनने वाली है।नई दिल्ली की तर्ज पर चंडीगढ़ में भी टेंडर दिया गया है। अन्य स्टेशनों पर योजना पाइपलाइन में रखी गई है। लेकिन यह नियम आते ही विवादों में आ गया है।
अंबाला, दीपक बहल। रेलवे का अनोखा फरमान... नियम ऐसे की एयरपोर्ट के निर्देश भी कमजोर दिखाई दें। बात चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन की है, जहां पिकअप एंड ड्राप लेन में यदि तीस मिनट से अधिक गाड़ी खड़ी हुई तो एक हजार रुपये जुर्माना देन के लिए तैयार हो जाएं। ट्रेन भले ही लेट हो जाए लेकिन यदि आप का एक मिनट भी पिकअप एंड ड्राप लेन में अधिक हो गया, तो कोई सुनवाई नहीं है।
छह मिनट तक ही नहीं लगेगी फीस
नई दिल्ली की तर्ज पर चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर भी कुछ ऐसे ही नियम अब लागू कर दिए गए हैं। हालांकि दिल्ली में आठ मिनट तक इस लाइन में कोई चार्ज नहीं है, जबकि चंडीगढ़ स्टेशन पर ही छह मिनट तक ही निशुल्क गाड़ी खड़ी कर सकते हो। यह नया नियम लागू होते ही विवादों में आ गया, जिसको लेकर इंटरनेट मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। हालांकि अंबाला रेल मंडल के अधिकारी इस नियम को सुविधाजनक और सेफ्टी से जुड़ा बता रहे हैं।
23 सितंबर को नियम लागू, अब विवाद
अंबाला रेल मंडल ने एक फर्म को चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पिकअप एंड ड्राप लेन के लिए करीब 11.15 करोड़ रुपये का ठेका पांच साल के लिए दिया है। पहले वाहन का कोई चार्ज नहीं था, लेकिन अब रेलवे ने छह मिनट तक वाहन खड़ा रहने पर कोई चार्ज नहीं लगाया है। रेलवे का उद्देश्य है कि स्टेशन में प्रवेश करते ही यात्री को उतारें या चढ़ाएं तो तय समय में बाहर आ जाएं। यदि छह मिनट के बाद सात से पंद्रह मिनट तक नान कामर्शियल गाड़ी खड़ी होती है, तो पचास रुपये और सोलह से तीन मिनट के लिए दो सौ रुपये फीस देनी होगी। यात्रियों के मुताबिक यह फीस बहुत अधिक है। दिक्कत उस समय होगी, यदि तीस मिनट के बाद खड़ी रहती है तो एक हजार रुपये जुर्माना अदा करने के बाद ही आपकी गाड़ी स्टेशन से बाहर निकल सकती है। यह राशि कंपनी के खाते में जाएगी।
इस तरह बनाया गया है सिस्टम
चंडीगढ़ स्टेशन पर एंट्री करते ही तीन अलग-अलग बूम बैरियर लगे हैं। एंट्री करते ही वाहन चालक को पर्ची दी जाती है, जिस पर समय अंकित है। यदि यह वाहन तीस मिनट के अधिक खड़ा होता है, तो आउट साइड से एक हजार रुपये की जुर्माना मिलने के बाद ही गाड़ी को बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।
कामर्शियल पर इस तरह से है चार्ज
यदि कामर्शियल गाड़ी छह मिनट तक खड़ी रहती है तो उसे तीस रुपये देने होंगे। सात से पंद्रह मिनट के लिए पचास रुपये, सोलह से तीस मिनट पर दो सौ रुपये और तीन मिनट से अधिक पर एक हजार रुपये जुर्माना देना होगा।
ट्वीटर पर रेलवे ने बताए नियम
पंजाब से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने रेलवे के ट्वीट पर नये नियमों को लागू करने पर इसका विरोध किया है। अंबाला रेल मंडल की ओर से बताया गया है कि एक हजार रुपये पार्किंग फीस नहीं बल्कि जुर्माने के हैं। रेलवे ने साथ ही पार्किंग फीस को भी सार्वजनिक की है।
सुविधा और सेफ्टी यात्रियों की : सीनियर डीसीएम
अंबाला रेल मंडल के सीनियर डीसीएम हरिमोहन ने कहा कि नई दिल्ली की तर्ज पर इसे लागू किया गया है। जो यात्रियों की सुविधा और सेफ्टी से जुड़ा है। उनका कहना है कि यह कोई पार्किंग फीस नहीं है, जुर्माना राशि है, जो नियमों के तहत है। पिकअप एंड ड्राप लेन में पार्किंग की सुविधा है, जहां पर गाड़ियां खड़ी की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ स्टेशन से एक महिला को आटो से ले जाया गया था, जिसको देखते हुए यह कदम उठाये गए हैं।