केंद्रीय राज्यमंत्री बालियान का आरोप, CAA को लेकर हिंसा फैलाने में विपक्ष का हाथ Panipat News
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ फैलाई जा रहीं भ्रामक जानकारी के लिए जागरूकता अभियान में करनाल पहुंचे।
पानीपत/करनाल, जेएनएन। केंद्रीय पशुधन, मत्स्य एवं पशुपालन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल नागरिक संशोधन कानून के प्रति जनता को भ्रमित कर रहे हैं। साथ ही वोट बैंक की राजनीति के चलते हिंसा फैलाने में भी उनका हाथ है। उन्होंने ननकाना साहिब की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं तथा अन्य अल्पसंख्यकों के साथ कितना अमानवीय व्यवहार हो रहा है।
सोमवार को करनाल पहुंचे केन्द्रीय राज्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने सीएए मानवता की भलाई के लिए बनाया है। यह कानून भाजपा के 2014 के चुनावी एजेंडे में था, जिसे 2016 में भी संसद में पेश किया गया। 1955 में भी नागरिकता कानून बनाया गया था। अब वर्तमान सरकार ने संशोधन करके 11 वर्ष से घटाकर पांच वर्ष तक देश में रहने वाले शरणार्थियों को नागरिकता की राहत दी है। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने युगांडा व श्रीलंका के शरणार्थियों को भी भारत की नागरिकता दी थी। तब किसी ने विरोध नहीं किया।
ननकाना साहिब का किया जिक्र
उन्होंने कहा कि ननकाना साहिब में जो हुआ, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों से कितना दुर्व्यहार होता होगा। बंटवारे के समय 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या 23 प्रतिशत थी। 2011 में 3.7 प्रतिशत रह गई। अफगानिस्तान में भी यही हुआ।
पीएम मोदी का ठोस प्रयास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ठोस प्रयासों से नागरिकता संशोधन कानून पूरे देश में लागू होगा। इस बाबत जनजागरण अभियान के तहत वे यहां आए। कृषि व पशुपालन में अनुसंधान की स्थिति पर उन्होंने कहा कि यह सच है कि जब से ग्रामीण पृष्ठभूमि की प्रतिभाओं का इस क्षेत्र में आना घटा, तब से स्थिति बदल गई।
हिंसक विरोध नहीं होना चाहिए
वेस्ट यूपी के हिस्सों को हरियाणा में शामिल करने को उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर स्वागत योग्य प्रस्ताव बताया तो जातिगत आरक्षण पर आंदोलन से जुड़े सवाल पर स्पष्ट कहा कि सबको शांतिपूर्ण ढंग से बात रखने का हक है लेकिन, हिंसक विरोध नहीं होना चाहिए। आइसीआर के विभाजन पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री के स्तर से होने की बात कही। इससे पूर्व सांसद संजय भाटिया, विधायक रामकुमार कश्यप, वेदपाल, जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद, निर्मला बैरागी, राजबीर शर्मा, शमशेर नैन, शशिपाल मेहता, बख्शीश सिंह, रमेश कश्यप, यशपाल ठाकुर, गुरविन्द्र धमीजा, जयपाल शर्मा, इलम सिंह, प्रवीण लाठर, दीपक गुप्ता व अमर ठक्कर आदि ने डॉ. बालियान का स्वागत किया। केंद्रीय राज्यमंत्री को गारद की ओर से सलामी भी दी गई।