सेक्टरवासी स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस के ठेकों से नाखुश, निगम अब वार्डों का ठेका देने की तैयार में लगा
वार्डों की स्ट्रीट लाइटों का दिसंबर महीने में टेंडर हो गया था खत्म, कमिश्नर ने नहीं बढ़ाया था ठेका, डीसी रेट पर कर्मी लगाकर किया जा रहा था काम
जागरण संवाददाता, पानीपत : सेक्टरों में स्ट्रीट लाइटों की मेंटनेंस का ठेका प्राइवेट कंपनियों को देकर अंधेरे में डूबा नगर निगम अब शहर के वार्डों में स्ट्रीट लाइटों की मेंटेनेंस का भी ठेका देने की तैयारी में है। नगर निगम ने शहर के पुराने 24 वार्डों को आधार मानकर दो टेंडर लगा दिए हैं। अधिकारियों का दावा है कि कंपनियों को काम देने से स्ट्रीट लाइटों के मेंटेनेंस में सुधार आएगा। जबकि शहर की सरकार इसको जरूरी भी नहीं मान रही।
शहर के वार्डों का टेंडर निगम के आम चुनाव के दौरान खत्म हो गया था। अधिकारियों ने पिछली कंपनियों की मनमर्जी को देखते हुए उनका ठेका नहीं बढ़ाया। अधिकारियों ने एएलएम और कर्मी डीसी रेट पर नियुक्त कर दिए। ये सब लाइट इंस्पेक्टर बलदेव की देखरेख में काम करने लगे। डीसी रेट के कर्मचारी शिकायत मिलते ही तुरंत ठीक कर देते हैं। नई की बजाय पुरानी वार्डबंदी पर टेंडर
अधिकारियों ने नगर निगम की नई की बजाय पुरानी वार्डबंदी पर ही टेंडर लगाए हैं। वार्ड-1 से 13 तक का 28.56 लाख और वार्ड-14 से 24 का 38.24 लाख का टेंडर लगाया है। दोनों टेंडर 21 जनवरी को खुलने की संभावना है। टैक्नीकल अधिकारी नियम व शर्तों पर खरा उतरने वाली कंपनियों को ही टेंडर देंगे। सेक्टरों में मेंटेनेंस अधिकारियों और कंपनी के बीच उलझा
नगर निगम ने सेक्टरों के दो टेंडर एक कंपनी को छोड़े थे। एक टेंडर सेक्टर-6-7, 18 और 13-17 का था। जबकि दूसरा सेक्टर-11-12, 25 और 29 का था। इन सेक्टरों में स्ट्रीट लाइटों की मेंटेनेंस की संतोषजनक रिपोर्ट नहीं है। डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा ने बताया कि निगम और कंपनी अधिकारी स्ट्रीट लाइटों के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठा रहे। सेक्टर में गत 14 महीने से काम नहीं हो पा रहा है। अधिकारी उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहे। क्या कहते हैं अधिकारी
वार्डों में स्ट्रीट लाइटों के टेंडर लगाए गए हैं। निर्धारित तारीख पर टेंडर फाइनल कर दिए जाएंगे। कंपनियों से अंडरटै¨कग ली जाएगी। किसी तरह की काम में शिकायत मिलेगी तो ठेका कैंसल भी किया जा सकता है।
रमेश कुमार, एसई, नगर निगम। वार्डों में स्ट्रीट लाइट लगवाने के साथ इनकी मरम्मत करना दोनों जरूरी हैं। निगम अब डीसी रेट पर एएलएम व लाइनमैन लगाकर काम करवा रहा है। वार्डों में स्ट्रीट लाइटों की पहले से स्थिति में सुधार है। वे अधिकारियों से कंपनियों को टेंडर देने की रिपोर्ट लेंगी। अगर जरूरी नहीं हुआ तो निगम खुद भी मेंटेनेंस का काम संभाल सकता है।
अवनीत कौर, मेयर।