Lunar and Solar Eclipse 2020: जून-जुलाई में दो चंद्र-एक सूर्य ग्रहण, ग्रहों की बदलेगी चाल, इन राशि को नुकसान
जून और जुलाई महीने में दो चंद्र और एक सूर्य ग्रहण होने जा रहा है। ग्रहण की वजह से ग्रहों की चाल बदलेगी और कुछ राशि में प्रभाव भी पड़ेगा।
पानीपत/यमुनानगर, [शैलजा त्यागी]। इस बार जून-जुलाई में दो चंद्र व एक सूर्य ग्रहण होगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक ग्रहण के दौरान ग्रहों की चाल की वजह से देश-दुनिया में कई तरह की बदलाव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। प्राकृतिक आपदा व आर्थिक मंदी भी प्रभाव दिखा सकती है।
बिलासपुर सैनी मोहल्ला के पंडित मेघनाथ शर्मा के मुताबिक दोनों चंद्र ग्रहण उपछाया होंगे। पहला चंद्र ग्रहण पांच-छह जून की रात को होगा। दूसरा पांच जुलाई को होगा। जबकि 21 जून को होने वाला सूर्य ग्रहण कंकणाकृति ( सूर्य में छोटे-छोटे धब्बे उभरते हैं जो कंकण के आकार के होते हैं ) होगा। इस दिन आषाढ़ मास की अमावस्या, मृगशीर्ष नक्षत्र मिथुन राशि में होंगे। ग्रहण को भारत, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, के कुछ शहरों में ही देखा जा सकेगा। ग्रहण कुछ भागों में कंकणाकृति व शेष भारत में खंडग्रास (वह अवस्था जब ग्रहण सूर्य या चंद्रमा के कुछ अंश पर ही लगता है) के रूप में दिखाई देगा। भारत के कुछ हिस्सों में ग्रहण सुबह 10 बजकर 10 मिनट से शुरू हो जाएगा, जोकि दोपहर एक बजकर 42 मिनट तक रहेगा। ग्रहण का सूतक 20 जून की रात को दस बजकर 10 मिनट से शुरू हो जाएगा।
ये रहेगा असर
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक ग्रहण मेष, ङ्क्षसह, कन्या व मकर राशि के लिए शुभ होगा। जबकि मिथुन, कर्क, वृश्चिक मीन के लिए भारी हो पड़ सकता है। वृषभ, तुला, धनु व कुंभ राशि पर ग्रहण का मिलाजुला असर देखने को मिलेगा।
दान करना हैं लाभदायक
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक जिन राशि के जातकों पर ग्रहण का प्रभाव होगा, उन्हें अन्न, वस्त्र व धन का दान करना चाहिए। गऊशाला व कोढिय़ों को धन का दान करें, अन्न व वस्त्र का दान करने से ग्रहों का प्रभाव कम किया जा सकता है। ग्रहण के दौरान खाद्य पदार्थों में कुशा डाल दें। इस दौरान प्रभु का सुमिरन करें। मूर्ति स्पर्श करना व खाना-पीना ग्रहण के दौरान निषेध माना गया है।
पांच ग्रह बदलेंगे चाल
पंडित मेघनाथ शर्मा ने बताया कि पांच ग्रह चाल बदलकर वक्री (टेढी चाल) हो जाएंगे। राहु मिथुन राशि में, शनि व गुरु मकर राशि में, शुक्र भी वृषभ राशि में वक्री होंगे। इन चारों विक्री ग्रहों के साथ 18 जून को बुध, मिथुन राशि में वक्री होंगे। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक पांच ग्रहों का वक्री होना, जिससे मुश्किल बढ़ता है। दो प्रमुख ग्रह शनि व गुरु का एक साथ मकर राशि में वक्री होना भी कठिन है।
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