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दो दोस्त बन गए नटवरलाल, करोड़ों की प्रॉपर्टी की कर डाली हेराफेरी Panipat News

दो दोस्तों ने सगे भाई बनकर करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी की ट्रांसफर डीड करा डाली। इससे स्टांप ड्यूटी की भी चोरी की। थाना शहर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 18 Jun 2019 01:43 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jun 2019 01:44 PM (IST)
दो दोस्त बन गए नटवरलाल, करोड़ों की प्रॉपर्टी की कर डाली हेराफेरी Panipat News
दो दोस्त बन गए नटवरलाल, करोड़ों की प्रॉपर्टी की कर डाली हेराफेरी Panipat News

पानीपत, जेएनएन। नटवरलाल दो दोस्तों ने रामस्वरुप चौक पर करोड़ों रुपये कीमत की एक प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने के बजाय ट्रांसफर डीड करा ली। दोनों के पिता का नाम एक ही होने पर तहसील कार्यालय में भी अधिकारियों के पकड़ में नहीं आ पाया। दोनों ने इसी का फायदा उठाते हुए खुद को सगे भाई दिखाया। अब उनकी चालबाजी पकड़ी गई। एक प्रॉपर्टी डीलर की शिकायत पर एसपी को शिकायत देकर दोनों के खिलाफ थाना शहर में धोखाधड़ी का केस दर्ज कर दिया है। 

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देसराज कॉलोनी के सौरभ जैन ने एसपी को लिखित शिकायत दी है। उसने पुरानी हाउङ्क्षसग बोर्ड कॉलोनी के अनिल कुमार और घनश्याम दास पर धोखाधड़ी, तथ्यो को छुपाने, विक्रय पत्र की जगह ब्लड रिलेशन में ट्रांसफर डीड करवाकर सरकार को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाने और स्टांप ड्यूटी चोरी करने का आरोप लगाया है। उसने बताया कि वह प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त का काम करता है। वह पहले एकक जिम भी चलाता था। 

जिम में आने वाले लड़के ने करवाई जान पहचान
कुछ समय पहले उसकी जिम पर एक लड़के ने बताया कि उसके जानकार की एक प्रॉपर्टी रामस्वरुप चौक के पास है। वह इसको बेचना चाहता है। जब उसने उससे प्रॉपर्टी के कागजात मांगे तो उसने बताया कि कागज उनको खुद ही निकलवाने पड़ेंगे। वह इसका खर्चा दे देगा। उसने केवल नाम घनश्याम दास निवासी हाउङ्क्षसग बोर्ड कॉलोनी और वसीका नंबर 9023 बताया। उसने तहसील में प्रॉपर्टी की प्रमाणित कापी निकलवाने बारे दरखास्त दी। 

इस तरह हुआ पर्दाफाश
वह इसी दौरान प्रॉपर्टी के काम से काफी समय से देहरादून में व्यस्त हो गया। उसको अब पता चला है कि अनिल कुमार पुरानी हाउङ्क्षसग बोर्ड कॉलोनी ने अपनी तीन बीघे 12 बिस्वा जमीन स्थित पति राजपुतान अंदर सीमा नगर निगम, पानीपत घनश्याम दास पुरानी हाउङ्क्षसग बोर्ड कॉलोनी के नाम ट्रांसफर डीड दो फरवरी 2015 को एसआर पानीपत ब्लड रिलेशन में भाई दिखाकर करा दी। 

गवाहों के साथ मिलीभगत कर ऐसा किया 
उसको अब पता चला है कि अनिल कुमार व घनश्याम दास सगे भाई नहीं है, बल्कि दोनों दोस्त हैं। वे इक्टठा व्यापार करते थे। दोनों आरोपितों ने अपने पिता का नाम एक जैसा होने का गलत फायदा उठाकर धोखाधड़ी व जालसाज करते हुए अपराधिक षडयंत्र रचकर, गवाहों के साथ मिलीभगत कर तहसील महकमा के अधिकारियो की आंखो में धूल झोंकते हुए लाखों रुपये की स्टांप ड्यूटी चोरी कर ली। 

आगे भी ट्रांसफर डीड कराने की आशंका 
उसने आशंका जताई कि घनश्याम दास व अनिल ने मिलकर आगे भी उक्त ट्रांसफर डीड के आधार पर और भी कई व्यक्तियों को भूमि आपस में ट्रांसफर कर रखी होगी। उन्होंने इस मामले की गहनता से जांच करने की मांग उठाई है। उसका कहना है कि जांच में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आ सकते है। एसपी ने इस मामले की जांच इकॉनोमिक्स सैल को सौंप दी। पुलिस ने जांच रिपोर्ट के आधार पर धोखाधड़ी की धारा में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। 

मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। यह 2015 का मामला है। मैं इसका मंगलवार को ही रिकॉर्ड मंगाकर जांच करता हूं। विभागीय स्तर पर किसी तरह की कमी मिलती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी। 
डॉ. कुलदीप, तहसीलदार, पानीपत। 

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