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अजीजुलापुर में अतिक्रमण ढहाने पर हंगामा, दो दिन की मोहलत

जागरण संवाददाता पानीपत अजीजुल्लापुर गांव में तालाब पर बने अवैध मकानों को हटाने गई निगम की टीम को सोमवार को विरोध का सामना करना पड़ा। दो दिन का मोहलत देने के बाद निगम की टीम लौट आई। टीम बृहस्पतिवार को फिर से कार्रवाई करेगी। हाइकोर्ट के आदेश पर टीम अतिक्रमण हटाने गई थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 08:15 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 08:15 AM (IST)
अजीजुलापुर में अतिक्रमण ढहाने पर हंगामा, दो दिन की मोहलत
अजीजुलापुर में अतिक्रमण ढहाने पर हंगामा, दो दिन की मोहलत

जागरण संवाददाता, पानीपत : अजीजुलापुर गांव में तालाब पर बने अवैध मकानों को हटाने गई निगम की टीम को सोमवार को विरोध का सामना करना पड़ा। दो दिन की मोहलत देने के बाद निगम की टीम लौट आई। टीम बृहस्पतिवार को फिर से कार्रवाई करेगी। हाई कोर्ट के आदेश पर टीम अतिक्रमण हटाने गई थी। पूर्व मेयर भूपेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे।

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वार्ड नंबर एक में अजीजुलापुर गांव है। गांव में तालाब पर पांच लोगों ने कब्जा कर मकान बना लिया। निगम ने इसके अतिरिक्त फिरनी व अन्य जगहों पर कब्जा करने वाले 40 लोगों को भी नोटिस दे रखा है। ग्रामीणों ने सरकारी तालाब पर कब्जा होने की शिकायत हाई कोर्ट में लगा रखी है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नगर निगम पानीपत को कब्जा हटाने के आदेश दिए। निगम इस आदेश को तामिल कराने के सुबह दस बजे ही महिला पुलिसकर्मी गांव में पहुंची। निगम की टीम में एक्सईएन जीपी वधवा और एक्सईएन प्रदीप कल्याण शामिल थे। ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अनिल कौशिक की देखरेख में दोपहर 12 बजे से कार्रवाई शुरू हुई। निगम का अमला देखते ही सैकड़ों ग्रामीण विरोध करने पर उतारू हो गए।

पार्षद अनिता रानी के पति भी मौके पर पहुंचे। निगम के जेसीबी के आगे महिलाएं बैठ गईं। पुलिस की टीम के साथ अफसर कार्रवाई करने पर अड़े रहे। ग्रामीणों ने कुछ समय देने की अर्जी लगाई। निगम के एक्सईएन जीपी वधवा ने कहा कि दो घंटे का समय देंगे। हाई कोर्ट का आदेश है इसे हर हाल में तामिल कराएंगे। कब्जा हटवाने के बाद उन्हें रिपोर्ट भी सौंपनी है।

आठ माह पहले भी कार्रवाई

निगम की टीम गांव में तालाब पर से कब्जा हटवाने के लिए नौ माह पहले भी गई थी। ग्रामीणों ने कार्रवाई की तिथि आगे बढ़वा ली। मार्च 2020 में लॉकडाउन लग जाने के बाद इस पर कार्रवाई में देर हुई। बताया जा रहा है कि निगम की टीम तीसरी बार अतिक्रमण हटवाने पहुंची थी।

सिफारिश के फोन घनघनाए

लोगों के विरोध को देखते हुए अधिकारियों ने फोन बंद कर लिए। इस बीच पूर्व मेयर सरदार भूपेंद्र सिंह गांव में पहुंचे। बताया जा रहा है कि शहर के जन प्रतिनिधि ने निगम आयुक्त को फोन कर कुछ समय देने के लिए कहा। उसके बाद ही दो दिनों का समय दिया गया। शाम 4 बजे के बाद निगम की टीम लौट आई।

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ग्रामीणों को दो दिन का समय दिया गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर निगम की टीम अब बृहस्पतिवार को कब्जे हटाने जाएगी।

सुशील कुमार, निगम आयुक्त।


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