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सरकार से अप्रूव है ये चिटफंड कंपनी, ऐसा कह ठग ले गए 10 करोड़

दो चिटफंड कंपनी ने रकम दो गुना करने का झांसा देकर 10 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गईं। इन कंपनियों ने सरकार से अप्रूव होने के डॉक्यूमेंट्स दिखाकर ठगी की वारदात के अंजाम दिया।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 12:35 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 01:59 PM (IST)
सरकार से अप्रूव है ये चिटफंड कंपनी, ऐसा कह ठग ले गए 10 करोड़
सरकार से अप्रूव है ये चिटफंड कंपनी, ऐसा कह ठग ले गए 10 करोड़

पानीपत, जेएनएन। दो चिटफंड कंपनी पांच साल में रकम तीन गुना करने का झांसा देकर जिले के करीब 600 लोगों से 10 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गईं। कंपनियों ने संचालकों को ग्राहकों को यह कहकर फांसा कि कंपनी केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स से स्वीकृत है और इससे संबंधित दस्तावेज भी दिखाए। 

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थाना शहर पुलिस ने माल्वेंचल इंडिया लमिटेड और माल्वेंचल इफ्रांस्ट्रक्चर लिमिटेड के संचालक मध्य प्रदेश के देवास के टोक खुर्द के प्रवीन कुमार पटेल सहित 12 आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित चार धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। धोखाधड़ी का शिकार डॉक्टर, ट्रांसपोर्टर, शिक्षक और मजदूर भी हुए हैं। अभी पानीपत के 37 पीडि़त ही सामने आए हैं।

 छह हजार से ज्यादा लोगों से ठगी
पीडि़तों का दावा है कि कंपनी ने हरियाणा में पानीपत, फरीदाबाद, रेवाड़ी, जींद और करनाल सहित कई जिलों में 6000 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी लोगों से ठगी की है।

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इस तरह बनाईं दो कंपनी
ट्रांसपोर्टर ऊंटला के जगजीत सिंह ने बताया कि माल्वेंचल इंडिया लिमिटेड और माल्वेंचल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के पदाधिकारी प्रवीन पटेल और संजय वर्मा उसे जाटल रोड पर पंजाब नेशनल बैंक के पास मिले थे। उन्होंने बताया था कि बैंक के ऊपर उन्होंने 26 सितंबर 2012 को कंपनी कार्यालय खोला है। इसका मुख्यालय मध्यप्रदेश के इंदौर में है। 

एक मुश्त और किश्त योजना की शुरुवात की
उन्होंने साढ़े चार, पांच, आठ और दस साल की एक मुश्त योजना और किश्त भुगतान योजना शुरू की है। पांच साल में वे जमा राशि को तीन गुना करके देंगे। उसके पिता तारा सिंह बिजली निगम से सेवानिवृत्त हुए थे। उसने उन्हें मिले 13 लाख रुपये कंपनी में जमा करा दिए। उसे 2017 में 39 लाख रुपये कंपनी में देने थे। कंपनी पदाधिकारियों ने नोटबंदी होने से खाते सीज होने का हवाला दिया और 2017 में कार्यालय बंद करके फरार हो गए। उसके साथ धोखाधड़ी कर ली। 11 नवंबर 2018 को इसकी शिकायत एसपी को की थी। मामले मास्टर माइंड संजय वर्मा और प्रवीन कुमार पटेल हैं।

शपथ पत्र लेकर जमीन दी, उसमें भी कर ली धोखाधड़ी
जगजीत ने बताया कि माखन लाल वर्मा बताते थे कि उसकी पत्नी सुमन सरकारी शिक्षिका है। उन्होंने ग्राहकों को पॉलिसी बांड भी दिया। इसमें सिक्योरिटी के तौर पर जमीन दे देंगे। निवेशकों ने पानीपत में जमीन देने को कहा तो उन्होंने देवास में जमीन देने की बात कही। काफी निवेशकों ने देवास व उज्जैन में जमीन लेकर शपथ दे दिए कि उन्हें कंपनी से बकाया नहीं लेना है। बाद में निवेशकों को पता चला कि जमीन पहले से प्रशासन ने सील कर रखी थी। अधिकारियों के साथ मिलकर गलत तरीके से रजिस्ट्री करवा दी है। पीडि़तों ने रुपये मांगे तो उन्हें गुंडों से धमकी दिलाई गई। उत्तर प्रदेश के मेरठ के सिविल लाइन थाने में 28 फरवरी 2018 में मुकदमा दर्ज है। इस मामले में आरोपित प्रवीन कुमार पटेल गिरफ्तार हो चुका है। वह जेल में बंद है। इसी तरह से पुलिस माखन लाल के बेटे संजय वर्मा को भी मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था।  

ये लोग भी हुए ठगी के शिकार
कंपनी ने नरेंद्र, भीम, लख्मी, अनिल, रामफल, रमेश, सुमन, देवेंद्र, तारा, राजेंद्र, मदन, नरेंद्र, कृष्ण, संतोष, नंदकिशोर, सतवंती से धोखाधड़ी की है। इसके अलावा सुशीला, सूरजभान, रघबीर, सुरेंद्र कुमार, रमेश कुमार, नवीन कुमार, विजय कुमार, परमजीत कौर, चुन्नू झा, पिंटू ठाकुर, विनोद झा, महेंद्र, शकुंतला, रोहताश, शीला, कृष्णा, बिमला, सपना और कमलेश से भी ठगी की है। पीडि़त पानीपत, उरलाना कलां, नांगल खेड़ी सहित कई गांवों के हैं।    

इनके खिलाफ हुआ केस दर्ज
थाना शहर प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि जगजीत सिंह की शिकायत पर माखन लाल वर्मा, उनकी पत्नी सुमन वर्मा, बेटे संजय वर्मा, कंपनी संचालक प्रवीन कुमार पटेल, सलाहकार महेंद्र सिंह गोसाई, राकेश पटेल, संदीप चौधरी, उमेश नारविया, रामेश्वर, अमित रत्नाकर, नंदन रत्नाकर, महेंद्र चंद शर्मा और कपिल शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।


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