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एक ही जमाबंदी पर दो बैंकों से लोन, अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ घपला Panipat News

2017 में बैंक की ओर से की गई जांच में मामला पकड़ में आया। 22 कनाल जमीन रपौली में दोनों भाइयों की ओर से दस्तावेज लगाए थे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 03:39 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 03:39 PM (IST)
एक ही जमाबंदी पर दो बैंकों से लोन, अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ घपला Panipat News
एक ही जमाबंदी पर दो बैंकों से लोन, अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ घपला Panipat News

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। दो बैंकों में एक ही जमाबंदी के दस्तावेज लगाकर सतगौली गांव निवासी काबल सिंह व उसके भाई रूप सिंह ने धोखाधड़ी कर ली। दोनों भाइयों ने सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक व कॉर्पोरेशन बैंक को करीब 90 लाख रुपये का चूना लगा दिया। मामले का खुलासा बैंक की ओर से जांच के बाद हुआ। दोनों भाइयों को नोटिस जारी किए गए, लेकिन अभी तक पूरी रिकवरी नहीं हो सकी है। अब इस मामले में इकॉनॉमिक सेल से जांच के बाद दोनों आरोपितों पर केस दर्ज हुआ है। 

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सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक ऊंचा चांदना के ब्रांच मैनेजर प्रदीप कुमार ने बताया कि काबल सिंह व रूप सिंह की रपौली गांव में 22 कनाल जमीन है। दोनों ने 2016 में लोन लेने के लिए आवेदन किया। दस्तावेजों के तौर पर जमीन की जमाबंदी रखी गई। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद काबल सिंह को 27 लाख व रूप सिंह को 24 लाख का लोन जारी कर दिया गया। 2017 में हेड ऑफिस से आदेश हुए कि 10 लाख रुपये से अधिक के लोन वाले सभी कर्जदारों के दस्तावेजों की जांच की जाए। जब जांच की गई, तो सामने आया कि काबल सिंह व रूप सिंह ने कागजों में टेंपरिंग कर रखी है। इसके बाद ही यह मामला पकड़ में आया था। 

2015 में लिया कॉर्पोरेशन बैंक से लोन  

जांच में सामने आया कि दोनों भाईयों ने रपौली की जमीन की जमाबंदी पर ही कॉर्पोरेशन बैंक से भी 20-20 लाख रुपये का लोन ले रखा है। यह लोन भी क्लियर नहीं किया गया। अब उन्हीं दस्तावेजों में टेंपरिंग कर सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक से भी लोन पास करा लिया। ब्रांच मैनेजर प्रदीप कुमार ने बताया कि दोनों भाइयों को लीगल नोटिस भी जारी किए गए थे। अभी तक काबल सिंह से छह लाख व रूप सिंह से साढ़े सात लाख रुपये की ही रिकवरी हुई है। थाना छप्पर थाना प्रभारी जगबीर सिंह ने बताया कि इकॉनॉमिक सेल से जांच के बाद इस मामले में केस दर्ज करने के आदेश मिले थे। 

अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ था घपला

बताया जा रहा है कि 2017 में बैंक में कई और लोगों के नाम भी घपले में शामिल थे। बैंक की जांच में सामने आया था कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोन लिया गया है। जब बैंक ने इनको नोटिस दिए, तो आरोपितों ने खुद को बचाते हुए बैंक में लोन का पैसा जमा कर सेटलमेंट कर लिया था। उस समय भी यह घपला अधिकारियों की ही मिलीभगत से हुआ था। 


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